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नवादा में भी गहराया जल संकट, बूंद-बूंद को तरस रहे लोग

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Published : May 9, 2019, 11:52 AM IST

नवादा में लोग पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. यहां के कई वार्डों में एक भी चापाकल सही नहीं है, जिससे लोगों को पानी की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है. कई बार प्रशासन का दरवाजा खटखटाने के बाद भी अभी तक कोई उचित व्यवस्था नहीं हो पाई है.

पानी की समस्या

नवादा: गर्मी बढ़ने के साथ-साथ जिले में जल संकट की भी समस्या बढ़ती जा रही है. यहां के लोग पानी के लिए तरस रहे हैं. घंटों लाइन में खड़े रहने के बाद लोगों को एक बाल्टी पानी नसीब हो पाता है. लेकिन प्रशासन की तरफ से इसके निवारण के लिए उचित व्यवस्था नहीं की गई है.

हैंडपंप नहीं कर रहा काम
यहां के लगभग सभी हैंडपंप खराब हो गए हैं. बमुश्किल एक चापाकल बचा भी है तो उसे 100 बार चलाने के बाद कहीं जाकर दो बूंद पानी निकल पाता है. स्थानीय लोगों के अनुसार यहां एक वॉर्ड में पांच चापाकल थे. मगर आज आलम ये है कि इनमें से कोई भी काम नहीं कर रहा है.

सबमर्सिबल पर टिके हैं हजारों लोगों
एक निजी सबमर्सिबल के भरोसे कई वार्डों के लोग अपनी प्यास बुझा रहे हैं. लोगों का कहना है कि ऐसा ज्यादा दिनों तक नहीं चलेगा. ज्यादा लोड पड़ने पर जो थोड़ा बहुत पानी मिल पा रहा है वो भी नहीं मिल पाएगा. उनका कहना है कि प्रशासन को जल्द इस समस्या के निपटारे के लिए कुछ करना चाहिए.

नवादा में गहराया जलसंकट

पानी के लिए हो जाती है लड़ाई
स्थानीय महिलाओं का कहना है वो पानी के लिए सुबह से ही सबमर्सिबल के पास लाइन में लगी रहती हैं. कभी-कभी तो दो बूंद पानी के लिए आपस में झगड़ा भी हो जाता है.

डीएम से भी कर चुके हैं शिकायत
लोगों के अनुसार इस समस्या को लेकर उन्होंने कई बार बीडीओ से लेकर डीएम तक को आवेदन दिया है. लेकिन इस पर अभी तक अमल नहीं हुआ है. आधे से अधिक वार्डों में सात निश्चय योजना का लाभ लोगों को नहीं मिला है.

क्या कहते हैं अधिकारी
पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता चंद्रशेखर राम ने बताया कि वार्ड 1, 5, 6, 8 और 9 में काम के लिए हाल ही में हस्तांतरण किया गया है. इसके लिए 3 करोड़ 50 लाख 20 हजार की स्वीकृति मिल गई है. निविदा होते ही काम शुरू हो जाएगा.

नवादा: गर्मी बढ़ने के साथ-साथ जिले में जल संकट की भी समस्या बढ़ती जा रही है. यहां के लोग पानी के लिए तरस रहे हैं. घंटों लाइन में खड़े रहने के बाद लोगों को एक बाल्टी पानी नसीब हो पाता है. लेकिन प्रशासन की तरफ से इसके निवारण के लिए उचित व्यवस्था नहीं की गई है.

हैंडपंप नहीं कर रहा काम
यहां के लगभग सभी हैंडपंप खराब हो गए हैं. बमुश्किल एक चापाकल बचा भी है तो उसे 100 बार चलाने के बाद कहीं जाकर दो बूंद पानी निकल पाता है. स्थानीय लोगों के अनुसार यहां एक वॉर्ड में पांच चापाकल थे. मगर आज आलम ये है कि इनमें से कोई भी काम नहीं कर रहा है.

सबमर्सिबल पर टिके हैं हजारों लोगों
एक निजी सबमर्सिबल के भरोसे कई वार्डों के लोग अपनी प्यास बुझा रहे हैं. लोगों का कहना है कि ऐसा ज्यादा दिनों तक नहीं चलेगा. ज्यादा लोड पड़ने पर जो थोड़ा बहुत पानी मिल पा रहा है वो भी नहीं मिल पाएगा. उनका कहना है कि प्रशासन को जल्द इस समस्या के निपटारे के लिए कुछ करना चाहिए.

नवादा में गहराया जलसंकट

पानी के लिए हो जाती है लड़ाई
स्थानीय महिलाओं का कहना है वो पानी के लिए सुबह से ही सबमर्सिबल के पास लाइन में लगी रहती हैं. कभी-कभी तो दो बूंद पानी के लिए आपस में झगड़ा भी हो जाता है.

डीएम से भी कर चुके हैं शिकायत
लोगों के अनुसार इस समस्या को लेकर उन्होंने कई बार बीडीओ से लेकर डीएम तक को आवेदन दिया है. लेकिन इस पर अभी तक अमल नहीं हुआ है. आधे से अधिक वार्डों में सात निश्चय योजना का लाभ लोगों को नहीं मिला है.

क्या कहते हैं अधिकारी
पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता चंद्रशेखर राम ने बताया कि वार्ड 1, 5, 6, 8 और 9 में काम के लिए हाल ही में हस्तांतरण किया गया है. इसके लिए 3 करोड़ 50 लाख 20 हजार की स्वीकृति मिल गई है. निविदा होते ही काम शुरू हो जाएगा.

Intro:नवादा। गर्मी बढ़ने के साथ-साथ जिलेभर में जल संकट की बड़ी समस्या बन कर उभरी है। जिले के लोग भी पानी के लिए तरस रहे हैं। लोगों को पानी के लिए कई घंटों इंतजार करना पड़ता है। जल संकट के कारण है एक तरफ लोग जहां पानी के लिए त्राहिमाम! त्राहिमाम! कर रहे हैं वहीं जिला प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठी हुई है। रोह प्रखंड के भीखमपुर पंचायत के वार्ड नंबर 6 में तो पेयजल की काफी जटिल समस्या है। ऐसी स्थिति सिर्फ वार्ड 6 में ही नहीं है इसके अलावे कई ऐसे वार्ड हैं जिनमें पेयजल की समस्या बनी हुई है। जबकि इसी पंचायत के कई वार्ड हैं जिसमें लोगों को पानी मिल रही।




Body:हैंडपंप भी नहीं कर रहा काम

यहां के हैंडपंप खराब हो गए हैं। एक बचा भी है तो सौ बार चलाने पर दो बूंद पानी बामुश्किल निकल पाती है। बताया जा रहा है कि इस वार्ड में पांच चापाकल थे जो सबके सब काम करना बंद कर दिया है।

समर्सिबुल पर टीका है 1हजारों लोगों की प्यास

सक्षम व्यक्ति अपने निजी समर्सिबुल से कई वार्डों के लोगों को पानी देकर उनकी प्यास बुझाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन उनका कहना है कब तक ऐसा चलता रहेगा। ज्यादा लोड पड़ने पर जो पानी थोड़ा बहुत मिल पा रहा है वो भी नहीं मिल पायेगा। प्रशासन को जल्द लोगों की समस्या को निपटारा करना चाहिए।

क्या कहती स्थानीय महिला

वहीं, स्थानीय महिला का कहना है हमलोग पानी के लिए सुबह से ही समर्सिबुल के पास लाइन लगा के रहते हैं ताकि दो बूंद पानी मिल जाए इसके आपस- झगड़ा भी हो जाती है।

क्या कहते हैं पंचायत के वार्ड मेंबर और मुखिया

हमलोगों यहां की समस्या को लेकर बीडीओ साहब, डीएम साहब तक आवेदन दी है लेकिन इसपे अभी तक कोई अमल नहीं हुआ है। आधे वार्ड में सात निश्चय से काम होना था तो हो गया यहां पीएचईडी से काम होना था तो अभी तक नहीं हुआ है। मुखिया पलटन चौधरी तो सीधे पलटी मारते हुए सारा जिम्मा सरकार पर थोप दिए।

पीएचईडी को हस्तांतरण करने में देरी से उत्पन्न हुई ये स्थिति

सात निश्चय और पीएचईडी के बीच वार्डों को हस्तांतरित होने में विलंभ के कारण वार्ड 6,5,1,8,9 में उत्पन्न हुई है ये स्थिति। अब प्रशासन ऐसे वक्त पर संज्ञान लिया है जब गर्मी अपने चरम पर है और जल संकट अपने चर्मोत्कर्ष पर।

क्या कहते हैं अधिकारी

पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता चंद्रशेखर राम ने बताया कि, वार्ड 1, 5, 6, 8 और 9 में काम के लिए हालहि में हस्तांतरण की गई है। जिसके लिए 3 करोड़ 50 लाख 20 हजार की स्वीकृति मिल गई है। यह नविदा प्रक्रिया में है नविदा होते ही कार्रवाई की जाएगी।














Conclusion:ऐसा नहीं है कि पानी की समस्या से जीएम साहब अवगत नहीं है जिला प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं जिले में पानी का जलस्तर तेजी से गिर रहा है लेकिन सिस्टम के पास कोई उपाय नहीं है पानी की समस्या इतनी भयावह है कि अगर जल्द कोई इंतजाम नहीं किया गया तो समस्या काफी जटिल हो सकती है। अब देखनेवाली बात यह होगी कि यहां के लोगों को जल संकट से कब निजात मिलेगी?
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