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नवादा: डिजिटल इंडिया से खरीदारी आसान बना रहा है दुकानदार - लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति

त्यौहारों में ग्राहकों के साथ पॉकेटमारी और एटीएम पर लगी लंबी लाइन से छुटकारा दिलाने के लिए चंदन ने अपनी दुकान में पेटीएम का बोर्ड लगा लिया. इससे बिना कैश के भी घरौंदा जैसे छोटे सामान की खरीददारी और कैशबैक की फायदा उठा सकते हैं.

घरौंदे की दुकान पर PAYTM से पेमेंट की सुविधा
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Published : Oct 27, 2019, 2:33 PM IST

नवादा: बिजनेस छोटा हो या बड़ा अपने ग्राहकों के प्रति अच्छी सोच होनी चाहिए, क्योंकि ग्राहक देवता समान होते हैं. कुछ ऐसी ही सोच है जिले के विजय बाजार स्थित दुकानदार चंदन कुमार की. वह यहां एक गली में घरौंदा की दुकान चलाते हैं.

2012 में चंदन की आईबी में लगभग फाइनल सलेक्शन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी. लेकिन नियुक्ति के लिए लाखों रुपए की मांग की वजह से नौकरी नहीं लग पाई. इसके बाद उसने अपनी पढ़ाई छोड़ कर कई जगह छोटी-मोटी जॉब की. स्वास्थ्य ठीक नहीं रहने के कारण दीपावली पर उसने घरौंदा बनाकर बेचना शुरू कर दिया.

घरौंदे की दुकान पर PAYTM से पेमेंट की सुविधा

बिना कैश का घरौंदा
त्यौहारों में ग्राहकों के साथ पॉकेटमारी और एटीएम पर लगी लंबी लाइन से छुटकारा दिलाने के लिए चंदन ने अपनी दुकान में पेटीएम का बोर्ड लगा लिया. इससे बिना कैश के भी घरौंदा जैसे छोटे सामान की खरीददारी और कैशबैक की फायदा उठा सकते हैं. चंदन ने बताया कि वह अबतक इससे 8 हजार रुपए तक के समान बेच चुका है. ग्राहक भी इससे काफी खुश हैं.

nawada
घरौंदा बनाते चंदन

घरौंदा का इस्तेमाल और उसके दाम
घरौंदा का इस्तेमाल लोग दीपावली में करते हैं. यह दो मंजिला मंदिरनुमा मकान की तरह होता है. लोग इसे घर ले जाकर इसमें भगवान लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति स्थापित कर पूजा-अर्चना करते हैं. बाजरों में यह 100 से लेकर 250 तक में मिलते हैं.

nawada
दुकानदार चंदन कुमार

नवादा: बिजनेस छोटा हो या बड़ा अपने ग्राहकों के प्रति अच्छी सोच होनी चाहिए, क्योंकि ग्राहक देवता समान होते हैं. कुछ ऐसी ही सोच है जिले के विजय बाजार स्थित दुकानदार चंदन कुमार की. वह यहां एक गली में घरौंदा की दुकान चलाते हैं.

2012 में चंदन की आईबी में लगभग फाइनल सलेक्शन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी. लेकिन नियुक्ति के लिए लाखों रुपए की मांग की वजह से नौकरी नहीं लग पाई. इसके बाद उसने अपनी पढ़ाई छोड़ कर कई जगह छोटी-मोटी जॉब की. स्वास्थ्य ठीक नहीं रहने के कारण दीपावली पर उसने घरौंदा बनाकर बेचना शुरू कर दिया.

घरौंदे की दुकान पर PAYTM से पेमेंट की सुविधा

बिना कैश का घरौंदा
त्यौहारों में ग्राहकों के साथ पॉकेटमारी और एटीएम पर लगी लंबी लाइन से छुटकारा दिलाने के लिए चंदन ने अपनी दुकान में पेटीएम का बोर्ड लगा लिया. इससे बिना कैश के भी घरौंदा जैसे छोटे सामान की खरीददारी और कैशबैक की फायदा उठा सकते हैं. चंदन ने बताया कि वह अबतक इससे 8 हजार रुपए तक के समान बेच चुका है. ग्राहक भी इससे काफी खुश हैं.

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घरौंदा बनाते चंदन

घरौंदा का इस्तेमाल और उसके दाम
घरौंदा का इस्तेमाल लोग दीपावली में करते हैं. यह दो मंजिला मंदिरनुमा मकान की तरह होता है. लोग इसे घर ले जाकर इसमें भगवान लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति स्थापित कर पूजा-अर्चना करते हैं. बाजरों में यह 100 से लेकर 250 तक में मिलते हैं.

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दुकानदार चंदन कुमार
Intro:नवादा। बिज़नेस छोटा हो या बड़ा सोच अपने ग्राहकों के प्रति अच्छे होनी चाहिए। क्योंकि बिजनेस में ग्राहक ही देवता समान होते हैं। कुछ ऐसी ही सोचवाले एक युवक के बारे में बताने जा रहे हैं जो जिले के विजय बाजार स्थित एक छोटा सा घरौंदा की दुकान गालियों में चलाते हैं। लेकिन उनकी सोच अपने ग्राहकों के लिए बड़ा है। नाम है चंदन कुमार और पिता का नाम शिव कुमार।




Body:चंदन का 2012 में आईबी में लगभग फाइनल सलेक्शन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी लेकिन नियुक्ति के लिए लाखों रुपए मांगे जाने पर इसमें असक्षम चंदन की नौकरी नहीं लग पाई। जिसके बाद से उसने अपनी पढ़ाई छोड़ दी। कुछ दिन खाली बैठा रहा। फिर कहीं छोटी सी जॉब पकड़ी लेकिन स्वास्थ्य भी सही से साथ नहीं दिया तो फिर खुद छोटा-छोटा बिज़नेस करने में लग गया। और आज दीपावली पर छोटे-छोटे घरौंदा बनाकर बेच रहे है। चंदन का कहना है कि बेरोजगार बनकर घर बैठने से अच्छा था कि कुछ खुद बिज़नेस करें। और उसने शुरू भी कर दिया है।

बाइट- चंदन कुमार, दुकानदार


लेकिन इनकी सोच देखिए कि वो त्योहारों को लेकर बाजारों में बढ़ती बेतहाशा भीड़ और उसमें मार्केटिंग करनेवाले आये ग्राहकों के साथ पॉकेटमारी और एटीएम पर लगी लंबी लाइन से छुटकारा देने के उद्देश्य से अपनी छोटी सी घरौंदा की दुकान में पेटीएम का बोर्ड लगा रखा है ताकि बाजार में आनेवाले ग्राहकों के पास यदि कैश न भी रहे तो उनसे घरौंदा जैसे छोटे से सामान आसानी से खरीद सके और पेटीएम से मिलनेवाली कैशबैक की भी फ़ायदा उठा सके। चंदन अब तक इससे 8 हज़ार रुपए तक की समान बेच भी चुका है।

बाइट- चंदन कुमार, दुकानदार



वहीं, ग्राहक भी खुश हैं कि छोटी सी घरौंदा खरीदने के लिए उन्हें कैश के वजय पेटीएम से काम हो गया। यह देश के लिए अच्छा है।

बाइट- भास्कर कुमार,ग्राहक
बाइट- चंदन कुमार, ग्राहक

घरौंदा का इस्तेमाल और उसके दाम

घरौंदा का इस्तेमाल खासकर लोग दीपावली में अधिकतर करते हैं। दो मंजिल सजाया हुआ मंदिरनुमा मकान की तरह होता है। इस छोटे से लकड़ी के मकान को ही घरौंदा कहते हैं। लोग इसे घर ले जाकर इसमें भगवान लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति स्थापित कर पूजा-अर्चना करते हैं। बाजरों में यह 100 से लेकर 250 तक में मिलते हैं जो




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