नवादा: जिले में मॉनसून की बारिश ने प्रशासन की तैयारियों की पोल खोल कर रख दी है. जिला मुख्यालय की गलियां ही नहीं बल्कि हर बार की तरह इस बार भी समाहरणालय जलमग्न हो गया है. वहीं, नगर वासियों को जल जमाव से मुक्ति दिलाने वाला नगर परिषद का कार्यालय भी जलजमाव से अछूता नहीं रहा. बारिश ने जहां, जिले वासियों को उमस भरी गर्मी से राहत दी है वहीं, दूसरी तरफ जलजमाव के कारण लोगों को बाजार जाना भी मुश्किल हो रहा है.
जिला मुख्यालय नवादा स्थित सदर अस्पताल, स्टेशन रोड, कचहरी रोड सहित कई इलाके में लोग जलजमाव की समस्या से परेशान हैं. मॉनसून की पहली बारिश में शहर की दुर्दशा को लेकर अधिकारियों की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगने शुरू हो गए हैं. हालांकि, मॉनसून को लेकर बैठकें हुई लेकिन परिणाम सबके सामने है. ऐसा नहीं है कि समाहरणालय पहली बार बारिश के कारण डूबा है बल्कि यह परम्परा पहले से बनी हुई है जो कि इस बारिश में भी बरकरार है. लेकिन जिले को चलाने वाले वरीय अधिकारियों पर इसका कोई असर नहीं पड़ता.
अधिकारियों पर उठ रहे सवाल
सवाल यह उठता है किस जब मॉनसून अपने तय समय पर आने का संकेत कर चुका था तब आला अधिकारी क्या कर रहे थे? शहर के हालात ऐसे हैं कि हर तरफ जल जमाव ही नजर आता है. प्रशासन की तरफ सफाई पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. मॉनसून को लेकर अगर संवेदनशीलता बरती जाती तो शायद शहर का आलम यूं नहीं नजर आता. ऐसे में नवादा की जनता शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए सिर्फ कागज पर साफ सफाई को लेकर सवाल खड़े कर रही है. शहर में आलम यह है कि घर से निकलते ही कहीं गलती से चैंबर में न चले जाएं.
जल जमाव पर हो रही कार्रवाई
शहर में जलजमाव से उत्पन्न हुए नारकीय हालत पर जिलाधिकारी यशपाल मीणा से ईटीवी भारत के संवाददाता ने सवाल किए जिस पर जिलाधिकारी ने जवाब देते हुए कहा कि जलजमाव को लेकर नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी से इस विषय पर चर्चा की गई. सभी नालियों को साफ करने का निर्देश दिया गया है. इसमें काम युद्ध स्तर पर जारी है. डीएम यशपाल मीणा ने कहा कि जल्द ही टाउन मैनेजमेंट प्लान बना कर उचित कार्रवाई की जाएगी.
शहरवासियों से जन भागीदारी की अपील
वहीं, जिलाधिकारी ने शहरवासियों से आग्रह किया कि जलजमाव से छुटकारा पाने के लिए आगे आएं और अपनी जन भागीदारी सुनिश्चित करें. ताकि, मिलजुल कर नवादा को जलजमाव से मुक्ति दिला सकें और नवादा को स्वच्छ और सुंदर बना पाएं.