पटना: राजधानी पटना स्थित आईजीआईएमएस (IGIMS Patna) में मंगलवार को ब्लैक फंगस (Black Fungus) से पीड़ित 5 नए मरीजों को भर्ती किया गया. वहीं, एक मरीज की मौत हो गई. अब अस्पताल में ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या बढ़कर 120 पहुंच गई है. वहीं, मंगलवार को ब्लैक फंगस से पीड़ित एक मरीज का ऑपरेशन भी किया गया.
आईजीआईएमएस के अधीक्षक मनीष मंडल ने बताया कि डॉक्टरों की टीम लगातार ब्लैक फंगस से पीड़ित मरीजों का इलाज कर रही है. आईजीआईएमएस में अब तक 114 ब्लैक फंगस के मरीजों का सफल ऑपरेशन भी किया गया है.
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क्या है ब्लैक फंगस?
म्यूकरमाइकोसिस (एमएम) को ब्लैक फंगस के नाम से जानते हैं. म्यूकरमाइकोसिस एक बेहद दुर्लभ संक्रमण है. यह म्यूकर फफूंद के कारण होता है, जो आमतौर पर मिट्टी, पौधों में खाद, सड़े हुए फल और सब्जियों में पनपता है.
यह फंगस साइनस दिमाग और फेफड़ों को प्रभावित करती है और डायबिटीज के मरीजों या बेहद कमजोर यूनिटी रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों (कैंसर या एचआईवी एड्स ग्रसित) के लिए यह जानलेवा भी हो सकती है. अभी के दौर में कोरोना से उबर चुके मरीजों पर इसका असर देखा जा रहा है.
कैसे होता है ब्लैक या व्हाइट फंगस?
उदाहरण के लिए बताया गया कि यदि किसी खाद्य पदार्थ को अधिक देर तक वातावरण में छोड़ देते हैं, तो उस पर बनने वाला काला अथवा उजला स्तर फंगस कहलाता है. सामान्य मनुष्य के शरीर में इसका संक्रमण नहीं हो पाता है.
यदि शरीर की प्रतिरोधक क्षमता घट जाती है. जैसे अनियंत्रित मधुमेह, अधिक मात्रा में दवा के रूप में स्टॉयराईड (डेक्सामेथासीन/प्रेडनीसोलोन) या कैंसर चिकित्सा के रूप में केमोथेरेपी के बाद जब शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता घट जाती है तो यह संक्रमित कर सकता है.
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