पटना: पीएमसीएच में ऑक्सीजन की किल्लत को दूर करने के लिए नए पीएसए ऑक्सीजन प्लांट ( Oxygen Plants In PMCH ) का गुरुवार को शुभारंभ किया गया. प्रदेश भर में मेडिकल कॉलेजों के पीएसए ऑक्सीजन प्लांट ( PSA Oxygen Plant In Patna ) का गुरुवार को मॉक ड्रिल किया गया और इसी मॉक ड्रिल के साथ पीएमसीएच में 1250 लीटर प्रति मिनट की क्षमता वाले तीन ऑक्सीजन प्लांट शुरू कर दिए गए.
अब इस नए पीएसए ऑक्सीजन प्लांट से प्रति मिनट 3750 लीटर ऑक्सीजन तैयार होंगे. ऑक्सीजन प्लांट के साथ 3000 लीटर ऑक्सीजन क्षमता की स्टोरेज भी है, ऐसे में इस प्लांट में एक साथ तीन प्लांट शुरू होने से 9000 लीटर ऑक्सीजन स्टोरेज की क्षमता पीएमसीएच की हो गई है.
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दरअसल, दुनिया भर में ओमीक्रॉन ( Omicron in Bihar ) के बढ़ते मामले को देखते हुए देश में एक बार फिर से कोरोना के तीसरे लहर की आशंकाएं बढ़ गई है. ऐसे में केंद्र सरकार के निर्देशन में राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों और बड़े अस्पतालों के पीएसए ऑक्सीजन प्लांट का मॉक ड्रिल कराया गया.
मॉक ड्रिल के दौरान बेड तक ऑक्सीजन प्रेशर ठीक है या नहीं और उसकी प्योरिटी सही है या नहीं, यह जांची गई. ऐसे में पीएमसीएच में मॉक ड्रिल के दौरान नए ऑक्सीजन प्लांट का ऑक्सीजन प्रेशर और प्योरिटी सही पाया गया.
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बता दें कि कोरोना संक्रमण के दूसरे लहर के बाद पीएमसीएच में ऑक्सीजन सप्लाई को काफी दुरुस्त किया गया है और इसके लिए कई प्लांट भी लगाए गए हैं. इससे पूर्व पीएमसीएच में इस नए ऑक्सीजन प्लांट के ठीक बगल में बीते 7 मई को 250 लीटर प्रति मिनट की क्षमता का पीएसए ऑक्सीजन प्लांट की शुरुआत की गई थी और सितंबर के महीने में 20,000 लीटर की क्षमता के क्रायोजेनिक ऑक्सीजन प्लांट की शुरुआत की गई.
गौरतलब है कि क्रायोजेनिक ऑक्सीजन प्लांट लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट होता है, जिसमें लिक्विड से ऑक्सीजन तैयार किया जाता है. वहीं पीएसए ऑक्सीजन प्लांट में ऑक्सीजन वायुमंडल में मौजूद हवा से ही तैयार की जाती है.
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