पटना: कोरोना के बीच बाढ़ की त्रासदी के कारण बिहार में तबाही मची हुई है. 12 जिलों में बाढ़ के कारण लगभग 30 लाख की आबादी प्रभावित है. इस बीच 'आपदा सेवा सदैव सर्वत्र' मंत्र के साथ एनडीआरएफ की 21 टीमें लोगों की मदद के लिए लगी हुई है. इनका एकमात्र उद्देश्य राज्य और जिला प्रशासन के साथ बेहतर समन्वय के साथ बाढ़ आपदा में फंसे लोगों को हर सम्भव मदद करना है.
बिहार के 12 जिलों में बाढ़ आपदा से निपटने के लिए एनडीआरएफ की टीम मुस्तैदी के साथ जुटी हुई है. एनडीआरएफ महानिदेशक सत्य नारायण प्रधान के मार्गदर्शन और 9वीं बटालियन एनडीआरएफ के कमान्डेंट विजय सिन्हा के नेतृत्व में बाढ़ राहत और बचाव ऑपेरशन लगातार जारी है. एनडीआरएफ के कर्मी लगातार जुटे हुए हैं.
इस तरह मदद पहुंचा रही एनडीआरएफ
कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के मद्देनजर बाढ़ प्रभावित इलाके में दिन भर राहत और बचाव ऑपेरशन करके जब यह कर्मी अपने बेस कैम्प में लौटते है तो वहां इनकी सैनिटाइजेशन प्रक्रिया शुरू होती है. वे खुद को, ड्रेस को और इस्तेमाल किये जाने वाले उपकरणों/सामानों को अच्छी तरह सैनिटाइज करते हैं. इसके बाद टीम अगले ऑपेरशन की तैयार करती है. दिन हो या रात हो एनडीआरएफ के बचावकर्मी हर समय रिस्पांस के लिए तैयार रहते हैं. अचानक प्राप्त डिस्ट्रेस कॉल पर भी एनडीआरएफ की टीमें जिला प्रशासन के समन्वय से रिस्पांस करके प्रभावित लोगों को मदद कर रही है.
रक्षा के लिए 24x7 तैयार एनडीआरएफ के जवान
एनडीआरएफ का इमरजेंसी ऑपेरशन सेन्टर हर दिन चौबीसों घंटे कार्यरत होता है. जहां से प्रशिक्षित कार्मिकों की ओर से लगातार ऑपरेशनल मॉनिटरिंग की जाती है. साथ ही बाढ़ की स्थिति पर नजर रखी जा रही है. कमान्डेंट विजय सिन्हा ने बताया कि अब तक एनडीआरएफ की टीमों ने गोपालगंज, सारण, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चम्पारण, पश्चिमी चम्पारण, दरभंगा और सुपौल जिलों में रेस्क्यू ऑपेरशन चलाकर बाढ़ आपदा में फंसे लगभग 7 हजार लोगों और सैकड़ों मवेशियों को निकालकर सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया है.