पटना: बिहार में कोरोना वायरस का खतरा बरकरार है. इस बीच प्राकृतिक आपदा ने भी सरकार की परेशानी बढ़ा दी है. पिछले 24 घंटों में वज्रपात से 103 लोगों की मौत हो चुकी है. ऐसे में एहतियात ही आम लोगों के लिए विकल्प है.
बिहार सरकार ने वज्रपात की समस्या को देखते हुए पिछले साल निजी कंपनी के साथ करार किया था और एक ऐप विकसित किया गया था. इस ऐप के जरिए लोगों को आधे घंटा पहले वज्रपात की जानकारी मिल जाएगी. बिहार में अब तक 50,000 लोगों ने इंद्र व्रज ऐप को डाउनलोड किया है.
2016 से वज्रपात से मौतों की संख्या में बढ़ोतरी
आपदा प्रबंधन विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष व्यास जी ने बताया कि साल 2016 से ही वज्रपात से लोगों की मौत की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. हालांकि, अभी तक कारणों का पता नहीं चल पाया है. लिहाजा गांव और शहर में रहने वाले लोगों को एहतियात बरतने की जरूरत है.
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72 घंटों में 239 लोगों की मौत
बिहार में वज्रपात से मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. पिछले 72 घंटों में 239 लोगों की मौत वज्रपात से हो चुकी है. खासकर के खेत में काम करने वाले इसकी चपेट में ज्यादा आ रहे हैं. सरकाल लगातार लोगों से अपील कर रही है कि वे बेवजह घरों से बाहर न निकलें.
सावधानी ही बचाव
आपदा प्रबंधन विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष व्यास जी ने कहा कि वज्रपात से बचने के लिए सावधानी ही बचाव है. व्यास जी ने बताया कि आसमान में अगर बिजली चमकने या गरजने लगे तो जल्द से जल्द पक्के के मकान में व्यक्ति को शरण ले लेना चाहिए. साथ ही मोबाइल फोन का उपयोग बंद कर देना चाहिए. अगर को व्यक्ति घर से बाहर है तो ऐसी स्थिति में जो जहां है वहीं रूक जाए और पैरों के नीचे सूखी लकड़ी, पत्ते या प्लास्टिक का बोरा रख लें.
बरतें ये सावधानी
उपाध्यक्ष व्यास जी ने बताया कि ठनका गिरने के दौरान ऊंचे पेड़ के नीचे कभी भी खड़े ना हों. साथ ही बिजली की वस्तुओं से दूर रहें. गांव में रहने वाले लोग खेतों में ना जाएं. अगर बिजली चमकने लगे तो वैसी स्थिति में नदी, नाले या बड़े वृक्ष के पास से फौरन हट जाएं. अचानक बिजली चमकने लगे तो एड़ी ऊपर करके पंजों के बल पर बैठ जाएं.