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आंध्र प्रदेश के गुंटूर में फंसे हुए हैं 1200 प्रवासी, CM नीतीश से लगाई मदद की गुहार

आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में फंसे हुए दिहाड़ी मजदूरों ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से काम बंद हो गया है. इस वजह से मजदूरी नहीं मिल पा रही है.

गुंटूर में फंसे हुए है 12 सौ बिहारी प्रवासी
गुंटूर में फंसे हुए है 12 सौ बिहारी प्रवासी
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Published : May 11, 2020, 2:19 PM IST

गुंटूर/पटना: कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देशभर में 3 मई तक लॉकडाउन लागू है. ऐसे में दिल्ली, मुंबई और आंध्र प्रदेश समेत देश के कई प्रदेश में बिहार के प्रवासी मजदूर फंसे हुए हैं. प्रवासी मजदूर अपने अपने गृह राज्यों को लौटना चाहते हैं. कई लोगों अपने घर पहुंचने के लिए सैकड़ों किलोमीटर पैदल ही निकल पड़े. हालांकि, सरकार प्रवासी मजदूरों के घर वापसी का सिलसिला शुरू हो चुका है. बावजूद अभी भी हजारों की तादाद में बिहार के मजदूर कई अन्य जगहों पर फंसे हुए हैं.

आंध्र प्रदेश के गुंटूंर जिले में भी भारी तादाद में बिहार के मजदूर फंसे हुए हैं. बिहार मूल के ये मजदूर अपने घर वापस लौटना चाहते हैं. मजदूरों ने सरकार से गुहार लगाते हुए कहा कि उन्हें यहां पर भारी परेशानी हो रही है. इसलिए सीएम नीतीश उनकी वापसी की पहल करे.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'खाने के पड़े लाले'
दरअसल, गुंटूर जैसे बड़े शहरों में इन मजदूरों की जिंदगी दिहाड़ी के आधार पर होने वाली कमाई पर ही टिकी हुई है. लॉकडाउन की वजह से कमाई बंद हो गई. ऐसे में इन्हें रहने और खाने के लाले पड़े हुए हैं. सरकार की ओर से इन्हें खाना और बुनियादी सेवाएं उपलब्ध कराने का वादा किया गया. लेकिन ये मजदूर जमीनी हकीकत कुछ और ही बताते हैं. गुंटूर में फंसे हुए बिहारी प्रवासियों ने कहा कि वे यहां पर लगभग 1200 की तादाद में फंसे हुए हैं. उनलोगों ने घर वापसी के लिए रजिस्ट्रेशन भी कराया था. लेकिन कोई पहल नहीं हो रही है. हमें खाना तो दूर की बात है. यहां पर पानी भी नसीब नहीं हो पा रही है. उन्हें सरकार की मदद की जरूरत हैं. इसलिए सीएम नीतीश उनके घर वापसी की पहले करे.

गुंटूर में फंसे हुए बिहारी प्रवासी
गुंटूर में फंसे बिहारी प्रवासी

मजदूरों की सरकार से गुहार
आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में फंसे हुए दिहाड़ी मजदूर प्रताप नरायण यादव बताते हैं कि वे दरभंगा जिले के रहने वाले हैं. हमलोगों ने वापसी के लिए सरकार से कई बार गुहार लगाई. खुद के जमा पैसे से निजी बस से वापसी की भी मांग की लेकिन सरकार ने हमारी कोई मदद नहीं की. वहीं, दरभंगा की ही एक अन्य मजदूर अजीत पंडित ने बताया कि हमलोग यहां पर पिछले 2 महीने से फंसे हुए हैं. यहां की सरकार हमें भोजन देने की वादा जरूर कर रही है. लेकिन हमें खाने-पीने को कुछ नहीं मिल रही है. मजदूरों ने बताया कि देशभर के अन्य जगहों से मजदूरों की वापसी हो रही है. लेकिन आंध्र प्रदेश की सरकार हमलोगों के लिए कोई पहल नहीं कर रह है. समस्तीपुर के रहने वाले मजदूर ने बताया कि काम बंद हो गया है. इस वजह से मजदूरी नहीं मिल पा रही है. रूम का किराया लग रहा है. हमारे पास पैसे नहीं है. मजदूरों ने आंध्र प्रदेश और बिहार के सीएम से घर वापसी कराने की अपील की.

गुंटूर/पटना: कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देशभर में 3 मई तक लॉकडाउन लागू है. ऐसे में दिल्ली, मुंबई और आंध्र प्रदेश समेत देश के कई प्रदेश में बिहार के प्रवासी मजदूर फंसे हुए हैं. प्रवासी मजदूर अपने अपने गृह राज्यों को लौटना चाहते हैं. कई लोगों अपने घर पहुंचने के लिए सैकड़ों किलोमीटर पैदल ही निकल पड़े. हालांकि, सरकार प्रवासी मजदूरों के घर वापसी का सिलसिला शुरू हो चुका है. बावजूद अभी भी हजारों की तादाद में बिहार के मजदूर कई अन्य जगहों पर फंसे हुए हैं.

आंध्र प्रदेश के गुंटूंर जिले में भी भारी तादाद में बिहार के मजदूर फंसे हुए हैं. बिहार मूल के ये मजदूर अपने घर वापस लौटना चाहते हैं. मजदूरों ने सरकार से गुहार लगाते हुए कहा कि उन्हें यहां पर भारी परेशानी हो रही है. इसलिए सीएम नीतीश उनकी वापसी की पहल करे.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'खाने के पड़े लाले'
दरअसल, गुंटूर जैसे बड़े शहरों में इन मजदूरों की जिंदगी दिहाड़ी के आधार पर होने वाली कमाई पर ही टिकी हुई है. लॉकडाउन की वजह से कमाई बंद हो गई. ऐसे में इन्हें रहने और खाने के लाले पड़े हुए हैं. सरकार की ओर से इन्हें खाना और बुनियादी सेवाएं उपलब्ध कराने का वादा किया गया. लेकिन ये मजदूर जमीनी हकीकत कुछ और ही बताते हैं. गुंटूर में फंसे हुए बिहारी प्रवासियों ने कहा कि वे यहां पर लगभग 1200 की तादाद में फंसे हुए हैं. उनलोगों ने घर वापसी के लिए रजिस्ट्रेशन भी कराया था. लेकिन कोई पहल नहीं हो रही है. हमें खाना तो दूर की बात है. यहां पर पानी भी नसीब नहीं हो पा रही है. उन्हें सरकार की मदद की जरूरत हैं. इसलिए सीएम नीतीश उनके घर वापसी की पहले करे.

गुंटूर में फंसे हुए बिहारी प्रवासी
गुंटूर में फंसे बिहारी प्रवासी

मजदूरों की सरकार से गुहार
आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में फंसे हुए दिहाड़ी मजदूर प्रताप नरायण यादव बताते हैं कि वे दरभंगा जिले के रहने वाले हैं. हमलोगों ने वापसी के लिए सरकार से कई बार गुहार लगाई. खुद के जमा पैसे से निजी बस से वापसी की भी मांग की लेकिन सरकार ने हमारी कोई मदद नहीं की. वहीं, दरभंगा की ही एक अन्य मजदूर अजीत पंडित ने बताया कि हमलोग यहां पर पिछले 2 महीने से फंसे हुए हैं. यहां की सरकार हमें भोजन देने की वादा जरूर कर रही है. लेकिन हमें खाने-पीने को कुछ नहीं मिल रही है. मजदूरों ने बताया कि देशभर के अन्य जगहों से मजदूरों की वापसी हो रही है. लेकिन आंध्र प्रदेश की सरकार हमलोगों के लिए कोई पहल नहीं कर रह है. समस्तीपुर के रहने वाले मजदूर ने बताया कि काम बंद हो गया है. इस वजह से मजदूरी नहीं मिल पा रही है. रूम का किराया लग रहा है. हमारे पास पैसे नहीं है. मजदूरों ने आंध्र प्रदेश और बिहार के सीएम से घर वापसी कराने की अपील की.

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