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पटना: मंत्री श्रवण कुमार ने 'बिहार सरस मेला' का किया उद्घाटन, लगाए गए हैं 400 से अधिक स्टॉल - bihar saras fair 2019

1 से 15 दिसम्बर तक चलने वाले बिहार सरस मेले का इस बार व्यापक और वृहत पैमाने पर आयोजन किया गया है. पिछली बार की तुलना में इस बार ज्यादा स्टॉल लगाए हैं. मेले में विभिन्न राज्य के हैंडीक्राफ्ट, लोक कलाकृति एवं हस्तशिल्प का अनूठा संगम लोगों के लिए आकर्षण है.

देखिए बिहार सरस मेला 2019
देखिए बिहार सरस मेला 2019
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Published : Dec 1, 2019, 9:28 PM IST

पटना: राजधानी पटना के गांधी मैदान में 'बिहार सरस मेला' का शुभारंभ किया गया. ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देने की दिशा में हर साल इस मेले का आयोजन किया जाता है. मेले का उद्घाटन ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने दीप जलाकर किया. इस मौके जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी बाला मुरुगन डी भी मौजूद रहे. कार्यक्रम की शुरुआत में जीविका की दीदियों ने जीविका के टाइटल सॉन्ग बढ़ते कदम गीत की प्रस्तुति की.

1 से 15 दिसम्बर तक चलने वाले बिहार सरस मेले का इस बार व्यापक और वृहद पैमाने पर आयोजन किया गया है. पिछली बार की तुलना में इस बार ज्यादा स्टॉल लगाए हैं. मेले में विभिन्न राज्य के हैंडीक्राफ्ट, लोक कलाकृति एवं हस्तशिल्प का अनूठा संगम लोगों के लिए आकर्षण है. तीन लाख स्क्वायर फीट में बिहार ग्राम सरस मेले में तकरीबन 400 स्टॉल सजाए गए हैं. इसमें से 50 से ज्यादा स्टॉल स्वादिष्ट पकवानों के हैं.

देखिए बिहार सरस मेला 2019

जल जीवन हरियाली और 'स्वावलंबी महिला-विकसित बिहार' थीम
सरस मेले की इस बार की थीम सीएम नीतीश कुमार के मिशन जल जीवन हरियाली पर आधारित है. वहीं, एक अन्य थीम स्वावलंबी महिला-विकसित बिहार थीम पर भी मेले में कई स्टॉल सजाए गए हैं, जिसमें जिविका ने खूब तैयारी की है. सरस मेला में इस बार पौधे भी मिल रहे हैं ताकि लोग अपने घरों पर जाकर उसे लगा सके और अपने आसपास हरियाली रख सकें.

मेले का निरीक्षण करते मंत्री श्रवण कुमार
मेले का निरीक्षण करते मंत्री श्रवण कुमार

क्या बोले श्रवण कुमार
सरस मेला के उद्घाटन करने आए ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने सरस मेला का भ्रमण किया और सभी स्टॉल का निरीक्षण किया. कार्यक्रम में मंच से संबोधन करते हुए ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि सरस मेला एक ऐसा मंच है, जो स्वदेशी उत्पादों और इससे जुड़े लोगों को बाजार उपलब्ध कराता है. इसके साथ ही इन्हें प्रोत्साहन भी देता है. उन्होंने कहा कि सरस मेला के माध्यम से बिहार में लुप्त हो रही कलाओं और रोजगार परक विधाओं को पुनर्जीवित करने की दिशा में काम किया जाता है. गांव की छोटी-छोटी उद्यमी महिलाएं अपने उत्पादों को लाकर पटना में बेचती हैं और इसे लोगों द्वारा काफी पसंद और खरीदा जाता है.

मेले में जुटी भीड़
मेले में जुटी भीड़

बिहार पहला राज्य जो जलवायु को लेकर चिंतित- श्रवण कुमार
ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि पूरे देश में बिहार पहला राज्य है, जो जलवायु परिवर्तन को लेकर चिंतित है. इसके चलते हमारी सरकार ने काम करना भी शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि भारत के किसी और राज्य ने अभी तक पर्यावरण संरक्षण के लिए बड़ी पहल नहीं की है. बिहार के मुख्यमंत्री की सोच यह है कि जलवायु परिवर्तन से बिहार के लोगों को निजात दिलाएं और उसके लिए बिहार सरकार ने योजना बनाई है. अगले वित्तीय वर्ष में 1 दिन में दो करोड़ 51 लाख पौधे लगाए जाएंगे.

लोगों से की अपील...
श्रवण कुमार ने कहा कि सरकार ने निर्णय लिया है कि जितने भी आहार, पोखर, पईन, तालाब और छोटी नदियां हैं. सबकी गाद को निकाला जाएगा. उन्होंने कहा कि इसके अलावा जितने हमारे पुराने कुएं हैं. सबका सुदृढ़ीकरण किया जाएगा और जितने भी सरकारी भवन हैं वहां रेन वाटर हार्वेस्टिंग की जाएगी. मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि जल संचय की दिशा में हमारा कदम बढ़ चुका है और बिहार आने वाले 3 सालों में 24 हजार करोड़ से ज्यादा रुपया खर्च कर जलवायु परिवर्तन की दिशा में काम करेगा. उन्होंने लोगों से पर्यावरण संरक्षण की अपील भी की.

पटना: राजधानी पटना के गांधी मैदान में 'बिहार सरस मेला' का शुभारंभ किया गया. ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देने की दिशा में हर साल इस मेले का आयोजन किया जाता है. मेले का उद्घाटन ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने दीप जलाकर किया. इस मौके जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी बाला मुरुगन डी भी मौजूद रहे. कार्यक्रम की शुरुआत में जीविका की दीदियों ने जीविका के टाइटल सॉन्ग बढ़ते कदम गीत की प्रस्तुति की.

1 से 15 दिसम्बर तक चलने वाले बिहार सरस मेले का इस बार व्यापक और वृहद पैमाने पर आयोजन किया गया है. पिछली बार की तुलना में इस बार ज्यादा स्टॉल लगाए हैं. मेले में विभिन्न राज्य के हैंडीक्राफ्ट, लोक कलाकृति एवं हस्तशिल्प का अनूठा संगम लोगों के लिए आकर्षण है. तीन लाख स्क्वायर फीट में बिहार ग्राम सरस मेले में तकरीबन 400 स्टॉल सजाए गए हैं. इसमें से 50 से ज्यादा स्टॉल स्वादिष्ट पकवानों के हैं.

देखिए बिहार सरस मेला 2019

जल जीवन हरियाली और 'स्वावलंबी महिला-विकसित बिहार' थीम
सरस मेले की इस बार की थीम सीएम नीतीश कुमार के मिशन जल जीवन हरियाली पर आधारित है. वहीं, एक अन्य थीम स्वावलंबी महिला-विकसित बिहार थीम पर भी मेले में कई स्टॉल सजाए गए हैं, जिसमें जिविका ने खूब तैयारी की है. सरस मेला में इस बार पौधे भी मिल रहे हैं ताकि लोग अपने घरों पर जाकर उसे लगा सके और अपने आसपास हरियाली रख सकें.

मेले का निरीक्षण करते मंत्री श्रवण कुमार
मेले का निरीक्षण करते मंत्री श्रवण कुमार

क्या बोले श्रवण कुमार
सरस मेला के उद्घाटन करने आए ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने सरस मेला का भ्रमण किया और सभी स्टॉल का निरीक्षण किया. कार्यक्रम में मंच से संबोधन करते हुए ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि सरस मेला एक ऐसा मंच है, जो स्वदेशी उत्पादों और इससे जुड़े लोगों को बाजार उपलब्ध कराता है. इसके साथ ही इन्हें प्रोत्साहन भी देता है. उन्होंने कहा कि सरस मेला के माध्यम से बिहार में लुप्त हो रही कलाओं और रोजगार परक विधाओं को पुनर्जीवित करने की दिशा में काम किया जाता है. गांव की छोटी-छोटी उद्यमी महिलाएं अपने उत्पादों को लाकर पटना में बेचती हैं और इसे लोगों द्वारा काफी पसंद और खरीदा जाता है.

मेले में जुटी भीड़
मेले में जुटी भीड़

बिहार पहला राज्य जो जलवायु को लेकर चिंतित- श्रवण कुमार
ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि पूरे देश में बिहार पहला राज्य है, जो जलवायु परिवर्तन को लेकर चिंतित है. इसके चलते हमारी सरकार ने काम करना भी शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि भारत के किसी और राज्य ने अभी तक पर्यावरण संरक्षण के लिए बड़ी पहल नहीं की है. बिहार के मुख्यमंत्री की सोच यह है कि जलवायु परिवर्तन से बिहार के लोगों को निजात दिलाएं और उसके लिए बिहार सरकार ने योजना बनाई है. अगले वित्तीय वर्ष में 1 दिन में दो करोड़ 51 लाख पौधे लगाए जाएंगे.

लोगों से की अपील...
श्रवण कुमार ने कहा कि सरकार ने निर्णय लिया है कि जितने भी आहार, पोखर, पईन, तालाब और छोटी नदियां हैं. सबकी गाद को निकाला जाएगा. उन्होंने कहा कि इसके अलावा जितने हमारे पुराने कुएं हैं. सबका सुदृढ़ीकरण किया जाएगा और जितने भी सरकारी भवन हैं वहां रेन वाटर हार्वेस्टिंग की जाएगी. मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि जल संचय की दिशा में हमारा कदम बढ़ चुका है और बिहार आने वाले 3 सालों में 24 हजार करोड़ से ज्यादा रुपया खर्च कर जलवायु परिवर्तन की दिशा में काम करेगा. उन्होंने लोगों से पर्यावरण संरक्षण की अपील भी की.

Intro:राजधानी पटना के गांधी मैदान में रविवार शाम से सरस मेला की शुरुआत हो गई. 1 दिसंबर से 15 दिसंबर तक चलने वाले इस सरस मेला का बिहार सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री श्रवण कुमार ने उद्घाटन किया. इस मौके पर जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी बाला मुरुगन डी भी मौजूद रहे. कार्यक्रम की शुरुआत में जीविका की दीदियों ने जीविका का टाइटल सॉन्ग बढ़ते कदम गीत की प्रस्तुति दी. इस बार गांधी मैदान में बहुत ही व्यापक और वृहद पैमाने पर सरस मेला का आयोजन किया गया है. पिछले बार की तुलना में इस बार ज्यादा स्टॉल है. सरस मेला में हस्थकरघा उत्पादों के अलावा हाथ से बने व्यंजनों और आचारों के भी कई स्टाल लगे हैं.


Body:गांधी मैदान में आयोजित सरस मेला का इस बार थीम जल जीवन और हरियाली रखा गया है. इस बार सरस मेला में कुल 400 स्टाल लगे हैं जिनमें 40 स्टॉल पकवानों के हैं. सरस मेला में कई स्टॉल ऐसे भी लगे हैं जो पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक कर रहे हैं और पर्यावरण संरक्षण की अपील कर रहे हैं. सरस मेला में इस बार पौधे भी मिल रहे हैं ताकि लोग अपने घरों पर जाकर उसे लगा सके और अपने आसपास हरियाली रख सकें. सरस मेला के उद्घाटन करने आए ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने सरस मेला का भ्रमण किया और सभी स्टॉल का निरीक्षण किया. कार्यक्रम में मंच से संबोधन करते हुए ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि सरस मेला एक ऐसा मंच है जो स्वदेशी उत्पादों और इससे जुड़े लोगों को बाजार उपलब्ध कराता है और इसके साथ ही इन्हें प्रोत्साहन भी देता है. उन्होंने कहा कि सरस मेला के माध्यम से बिहार में लुप्त हो रही कलाओं और रोजगार परक विधाओं को पुनर्जीवित करने की दिशा में काम किया जाता है और गांव की छोटी छोटी उद्यमियों अपने उत्पादों को लाकर पटना में बेचती है और इसे लोग काफी पसंद से खरीदते भी हैं.


Conclusion:ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि पूरे देश में बिहार पहला राज्य है जो जलवायु परिवर्तन को लेकर चिंतित है और उसने काम भी शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि भारत का और कोई राज्य अभी तक पर्यावरण बचाने के लिए कोई बड़ी पहल नहीं किए हैं. उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री की सोच यह है कि जलवायु परिवर्तन से बिहार के लोगों को निजात दिलाएं और उसके लिए बिहार सरकार ने योजना बनाई है कि अगले वित्तीय वर्ष में 1 दिन में दो करोड़ 51 लाख पौधा लगाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि सरकार ने निर्णय लिया है कि जितने भी आहड़ पोखर पईन तालाब और छोटी नदियां हैं सबके गाद को निकाला जाएगा. उन्होंने कहा कि इसके अलावा जितने हमारे पुराने कुएं हैं सब का सुदृढ़ीकरण किया जाएगा और जितने भी सरकारी भवन हैं वहां रेन वाटर हार्वेस्टिंग किया जाएगा. मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि जल संचय की दिशा में हमारा कदम बढ़ चुका है और बिहार आने वाले 3 सालों में 24000 करोड़ से ज्यादा रुपया खर्च कर जलवायु परिवर्तन की दिशा में काम करेगा. उन्होंने लोगों से पर्यावरण संरक्षण की अपील भी की.
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