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नवादा: डीलर की मनमानी की वजह से गरीबों को नहीं मिल रहा अनाज, SDO ने दिए जांच के आदेश

इस मामले में पीडीएस डीलर द्वारा भ्रष्टाचार में सम्मिलित होने का मामला सामने आया है. लोगों का कहना है कि सूचीबद्ध जितने भी नाम हैं, उसके मुताबिक अनाज नहीं दिया जा रहा है और दिया भी जा रहा है तो वजन कम रहता है.

people not getting grain in nawada
नवादा में गरीबों को नहीं मिल रहा अनाज
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Published : Nov 27, 2019, 10:38 PM IST

नवादा: सरकार भले ही अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों तक ससमय अनाज वितरण का दावा कर रही हो, लेकिन ग्रामीण इलाकों में आज भी गरीब अनाज के लिए तरस रहे हैं. मामला नक्सल प्रभावित सिरदला प्रखंड के बांधी पंचायत के चपड़ी गांव का है, जहां डीलर की मनमानी की वजह से सारे प्रमुख त्योहार निकल जाने के बाद भी गरीब लोगों को अनाज नसीब नहीं हो सका है. न ही अंत्योदय योजना के लाभुक को अनाज मिल रहा है और न ही पूर्वविक्ता प्राप्त परिवारों को.

क्या कहते हैं ग्रामीण
इस मामले में पीडीएस डीलर द्वारा भ्रष्टाचार में शामिल होने का मामला सामने आया है. लोगों का कहना है कि सूचीबद्ध जितने भी नाम हैं, उसके मुताबिक अनाज नहीं दिया जा रहा है और दिया भी जा रहा है तो वजन कम रहता है. ग्रामीण संजय प्रसाद का कहना है सूची में जितने लोगों का नाम है, उन सभी को अनाज नहीं मिलता है. जो भी 25-30 किलो अनाज मिलता है, उसमें घर पर लाने पर 2 किलो कम ही निकलता है.

वहीं, चंदेश्वर प्रसाद का कहना है कि 12 परिवार में से सिर्फ 8 लोगों को इसका लाभ मिल रहा है. जबकि रिंकू देवी का कहना है कि 6 से 7 महीने से अनाज नहीं मिल रहा है. पहले मिलता था लेकिन अब नहीं मिल रहा है.

ये भी पढ़ें: पटना: पीपा पुल फिर से शुरू, बरकरार है कई खामियां

खाद्यान्न वितरण का मिला है लाइसेंस
पीडीएस डीलर शिवनंदन प्रसाद को खाद्यान्न वितरण का लाइसेंस प्राप्त है. लाइसेंस नंबर 375/07 है. जिसके तहत नवंबर महीने में अंत्योदय योजना के 42 लाभुकों सहित पूर्वविक्ता प्राप्त लाभुकों के किए डीलर को कुल मिलाकर 53.82 क्विंटल और 35. 88 क्विंटल गेहूं की आपूर्ति की गई है. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत अंत्योदय योजना के लाभुकों को 35 किलोग्राम खाद्यान और पूर्वविक्ता प्राप्त परिवार को 3 किलोग्राम चावल और 2 किलोग्राम गेंहूं दिया जाना है. लेकिन चपड़ी गांव के डीलर साहब के मनमानी के आगे सरकार का यह कानून लागू नहीं होता.

people not getting grain in nawada
ग्रामीण महिला

आंकड़े से अधिक खाद्यान दे रही सरकार
बांधी पंचायत के उपखंड 277/01 और 277/02 में कुल परिवारों की संख्या 191 है और दोनों उपखंडों को मिलाकर कुल 1164 सदस्य हैं. जिसके लिए 34. 92 क्विंटल चावल और 23. 28 क्विंटल गेहूं सरकार को उपलब्ध करना था. लेकिन सरकार इससे अधिक 45 क्विंटल चावल और 30 क्विंटल गेहूं की आपूर्ति कर रही है.

इसके बावजूद लोगों की शिकायतें डीलर की कार्यप्रणाली पर संदेह उत्पन्न कर रही है. आंकड़ों पर गौर करें तो यह स्पष्ट होगा कि पोषक क्षेत्र के 1767 लाभुकों को 53.01 क्विंटल चावल और 35.34 गेंहू मिलना चाहिए. जबकि सरकार ने 0.81 क्विंटल चावल और 0.54 क्विंटल गेंहू डीलर को अधिक उपलब्ध कराया है.

पेश है रिपोर्ट

क्या कहते हैं पीडीएस डीलर प्रतिनिधि
पीडीएस डीलर शिवनंदन प्रसाद के प्रतिनिधि का कहना है कि 1767 सदस्यों के बदले सिर्फ 1500 लोगों के लिए खाद्यान मिला है. जितना मिला है उतने से ही काम चला रहे हैं. इस मामले पर रजौली एसडीओ चंद्रशेखर आजाद का कहना है कि इस संबंध में मैंने एमओ को जांच के लिए भेजा है. मैं अभी फील्ड में ही हूं. जांच रिपोर्ट आने के बाद ही विस्तृत प्रतिक्रिया दे पाऊंगा.

नवादा: सरकार भले ही अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों तक ससमय अनाज वितरण का दावा कर रही हो, लेकिन ग्रामीण इलाकों में आज भी गरीब अनाज के लिए तरस रहे हैं. मामला नक्सल प्रभावित सिरदला प्रखंड के बांधी पंचायत के चपड़ी गांव का है, जहां डीलर की मनमानी की वजह से सारे प्रमुख त्योहार निकल जाने के बाद भी गरीब लोगों को अनाज नसीब नहीं हो सका है. न ही अंत्योदय योजना के लाभुक को अनाज मिल रहा है और न ही पूर्वविक्ता प्राप्त परिवारों को.

क्या कहते हैं ग्रामीण
इस मामले में पीडीएस डीलर द्वारा भ्रष्टाचार में शामिल होने का मामला सामने आया है. लोगों का कहना है कि सूचीबद्ध जितने भी नाम हैं, उसके मुताबिक अनाज नहीं दिया जा रहा है और दिया भी जा रहा है तो वजन कम रहता है. ग्रामीण संजय प्रसाद का कहना है सूची में जितने लोगों का नाम है, उन सभी को अनाज नहीं मिलता है. जो भी 25-30 किलो अनाज मिलता है, उसमें घर पर लाने पर 2 किलो कम ही निकलता है.

वहीं, चंदेश्वर प्रसाद का कहना है कि 12 परिवार में से सिर्फ 8 लोगों को इसका लाभ मिल रहा है. जबकि रिंकू देवी का कहना है कि 6 से 7 महीने से अनाज नहीं मिल रहा है. पहले मिलता था लेकिन अब नहीं मिल रहा है.

ये भी पढ़ें: पटना: पीपा पुल फिर से शुरू, बरकरार है कई खामियां

खाद्यान्न वितरण का मिला है लाइसेंस
पीडीएस डीलर शिवनंदन प्रसाद को खाद्यान्न वितरण का लाइसेंस प्राप्त है. लाइसेंस नंबर 375/07 है. जिसके तहत नवंबर महीने में अंत्योदय योजना के 42 लाभुकों सहित पूर्वविक्ता प्राप्त लाभुकों के किए डीलर को कुल मिलाकर 53.82 क्विंटल और 35. 88 क्विंटल गेहूं की आपूर्ति की गई है. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत अंत्योदय योजना के लाभुकों को 35 किलोग्राम खाद्यान और पूर्वविक्ता प्राप्त परिवार को 3 किलोग्राम चावल और 2 किलोग्राम गेंहूं दिया जाना है. लेकिन चपड़ी गांव के डीलर साहब के मनमानी के आगे सरकार का यह कानून लागू नहीं होता.

people not getting grain in nawada
ग्रामीण महिला

आंकड़े से अधिक खाद्यान दे रही सरकार
बांधी पंचायत के उपखंड 277/01 और 277/02 में कुल परिवारों की संख्या 191 है और दोनों उपखंडों को मिलाकर कुल 1164 सदस्य हैं. जिसके लिए 34. 92 क्विंटल चावल और 23. 28 क्विंटल गेहूं सरकार को उपलब्ध करना था. लेकिन सरकार इससे अधिक 45 क्विंटल चावल और 30 क्विंटल गेहूं की आपूर्ति कर रही है.

इसके बावजूद लोगों की शिकायतें डीलर की कार्यप्रणाली पर संदेह उत्पन्न कर रही है. आंकड़ों पर गौर करें तो यह स्पष्ट होगा कि पोषक क्षेत्र के 1767 लाभुकों को 53.01 क्विंटल चावल और 35.34 गेंहू मिलना चाहिए. जबकि सरकार ने 0.81 क्विंटल चावल और 0.54 क्विंटल गेंहू डीलर को अधिक उपलब्ध कराया है.

पेश है रिपोर्ट

क्या कहते हैं पीडीएस डीलर प्रतिनिधि
पीडीएस डीलर शिवनंदन प्रसाद के प्रतिनिधि का कहना है कि 1767 सदस्यों के बदले सिर्फ 1500 लोगों के लिए खाद्यान मिला है. जितना मिला है उतने से ही काम चला रहे हैं. इस मामले पर रजौली एसडीओ चंद्रशेखर आजाद का कहना है कि इस संबंध में मैंने एमओ को जांच के लिए भेजा है. मैं अभी फील्ड में ही हूं. जांच रिपोर्ट आने के बाद ही विस्तृत प्रतिक्रिया दे पाऊंगा.

Intro:नवादा। भलेहि सरकार अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों तक ससमय अनाज वितरण की दावें कर रही हो लेकिन ग्रामीण इलाकों में आज भी गरीब लोग अनाज के लिए तरस रहे। जी हां, हम बात कर रहे हैं नक्सल प्रभावित सिरदला प्रखंड के बांधी पंचायत के चपड़ी गांव की जहां, डीलर के मनमानी के वजह से सारे प्रमुख त्योहार निकल जाने के बाद भी गरीब लोगों को अनाज नसीब नहीं हो सका है न अंत्योदय योजना के लाभुक को अनाज मिल रहा है और न ही पूर्वविक्ता प्राप्त परिवारों को।बलोगों का कहना है कि सूचीबद्ध जितने भी नाम है उसके मुताबिक अनाज नहीं दिया जा रहा है और दिया भी जा रहा है तो वजन में कम रहता है।

ईटीवी भारत के संवाददाता ने ग्रांउड जीरो पर इसकी पड़ताल की। और पड़ताल में पीडीएस डीलर द्वारा भ्रष्टाचार में सम्मिलित होने का मामला प्रकाश में आया। आइए देखिए इस पर राहुल राय की विशेष रिपोर्ट:-





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क्या कहते हैं ग्रामीण

ग्रामीण संजय प्रसाद का कहना है सूची में जितने आदमी का नाम है उसने को नहीं मिलता जो भी 25 से 30 किलो अनाज मिलता है उसमें घर पर लाने पर 2 किलो कम ही निकलता है।

ग्रामीण, प्रसादी का कहना है, 12 परिवार में से सिर्फ 8 लोगों को इसका लाभ मिल रहा है 4 को आधार कार्ड में नाम गलत होने की वजह से नहीं मिलता खुलता है आधार कार्ड से जुड़ा नहीं है फिर भी हम आधार को सुधार के लिए दिए बोले बाबू इसको ठीक कर दो। जब कभी पूछते हैं बोलते हैं कि आधार में सुधार नहीं हुआ है तो नहीं मिलेगा।

ग्रामीण चंदेश्वर प्रसाद का कहना है 12 परिवार है। सूची में 7
लोगों का ही नाम है जिसमें से 6 लोगों को मिलता है और उसमें भी कम अनाज मिलता है। मेरा कहना है कि जब पैसा पूरा देते हैं तो अनाज भी पूरा मिलना चाहिए।

वहीं ग्रामीण महिला लछिया देवी का कहना है 6 सदस्यों में से सिर्फ 4 सदस्यों का ही अनाज देते हैं।

ग्रामीण महिला का कहना है 7 सदस्यों में से 3 सदस्यों का ही राशन देते हैं बोलते हैं तो नहीं देता।

सुरजी देवी का कहना है कि सूची में 18 लोगों का नाम है लेकिन 25 से 30 किलो ही अनाज मिलता है।

रिंकू देवी का कहना है, 6 से 7 महीने से अनाज नहीं मिल रहा है पहले मिलता था पर अब नहीं मिल रहा है जब पहले मिल रहा था तो फिर अब क्यों नहीं मिल रहा? बोलते हैं तो कहते हैं कि नहीं मिल रहा है तो अब नहीं देंगे।




पीडीएस डीलर शिवनंदन प्रसाद को खाद्यान्न वितरण का लाइसेंस प्राप्त है लाइसेंस नंबर है 375/07 जिसके तहत नवंबर महीने में अंत्योदय योजना के 42 लाभुकों लाभुकों सहित पूर्वविक्ता प्राप्त लाभुकों के किए डीलर को कुल मिलाकर 53.82 क्विंटल और 35. 88 क्विंटल गेहूं की आपूर्ति की गई है. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत अंत्योदय योजना के लाभुकों को 35 किलोग्राम खाद्यान और पूर्वविक्ता प्राप्त परिवार को 3 किलोग्राम चावल और 2 किलोग्राम गेंहूँ दिया जाना है लेकिन चपड़ी गांव के डीलर साहब के मनमानी के आगे सरकार का यह कानून लागू नहीं होता।


आंकड़े से अधिक सरकार दे रही खाद्यान, फिर गरीब वंचित


बांधी पंचायत के उपखंड 277/01 और 277/02 में कुल परिवारों की संख्या 191 है और दोनों उपखंडों को मिलाकर कुल 1164 सदस्य हैं जिसके लिए सरकार 34. 92 क्विंटल चावल और 23. 28 क्विंटल गेहूं सरकार को उपलब्ध करना था। लेकिन सरकार इससे अधिक 45 क्विंटल चावल और 30 क्विंटल गेहूं की आपूर्ति कर रही है बावजूद लोगों की शिकायतें डीलर की कार्यप्रणाली पर संदेह उत्पन्न कर रही है। अब जरा इस आंकड़ों पर गौर करें तो यह स्पष्ट होगा कि पोषक क्षेत्र के 1767 लाभुकों को 53.01क्विंटल चावल और 35.34 गेंहू मिलना चाहिए। जबकि सरकार ने 0.81 क्विंटल चावल और 0.54 क्विंटल गेंहू डीलर को अधिक उपलब्ध कराया गया है।

क्या कहता है पीडीएस डीलर प्रतिनिधि

वहीं, पीडीएस डीलर शिवनंदन प्रसाद के प्रतिनिधि का कहना है, 1767 सदस्यों के बदले सिर्फ 1500 लोगों के लिए खाद्यान मिला है जितना मिला है उतने से ही काम चला रहे हैं।

डीलर कर रहा है बीच का रास्ता निकालने के लिए फोन पर फोन
खबर छपने की डर से डीलर प्रतिनिधि की ओर से फ़ोन कर बीच का रास्ता निकालने किबज रही है। आखिर डीलर साहब क्यों बीच का रास्ता निकालने की कह रहे हैं बात?


क्या कहते हैं पदाधिकारी

रजौली एसडीओ चंद्रशेखर आजाद का कहना है कि इस संबंध में मैंने एम ओ को जांच के लिए भेजा है मैं अभी फील्ड में ही हूं जांच रिपोर्ट आने के बाद ही विस्तृत प्रतिक्रिया दे पाऊंगा।


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