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नवादा: प्रखंड बनने के 25 साल बाद भी यहां नहीं बन सका एक भी सार्वजनिक शौचालय - प्रखंड मुख्यालय

नारदीगंज को 27 दिसंबर 1994 में प्रखंड का दर्जा मिला था. प्रखंड की स्थापना के दो दशक से अधिक समय बीत चुके हैं, लेकिन इसकी सूरत नहीं बदली है. प्रखंड मुख्यालय में एक भी सार्वजनिक शौचालय नहीं है

नारदीगंज प्रखंड
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Published : Jul 27, 2019, 4:06 PM IST

नवादा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक स्वच्छ भारत मिशन के लक्ष्यों को पूरा करने के बाद कई गांव, पंचायत, प्रखंड और जिले को ओडीएफ घोषित किया गया है. लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. जिले के नारदीगंज प्रखंड को प्रखंड का दर्जा मिले 25 वर्ष बीत चुके हैं और पिछले वर्ष ही इसे स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौच मुक्त घोषित किया जा चुका है लेकिन यह शौच मुक्त केवल अधिकारियों के कागजी आंकड़ों में सिमट कर रह गई है. इस प्रखंड मुख्यालय में एक भी सार्वजनिक शौचालय नहीं है, जिससे प्रखंड मुख्यालय और बाजार आने वाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

सन 1994 में मिला था प्रखंड का दर्जा

नारदीगंज को 27 दिसंबर 1994 में प्रखंड का दर्जा मिला था. प्रखंड की स्थापना के दो दशक से अधिक समय बीत चुके हैं, लेकिन इसकी सूरत नहीं बदली है. नारदीगंज प्रखंड अंतर्गत कुल ग्यारह पंचायत आते हैं. जिसे स्वच्छ भारत मिशन के तहत सभी पंचायतों को ओडीएफ घोषित कर दिया गया है. लेकिन प्रखंड मुख्यालय में आज एक भी सार्वजनिक शौचालय नहीं है. लोगों को शौच के लिए खुले वातावरण का सहारा लेना पड़ता है.

नवादा के इस प्रखंड मुख्यालय में नहीं बन सका एक भी सार्वजनिक शौचालय

क्या कहते हैं स्थानीय लोग
ग्राम कहुआरा से प्रखंड मुख्यालय आये पूर्व शिक्षक रामवृक्ष सिंह का कहना है, नारदीगंज प्रखंड और बाजार में एक भी शौचालय नहीं है. जिससे पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं को काफी दिक्कतें होती है. अगर इसके लिए पहल हो और सार्वजनिक शौचालय का निर्माण हो जाय तो यहां की जनता आभार व्यक्त करेगी. वहीं, नारदीगंज पंचायत के सरपंच प्रवेश रविदास का कहना है कि हमने एकबार नहीं सौ बार शौचालय को लेकर बीडीओ और सीओ से मांग की है, लेकिन कोई नहीं सुनता है. वो आवेदन रख लेते हैं, कहते हैं कर देंगे, लेकिन करते नहीं हैं. जिससे लोगों को काफी परेशानी होती है. खासकर महिलाओं को कितनी दिक्कतें होती है वो बता नहीं सकते हैं. यहां कुछ व्यवस्था नहीं है. न ही सार्वजिक शौचालय और न पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था है.

क्या कहते हैं पदाधिकारी

वहीं, नारदीगंज प्रखंड विकास पदाधिकारी राजीव रंजन ने ईटीवी भारत के माध्यम से सार्वजिक शौचालय नहीं होने की जानकारी प्राप्त होने की बात कहते हुए कहा कि, स्वच्छ भारत मिशन के तहत जो भी प्रावधान होगा, उसे मेरे द्वारा किया जाएगा, जिससे लोगों को कोई दिक्कत न हो.

नवादा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक स्वच्छ भारत मिशन के लक्ष्यों को पूरा करने के बाद कई गांव, पंचायत, प्रखंड और जिले को ओडीएफ घोषित किया गया है. लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. जिले के नारदीगंज प्रखंड को प्रखंड का दर्जा मिले 25 वर्ष बीत चुके हैं और पिछले वर्ष ही इसे स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौच मुक्त घोषित किया जा चुका है लेकिन यह शौच मुक्त केवल अधिकारियों के कागजी आंकड़ों में सिमट कर रह गई है. इस प्रखंड मुख्यालय में एक भी सार्वजनिक शौचालय नहीं है, जिससे प्रखंड मुख्यालय और बाजार आने वाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

सन 1994 में मिला था प्रखंड का दर्जा

नारदीगंज को 27 दिसंबर 1994 में प्रखंड का दर्जा मिला था. प्रखंड की स्थापना के दो दशक से अधिक समय बीत चुके हैं, लेकिन इसकी सूरत नहीं बदली है. नारदीगंज प्रखंड अंतर्गत कुल ग्यारह पंचायत आते हैं. जिसे स्वच्छ भारत मिशन के तहत सभी पंचायतों को ओडीएफ घोषित कर दिया गया है. लेकिन प्रखंड मुख्यालय में आज एक भी सार्वजनिक शौचालय नहीं है. लोगों को शौच के लिए खुले वातावरण का सहारा लेना पड़ता है.

नवादा के इस प्रखंड मुख्यालय में नहीं बन सका एक भी सार्वजनिक शौचालय

क्या कहते हैं स्थानीय लोग
ग्राम कहुआरा से प्रखंड मुख्यालय आये पूर्व शिक्षक रामवृक्ष सिंह का कहना है, नारदीगंज प्रखंड और बाजार में एक भी शौचालय नहीं है. जिससे पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं को काफी दिक्कतें होती है. अगर इसके लिए पहल हो और सार्वजनिक शौचालय का निर्माण हो जाय तो यहां की जनता आभार व्यक्त करेगी. वहीं, नारदीगंज पंचायत के सरपंच प्रवेश रविदास का कहना है कि हमने एकबार नहीं सौ बार शौचालय को लेकर बीडीओ और सीओ से मांग की है, लेकिन कोई नहीं सुनता है. वो आवेदन रख लेते हैं, कहते हैं कर देंगे, लेकिन करते नहीं हैं. जिससे लोगों को काफी परेशानी होती है. खासकर महिलाओं को कितनी दिक्कतें होती है वो बता नहीं सकते हैं. यहां कुछ व्यवस्था नहीं है. न ही सार्वजिक शौचालय और न पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था है.

क्या कहते हैं पदाधिकारी

वहीं, नारदीगंज प्रखंड विकास पदाधिकारी राजीव रंजन ने ईटीवी भारत के माध्यम से सार्वजिक शौचालय नहीं होने की जानकारी प्राप्त होने की बात कहते हुए कहा कि, स्वच्छ भारत मिशन के तहत जो भी प्रावधान होगा, उसे मेरे द्वारा किया जाएगा, जिससे लोगों को कोई दिक्कत न हो.

Intro:नवादा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक स्वच्छ भारत मिशन के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए कई गांव, पंचायत, प्रखंड, जिला को ओडीएफ घोषित किए गये हैं लेकिन ज़मीनी हक़ीक़त कुछ और ही बयाँ कर रही है। जिले के नारदीगंज प्रखंड को प्रखंड का दर्जा मिले पच्चीस वर्ष बीत चुके हैं और पिछले वर्ष ही इसे स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौच मुक्त घोषित किया जा चुका है लेकिन यह शौच मुक्त केवल अधिकारियों के कागजी आंकड़ों में सिमट कर रह गई है। इस प्रखंड मुख्यालय में एक भी सार्वजनिक शौचालय नहीं है जिससे प्रखंड मुख्यालय व बाजार आनेवाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।




Body:सन 1994 में मिला था प्रखंड का दर्जा

नारदीगंज को 27 दिसंबर 1994 में प्रखंड के दर्जा मिला था। प्रखंड की स्थापना के दो दशक से अधिक समय बीत चुके हैं लेकिन इसकी सूरत नही बदली है।

प्रखंड के सभी पंचायत हो चुके हैं ओडीएफ घोषित

नारदीगंज प्रखंड अंतर्गत कुल ग्यारह पंचायत आते हैं। जिसे स्वच्छ भारत मिशन के तहत सभी पंचायतों को ओडीएफ घोषित कर दिया गया है लेकिन प्रखंड मुख्यालय में आज शौच करने के लिए एक भी सार्वजनिक शौचालय नहीं है लोगों को शौच के लिए खुले वातावरण का सहारा लेना पड़ता है।

क्या कहते हैं लोग

ग्राम कहुआरा से प्रखंड मुख्यालय आये पूर्व शिक्षक रामवृक्ष सिंह का कहना है, नारदीगंज प्रखंड और बाजार में एक भी शौचालय नहीं है जिससे पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं को काफी दिक्कतें होती है अगर इसके लिए पहल हो और सार्वजनिक शौचालय का निर्माण हो जाय तो यहां की जनता आभार व्यक्त करेगी। वहीं, नारदीगंज पंचायत के सरपंच प्रवेश रविदास का कहना है कि, हम एकबार नहीं सौ बार शौचालय को लेकर बीडीओ सीओ से मांग किए हैं। लेकिन कोई सुनता नहीं है। आवेदन रख लेता है कहते हैं कर देंगे लेकिन करते हैं नहीं। जिससे लोगों को काफी परेशानी होती है खासकर महिलाओं को कितने दिक्कतें होती है हम बता नहीं सकते हैं। यहाँ कुछ व्यवस्था नहीं है न सार्वजिक शौचालय, की न पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था है।

क्या कहते हैं पदाधिकारी

वहीं, नारदीगंज प्रखंड विकास पदाधिकारी राजीव रंजन ने ईटीवी भारत के माध्यम से सार्वजिक शौचालय नहीं होने की जानकारी प्राप्त होने की बात कहते हुए कहा कि, स्वच्छ भारत मिशन के तहत जो भी प्रावधान होगा उसे मेरे द्वारा किया जाएगा जिससे लोगों को कोई दिक्कत न हो।
















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