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नावादा: पटना-रांची को जोड़ने वाली सड़क की हालत जर्जर, CM ने 6 महीने पहले किया था शिलान्यास

नवादा की पटना-रांची और बोधगया-राजगीर को जोड़ने वाली सड़कें काफी जर्जर हो गई हैं. कई जगह बड़े-बड़े गड्ढे बने हुए हैं जो मौत को दावत देते रहते हैं.

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Published : Jul 17, 2019, 4:28 AM IST

नवादा: बिहार में पिछले 15 सालों में सड़कों की स्थिति भले ही सुधरी हो लेकिन नवादा जिले की सड़कें आज भी उद्धारक का इंतजार कर रही हैं. जिला मुख्यालय से नारदीगंज प्रखंड को जोड़ने वाली सड़कें काफी जर्जर हो गई हैं. इसकी वजह से आए दिन सड़क दुर्घटनाएं होती रहती हैं.

जर्जर हालत में सड़क

हालत ऐसी है कि जिस सफर को लोग आधे घंटे में तय कर सकते हैं उसे पूरा करने में डेढ़ घंटे का समय लगता है. हालांकि, बीती फरवरी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 283.91 लाख की राशि से इस सड़क के निर्माण के लिए शिलान्यास शुरू किया था, लेकिन वो अभी भी ठप्प है.

महत्वपूर्ण राज्यमार्ग को जोड़ती है ये सड़क
यह सड़क कई मामलों में महत्वपूर्ण है. यह 2 राज्यमार्ग को जोड़ती है, जिसमें नवादा बाईपास से गुजरने वाला पटना-रांची हाइवे 31 है और दूसरा बोधगया-राजगीर राजमार्ग 82 को भी यही सड़क जोड़ती है.

जनप्रतिनिधियों की अनदेखी
वैसे तो नवादा जिले में नेताओं की कमी नहीं है. खासकर चुनाव में इनके दौरे और भी तेज हो जाते हैं. जनप्रतिनिधि भी द्वार पर दस्तक देना नहीं भूलते, लेकिन जब बात ग्रामीणों के विकास और हित की आती है तो कोई नजर नहीं आता है. इसका परिणाम है कि नवादा-नारदीगंज सड़क सिर्फ चुनावी मुद्दा बनकर रह गई है, जबकि स्थानीय विधायक कौशल यादव की राजनीति पुश्तैनी है. इसके बावजूद भी यहां की सड़कें जर्जर हैं.

अधूरा कार्य कर ठेकेदार फरार
इस सड़क की मरम्मत का कार्य तीन महीने पहले शुरू हुआ था. ठेकेदार बीच में आधा-अधूरा कार्य छोड़ फरार हो गया, जिससे सड़क पर रखी मिट्टी बरसात के कारण कीचड़ बनकर सड़क पर फैल जाती है. इस कारण दुर्घटना की संभावना हमेशा बनी रहती है. कई जगह बड़े-बड़े गड्ढे बने हुए हैं जो मौत को दावत देते रहते हैं.

क्या कहते हैं स्थानीय लोग
ग्रामीण सूरज यादव कहते हैं कि जबसे होश संभाला तबसे इस सड़क को ऐसा ही जर्जर देखा. बरसात में सड़क पर पानी जमा हो जाता है, जिससे दुर्घटनाएं होती रहती हैं. बच्चियां स्कूल पढ़ने जाती हैं तो उन्हें पैदल चलना मुश्किल हो जाता है. कोई मुखिया-सरपंच उनकी फरियाद नहीं सुनता है.

वहीं एक और ग्रामीण विनय कुमार का कहना है कि यह सड़क नवादा जिले की लाइफलाइन है. इस सड़क पर टू व्हीलर और फॉरव्हीलर अधिक चलते हैं. रोड एक्सीडेंट तो यहां आम बात हो गई है. नेता, जनप्रतिनिधि और ठेकेदार सब इसपर ऊपर से रोगन चढ़ा कर चले जाते हैं. खानापूर्ति के बाद हालात फिर वैसे ही बदतर हो जाते हैं.

क्या कहते हैं पदाधिकारी
ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता मो. अशरद का कहना है कि सड़क मरम्मत का काम शुरू करवा दिया गया है. बरसात के कारण कार्य में बाधा आई है. बरसात के बाद पुनः कार्य शुरू हो जाएगा.

नवादा: बिहार में पिछले 15 सालों में सड़कों की स्थिति भले ही सुधरी हो लेकिन नवादा जिले की सड़कें आज भी उद्धारक का इंतजार कर रही हैं. जिला मुख्यालय से नारदीगंज प्रखंड को जोड़ने वाली सड़कें काफी जर्जर हो गई हैं. इसकी वजह से आए दिन सड़क दुर्घटनाएं होती रहती हैं.

जर्जर हालत में सड़क

हालत ऐसी है कि जिस सफर को लोग आधे घंटे में तय कर सकते हैं उसे पूरा करने में डेढ़ घंटे का समय लगता है. हालांकि, बीती फरवरी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 283.91 लाख की राशि से इस सड़क के निर्माण के लिए शिलान्यास शुरू किया था, लेकिन वो अभी भी ठप्प है.

महत्वपूर्ण राज्यमार्ग को जोड़ती है ये सड़क
यह सड़क कई मामलों में महत्वपूर्ण है. यह 2 राज्यमार्ग को जोड़ती है, जिसमें नवादा बाईपास से गुजरने वाला पटना-रांची हाइवे 31 है और दूसरा बोधगया-राजगीर राजमार्ग 82 को भी यही सड़क जोड़ती है.

जनप्रतिनिधियों की अनदेखी
वैसे तो नवादा जिले में नेताओं की कमी नहीं है. खासकर चुनाव में इनके दौरे और भी तेज हो जाते हैं. जनप्रतिनिधि भी द्वार पर दस्तक देना नहीं भूलते, लेकिन जब बात ग्रामीणों के विकास और हित की आती है तो कोई नजर नहीं आता है. इसका परिणाम है कि नवादा-नारदीगंज सड़क सिर्फ चुनावी मुद्दा बनकर रह गई है, जबकि स्थानीय विधायक कौशल यादव की राजनीति पुश्तैनी है. इसके बावजूद भी यहां की सड़कें जर्जर हैं.

अधूरा कार्य कर ठेकेदार फरार
इस सड़क की मरम्मत का कार्य तीन महीने पहले शुरू हुआ था. ठेकेदार बीच में आधा-अधूरा कार्य छोड़ फरार हो गया, जिससे सड़क पर रखी मिट्टी बरसात के कारण कीचड़ बनकर सड़क पर फैल जाती है. इस कारण दुर्घटना की संभावना हमेशा बनी रहती है. कई जगह बड़े-बड़े गड्ढे बने हुए हैं जो मौत को दावत देते रहते हैं.

क्या कहते हैं स्थानीय लोग
ग्रामीण सूरज यादव कहते हैं कि जबसे होश संभाला तबसे इस सड़क को ऐसा ही जर्जर देखा. बरसात में सड़क पर पानी जमा हो जाता है, जिससे दुर्घटनाएं होती रहती हैं. बच्चियां स्कूल पढ़ने जाती हैं तो उन्हें पैदल चलना मुश्किल हो जाता है. कोई मुखिया-सरपंच उनकी फरियाद नहीं सुनता है.

वहीं एक और ग्रामीण विनय कुमार का कहना है कि यह सड़क नवादा जिले की लाइफलाइन है. इस सड़क पर टू व्हीलर और फॉरव्हीलर अधिक चलते हैं. रोड एक्सीडेंट तो यहां आम बात हो गई है. नेता, जनप्रतिनिधि और ठेकेदार सब इसपर ऊपर से रोगन चढ़ा कर चले जाते हैं. खानापूर्ति के बाद हालात फिर वैसे ही बदतर हो जाते हैं.

क्या कहते हैं पदाधिकारी
ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता मो. अशरद का कहना है कि सड़क मरम्मत का काम शुरू करवा दिया गया है. बरसात के कारण कार्य में बाधा आई है. बरसात के बाद पुनः कार्य शुरू हो जाएगा.

Intro:नवादा। बिहार में पिछले पंद्रह सालों में सड़कें की स्थिति भलेहि अच्छी हुई हो लेकिन आज भी नवादा जिले की सड़कें अपने उद्धारक का इंतजार कर रहा है। जिला मुख्यालय से नारदीगंज प्रखंड को जोड़नेवाली सड़कें काफी जर्जर हो गई है। जिसके वजह आये दिन सड़क पर घटनाएं होती रहती है। जिस सफ़र को लोगों के द्वारा आधी घंटे में तय करनी चाहिए उसे एक से डेढ़ घंटे का समय लगता है। हालांकि, पिछले फरवरी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 283.91लाख की प्रकल्लित राशि से इस सड़क के कायाकल्प करने के लिए शिलान्यास शुरू किए थे लेकिन वो भी अभी तक ठप्प पड़ा है।

2 राजमार्गों जोड़ती है यह सड़क

यह सड़क कई मामलों में महत्वपूर्ण है। पहले तो यह 2 राज्यमार्ग को जोड़ती। जिसमें नवादा बाईपास से गुजरनेवाली पटना-रांची हाइवे 31 को जोड़ती है और दूसरी बोधगया-राजगीर राजमार्ग 82 को जोड़ती है।

जनप्रतिनिधियों की अनदेखी के कारण हुआ यह दशा

वैसे तो नवादा जिला में नेता कम नहीं है लेकिन जो भी है वो नवादा के हितैषी नहीं लगते है जिसका परिणाम है कि नवादा-नारदीगंज सड़क सिर्फ चुनावी मुद्दा बनकर रह गया है जबकि स्थानीय विधायक कौशल यादव की राजनीति पुस्तैनी है। इसके बावजूद भी यहां की सड़कें जर्जर है।

अधूरा कार्य कर फरार है ठेकेदार

हालांकि इस सड़क की मरम्मत का कार्यर तीन महीने पहले शुरू हुई थी मगर बीच में आधा -अधूरा कार्य छोड़ फरार हो गया जिससे सड़क पर रखे मिट्टी बरसात के कारण कीचड़ बनकर सड़क पर फैल जाता है जिसके कारण दुर्घटना की संभावना हमेशा बनी रहती है। कई जगह बड़े-बड़े गड्ढे बने हुए हैं जो मौत को दावत देती रहती है।

क्या कहते हैं स्थानीय लोग

ग्रामीण सूरज यादव कहते हैं, जबसे होश संभाले हैं तबसे ऐसे ही सड़क देख रहे हैं। बरसात में सड़क पर पानी जमा हो जाता है जिससे दुर्घटनाएं होती रहती है। बच्चियां स्कूल पढ़ने जाती उसे पैदल चलना मुश्किल हो जाता है। कोई मुखिया-सरपंच नहीं सुनता है। वहीं विनय कुमार का कहना है, यह सड़क नवादा जिले का लाइफलाइन सड़क है। इस सड़क पर टू वीलर और फॉरविलर अधिक चलता है। यहाँ दुर्घटनाएं होती रहती है। नेता-लीडर ठेकेदार सब इसको ऊपर से रंग-रूंग के ढक के चला जाता है बाद में फिर वैसा की वैसा ही रह जाता है।

क्या कहते हैं पदाधिकारी

ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता मो. अशरद का कहना है की काम शुरू है बरसात के कारण रुका हुआ है बरसात के बाद पुनः कार्य शुरू हो जाएगी।




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