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बिहार में बाढ़ से 10 लाख की आबादी प्रभावित, 24 घंटे में 7 लोगों की मौत

बाढ़ के हालात को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग अलर्ट मोड पर है. सीएम नीतीश कुमार खुद बाढ़ का मॉनिटरिंग कर रहे हैं. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 22 टीमों की तैनाती की गई है. जबकि आपदा मुख्यालय में 5 टीम को रिजर्व में रखा गया है.

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Published : Jul 26, 2020, 1:20 PM IST

पटनाः आपदा प्रबंधन विभाग ने बाढ़ संबंधित आंकड़ा जारी किया है. आंकड़ों के मुताबिक राज्य के 10 जिला बाढ़ प्रभावित हैं. सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण और खगड़िया जिले के 77 प्रखंड बाढ़ से प्रभावित हैं. वहीं, कुल 577 पंचायतों बाढ़ की चपेट में हैं. बाढ़ की वजह से 10 लाख 61 हजार 1 सौ 52 लोग इससे प्रभावित हैं जबकि निष्क्रमित जनसंख्या 95 हजार 8 सौ 59 है.

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नदी में बढ़ा जलस्तर

बाढ़ के दौरान बिहार सरकार की तरफ से 28 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं, जिसमें 15 हजार 956 लोग रह रहे हैं. वहीं, बिहार सरकार के सहयोग से आपदा विभाग 10 जिलों में 422 सामुदायिक रसोई चला रहा है. जिसमें रोजाना 1 लाख 53 हजार 54 लोग सामुदायिक रसोई के जरिए भोजन कर रहे हैं. वहीं, आपदा विभाग ने बताया है कि बाढ़ की वजह से पिछले 24 घंटे में 7 लोगों की मौत हुई है. दरभंगा में 3 जबकि पश्चिम चंपारण में 4 लोगों की मौत हुई है.

एनडीआरएफ-एसडीआरएफ की 22 टीम तैनात
बिहार में बाढ़ को हालात को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग को अलर्ट मोड पर रखा गया है. आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्री लक्ष्मेश्वर राय का कहना है कि उनका विभाग बाढ़ को लेकर सचेत है संभावित 10 जिलों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम की 22 टीमों की तैनाती की गई है. जबकि आपदा मुख्यालय में 5 टीम को रिजर्व में रखा गया है. हालात के मुताबिक रिजर्व टीम को प्रभावित जिला में भेजा जाएगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद अपने आवास से बाढ़ का मॉनिटरिंग कर रहे हैं. वहीं, लगातार अधिकारियों को दिशा-निर्देश भी जारी कर रहे हैं.

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आपदा प्रबंधन विभाग की तरफ से जारी आंकड़ा

राहत शिविर में सोशल डिस्टेंस का रखा जा रहा ख्याल
आपदा विभाग के मुताबिक कोविड-19 का ख्याल रखते हुए सोशल डिस्टेंस के तहत राहत शिविरों में लोगों को रखा जा रहा है. महिलाओं और बच्चे और बुजुर्गों के लिए अलग व्यवस्था की गई है. राहत शिविर में मास्क और सेनेटाइजर की व्यवस्था है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में ऊंचे स्थल का निरीक्षण कर उन्हें चिह्नित कर लिया गया है. मंत्री ने बताया कि जरुरत के हिसाब से लोगों को राहत शिविर पहुंचाया जा रहा है. बता दें कि सीएम नीतीश कुमार ने नेपाल और गंडक नदी के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग को तैयार रहने का निर्देश जारी किया था. आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने दावा किया है कि उनका विभाग बाढ़ को लेकर अलर्ट पर है.

पटनाः आपदा प्रबंधन विभाग ने बाढ़ संबंधित आंकड़ा जारी किया है. आंकड़ों के मुताबिक राज्य के 10 जिला बाढ़ प्रभावित हैं. सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण और खगड़िया जिले के 77 प्रखंड बाढ़ से प्रभावित हैं. वहीं, कुल 577 पंचायतों बाढ़ की चपेट में हैं. बाढ़ की वजह से 10 लाख 61 हजार 1 सौ 52 लोग इससे प्रभावित हैं जबकि निष्क्रमित जनसंख्या 95 हजार 8 सौ 59 है.

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नदी में बढ़ा जलस्तर

बाढ़ के दौरान बिहार सरकार की तरफ से 28 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं, जिसमें 15 हजार 956 लोग रह रहे हैं. वहीं, बिहार सरकार के सहयोग से आपदा विभाग 10 जिलों में 422 सामुदायिक रसोई चला रहा है. जिसमें रोजाना 1 लाख 53 हजार 54 लोग सामुदायिक रसोई के जरिए भोजन कर रहे हैं. वहीं, आपदा विभाग ने बताया है कि बाढ़ की वजह से पिछले 24 घंटे में 7 लोगों की मौत हुई है. दरभंगा में 3 जबकि पश्चिम चंपारण में 4 लोगों की मौत हुई है.

एनडीआरएफ-एसडीआरएफ की 22 टीम तैनात
बिहार में बाढ़ को हालात को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग को अलर्ट मोड पर रखा गया है. आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्री लक्ष्मेश्वर राय का कहना है कि उनका विभाग बाढ़ को लेकर सचेत है संभावित 10 जिलों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम की 22 टीमों की तैनाती की गई है. जबकि आपदा मुख्यालय में 5 टीम को रिजर्व में रखा गया है. हालात के मुताबिक रिजर्व टीम को प्रभावित जिला में भेजा जाएगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद अपने आवास से बाढ़ का मॉनिटरिंग कर रहे हैं. वहीं, लगातार अधिकारियों को दिशा-निर्देश भी जारी कर रहे हैं.

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आपदा प्रबंधन विभाग की तरफ से जारी आंकड़ा

राहत शिविर में सोशल डिस्टेंस का रखा जा रहा ख्याल
आपदा विभाग के मुताबिक कोविड-19 का ख्याल रखते हुए सोशल डिस्टेंस के तहत राहत शिविरों में लोगों को रखा जा रहा है. महिलाओं और बच्चे और बुजुर्गों के लिए अलग व्यवस्था की गई है. राहत शिविर में मास्क और सेनेटाइजर की व्यवस्था है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में ऊंचे स्थल का निरीक्षण कर उन्हें चिह्नित कर लिया गया है. मंत्री ने बताया कि जरुरत के हिसाब से लोगों को राहत शिविर पहुंचाया जा रहा है. बता दें कि सीएम नीतीश कुमार ने नेपाल और गंडक नदी के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग को तैयार रहने का निर्देश जारी किया था. आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने दावा किया है कि उनका विभाग बाढ़ को लेकर अलर्ट पर है.

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