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Bihar MLC Election: प्रत्याशी की घोषणा से RJD के नवादा जिलाध्यक्ष नाराज, दिया इस्तीफा - ईटीवी न्यूज

एमएलसी प्रत्याशी की घोषणा (MLC candidate announcement) के बाद नवादा जिले में राजद में खलबली मच गई है. जिला अध्यक्ष सहित कई लोगों ने पार्टी छोड़ने का निर्णय लिया है. राजद के जिला अध्यक्ष महेंद्र यादव ने त्यागपत्र देने का ऐलान कर दिया है. उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि मैं राजद जिला अध्यक्ष पद से त्यागपत्र देता हूं. उन्होंने इस्तीफे का कारण नहीं बताया है. पढ़ें पूरी खबर.

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Published : Feb 20, 2022, 1:17 PM IST

नवादा: एमएलसी चुनाव (Bihar MLC Election) में टिकट को लेकर सभी राजनीतिक दलों में घमासान जारी है. आरजेडी ने श्रवण कुमार कुशवाहा को नवादा से विधान परिषद प्रत्याशी बनाया गया है. इस घोषणा के बाद से ही पार्टी की जिला इकाई में नाराजगी साफ दिखने लगी है. प्रत्याशी के नाम की घोषणा के साथ ही राजद जिलाध्यक्ष महेन्द्र कुमार ने इस्तीफा (Nawada RJD district president resigned) दे दिया है. हालांकि उन्होंने इस्तीफे में किसी कारण का उल्लेख नहीं किया है लेकिन राजनीतिक जानकार इसे नराजगी का परिणाम बता रहे हैं. उनका कहना है कि यह सूत्रपात हैं. महेंद्र यादव 8 सालों से लगातार जिला अध्यक्ष थे.

उल्लेखनीय है कि नवादा में प्रत्याशी चयन को लेकर जारी खींचतान का असर ही था कि इस राजद आलाकमान को सीट पर देर से नामों की घोषण करनी पड़ी. कुछ दिनों पूर्व श्रवण कुमार कुशवाहा का नाम सामने आया था. इसका विरोध किया गया था. आखिर तक टालने के बाद एक बार फिर से सारी स्थिति का आकलन कर श्रवण के नाम पर ही मुहर लगा दी. साथ ही राजद नेतृत्व ने इशारा कर दिया कि वह अपने निर्णय को लेकर पीछे हटने को तैयार नहीं है.

देखें रिपोर्ट

ये भी पढ़ें: Bihar MLC Election: जमुई से जदयू नेता संजय प्रसाद ने कर दी घोषणा- 'हम हैं उम्मीदवार'

भारी खींचतान के बाद श्रवण के नाम की घोषणा तो हो गयी है लेकिन इस प्रकार की नाराजगी और विवादों से निपटते हुए जीत दर्ज कर पाना श्रवण कुमार कुशवाहा के लिए बड़ी चुनौती होगी. हालांकि फिलहाल श्रवण खेमा प्रसन्न है. उसने राजद आलाकमान के फैसले को पूर्व निर्धारित कहा है और आगे की रणनीति बनाने में जुट गये हैं. श्रवण कुशवाहा ने पिछली बार एमएलसी का चुनाव भाजपा उम्मीदवार के तौर लड़ा था.

ये भी पढ़ें: Bihar MLC Election: कांग्रेस के जीत के दावे पर बोली BJP- 'सिर्फ दिखावे के लिए लड़ रहे अलग'

जदयू के सलमान रागिव को श्रवण ने कड़ी टक्कर दी थी लेकिन उस वक्त भी भाजपा के एक विधायक का साथ नहीं मिलने का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा था. उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा था. बाद में उन्होंने गोविंदपुर से 2015 में विधानसभा का चुनाव, नवादा से 2019 का उप चुनाव और 2020 में नवादा से विधान सभा चुनाव लड़ा था. उनकी उल्लेखनीय स्थिति तो रही लेकिन जीत से दूर ही रहे.

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नवादा: एमएलसी चुनाव (Bihar MLC Election) में टिकट को लेकर सभी राजनीतिक दलों में घमासान जारी है. आरजेडी ने श्रवण कुमार कुशवाहा को नवादा से विधान परिषद प्रत्याशी बनाया गया है. इस घोषणा के बाद से ही पार्टी की जिला इकाई में नाराजगी साफ दिखने लगी है. प्रत्याशी के नाम की घोषणा के साथ ही राजद जिलाध्यक्ष महेन्द्र कुमार ने इस्तीफा (Nawada RJD district president resigned) दे दिया है. हालांकि उन्होंने इस्तीफे में किसी कारण का उल्लेख नहीं किया है लेकिन राजनीतिक जानकार इसे नराजगी का परिणाम बता रहे हैं. उनका कहना है कि यह सूत्रपात हैं. महेंद्र यादव 8 सालों से लगातार जिला अध्यक्ष थे.

उल्लेखनीय है कि नवादा में प्रत्याशी चयन को लेकर जारी खींचतान का असर ही था कि इस राजद आलाकमान को सीट पर देर से नामों की घोषण करनी पड़ी. कुछ दिनों पूर्व श्रवण कुमार कुशवाहा का नाम सामने आया था. इसका विरोध किया गया था. आखिर तक टालने के बाद एक बार फिर से सारी स्थिति का आकलन कर श्रवण के नाम पर ही मुहर लगा दी. साथ ही राजद नेतृत्व ने इशारा कर दिया कि वह अपने निर्णय को लेकर पीछे हटने को तैयार नहीं है.

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भारी खींचतान के बाद श्रवण के नाम की घोषणा तो हो गयी है लेकिन इस प्रकार की नाराजगी और विवादों से निपटते हुए जीत दर्ज कर पाना श्रवण कुमार कुशवाहा के लिए बड़ी चुनौती होगी. हालांकि फिलहाल श्रवण खेमा प्रसन्न है. उसने राजद आलाकमान के फैसले को पूर्व निर्धारित कहा है और आगे की रणनीति बनाने में जुट गये हैं. श्रवण कुशवाहा ने पिछली बार एमएलसी का चुनाव भाजपा उम्मीदवार के तौर लड़ा था.

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जदयू के सलमान रागिव को श्रवण ने कड़ी टक्कर दी थी लेकिन उस वक्त भी भाजपा के एक विधायक का साथ नहीं मिलने का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा था. उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा था. बाद में उन्होंने गोविंदपुर से 2015 में विधानसभा का चुनाव, नवादा से 2019 का उप चुनाव और 2020 में नवादा से विधान सभा चुनाव लड़ा था. उनकी उल्लेखनीय स्थिति तो रही लेकिन जीत से दूर ही रहे.

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