नवादा: नगर भवन परिसर स्थित तालाब जल संचयन के बजाय कूड़ेदान बनकर रह गया है. इस तालाब के सौंदर्यीकरण के लिए कई पहल भी की जा चुकी हैं. लेकिन इसकी स्थिति जस की तस है.
5 साल पहले इस तालाब का जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण के लिए 8 लाख रुपए आवंटित किए गए थे. जिसमें बोटिंग की सुविधा, मछली पालन और तालाब के किनारे फूलों की क्यारी का होना और बच्चों के खेलने के लिए झूले लगाना था. लेकिन नगर परिषद की घोर लापरवाही के कारण यह तालाब अपनी अस्तिव के लिए संघर्ष कर रहा है.
म्यूज़िकल फव्वारे भी थे
स्थानीय लोगों का कहना है कि एक समय में ये बड़की तालाब के नाम से जाना जाता था. इसके चारों तरफ सीढियां बनी हुई थी, यहां स्वच्छ पानी हुआ करता था. म्यूज़िकल फव्वारे भी लगाए गए थे लेकिन वो भी 15 दिनों तक चलने के बाद बंद हो गया.
नगर परिषद के अधिकारी ने नहीं दिया जवाब
पूर्व पार्षद सुरेश प्रसाद वर्मन का कहना है कि इस तालाब के लिए कुछ न कुछ पैसा हमेशा लगता रहता है. लेकिन कुछ भी काम नहीं हुआ है. वहीं नगर परिषद के अधिकारी अपनी व्यस्तता की दुहाई देकर कुछ भी बोलने से परहेज करते दिखे.