पटनाः पटना हाईकोर्ट ने पिछले वर्ष 28 जनवरी को हुई एसटीईटी परीक्षा में कदाचार और कुव्यवस्था को लेकर हंगामा करने वाले छात्रों को राहत दी है. जस्टिस आशुतोष कुमार ने ग्यारह छात्रों की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए इन सभी 106 छात्रों की परीक्षा तीन माह में आयोजित करने का निर्देश बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को दिया है.
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दर्ज करायी गई थी प्राथमिकी
इन छात्रों के विरुद्ध एसटीईटी परीक्षा के दौरान हंगामा करने के कारण प्राथमिकी दर्ज कराया गया था. इस कारण ये छात्र परीक्षा देने से वंचित हो गए थे. कोर्ट ने इन 106 छात्रों को एक बड़ी राहत दी. ये मामला गया जिला स्कूल का है.
सिलेबस से बाहर के प्रश्न पूछे जाने पर किया था हंगामा
आवेदकों की ओर से अधिवक्ता कृष्ण चंद्र ने कोर्ट को बताया कि एसटीईटी परीक्षा में सिलेबस से बाहर के प्रश्न पूछे जाने के कारण छात्रों ने हंगामा किया था. परीक्षा में कदाचार तथा कुव्यवस्था को लेकर गया के जिला स्कूल सेंटर के छात्रों ने उपद्रव किया था. बाद में परीक्षा समिति ने परीक्षा को रद्द कर दिया.
वकील ने पेश किया था तथ्य
परीक्षा समिति ने फिर से परीक्षा ली थी. किंतु 106 छात्रों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर उन्हें परीक्षा से निष्कासित कर दिया गया. और भविष्य में एसटीईटी परीक्षा में शामिल नहीं करने का निर्णय लिया गया. वकील का कहना था कि जब परीक्षा समिति ने एसटीईटी परीक्षा को ही रद्द कर दिया तो फिर इन छात्रों को परीक्षा से कैसे वंचित किया जा रहा है. उनका कहना था कि इन छात्रों को एडमिट कार्ड जारी नहीं करना न्याय संगत नहीं है.