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नवादा: बारिश नहीं होने से किसान परेशान, धान की रोपाई में हो रही है देरी - due to lack of rain

नवादा जिला के किसान बारिश नहीं होने से परेशान हैं. बारिश की मार झेल रहे किसान को आद्रा नक्षत्र से काफी उम्मीदें थी, लेकिन उससे भी मायूसी ही हाथ लगी. खेत में बोरिंग से पानी डालकर धान के बिचड़े को लगा रहे हैं.

कम बारिश बनी किसानों के लिए मुसीबत
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Published : Jul 8, 2019, 4:24 PM IST

नवादा: जिले के किसान बारिश नहीं होने से परेशान हैं. इस वर्ष भी जिले में अनुमान से काफी कम बारिश हो रही है. जिसके कारण धान की फसल पर काफी असर पड़ा है. आद्रा नक्षत्र भी समाप्त हो गया है. आद्रा में बारिश के बाद किसान धान की रोपाई करने लगते हैं. लेकिन बारिश ना होने से बिचड़े भी बर्बाद हो रहे हैं.
आद्रा नक्षत्र ने भी किसानों की उम्मीद पर फेरा पानी
बारिश की मार झेल रहे किसान को आद्रा नक्षत्र से काफी उम्मीद थी, लेकिन उससे भी मायूसी ही हाथ लगी है. किसान बोरिंग से थोड़े बहुत बिचड़े डाल लिए हैं. लेकिन कमजोर वर्ग के किसान ऐसा करने से वंचित रह गए हैं. किसान खेत में बोरिंग से पानी डालकर धान के बिचड़े तो लगा रहे हैं, लेकिन भगवान की ओर अभी भी टकटकी लगाये हुए हैं. किसानों को अभी भी सरकार से ज्यादा उम्मीदें भगवान से है.

कम बारिश बनी किसानों के लिए मुसीबत
क्या कहते हैं किसान?किसान महेश का कहना है कि बारिश नहीं होने की वजह से बोरिंग से पटवन कर धान रोपाई करना पड़ रहा है. अभी तक डीजल और बीज में काफी पैसे लग चुके हैं. हमें सरकार की तरफ से कोई अनुदान नहीं मिला है. वहीं, किसान, प्रेम ने बताया कि अगर बारिश हुई होती तो यह पूरा खेत हराभरा दिखता. ये बिचड़ा एक महीना पहले ही तैयार हो जाता. पिछले साल भी यही आशा लगाए थे, लेकिन निराशा हाथ लगी.


ये हैं कृषि विभाग के लक्ष्य और उपलब्धि:

फसल का नाम लक्ष्य उपलब्धि प्रतिशत

धान बिचड़ा 7600 4014 53.08

धान आच्छादन 76000 0 0

मक्का 4500 2431.70 54.84

क्या कहते हैं कृषि पदाधिकारी?
जिला कृषि पदाधिकारी अरविंद कुमार झा का कहना है कि पिछले महीने अनुमान से 76 प्रतिशत कम बारिश हुई थी. लेकिन पिछले चार दिनों में थोड़ी बारिश हुई है. अभी तक हमलोगों ने लगभग 54 प्रतिशत बिचड़े का रोपन कर लिया है. बात अगर किसानों के लाभ की करें तो उन्हें किसान समृद्धि योजना का लाभ दिया जा रहा है.

नवादा: जिले के किसान बारिश नहीं होने से परेशान हैं. इस वर्ष भी जिले में अनुमान से काफी कम बारिश हो रही है. जिसके कारण धान की फसल पर काफी असर पड़ा है. आद्रा नक्षत्र भी समाप्त हो गया है. आद्रा में बारिश के बाद किसान धान की रोपाई करने लगते हैं. लेकिन बारिश ना होने से बिचड़े भी बर्बाद हो रहे हैं.
आद्रा नक्षत्र ने भी किसानों की उम्मीद पर फेरा पानी
बारिश की मार झेल रहे किसान को आद्रा नक्षत्र से काफी उम्मीद थी, लेकिन उससे भी मायूसी ही हाथ लगी है. किसान बोरिंग से थोड़े बहुत बिचड़े डाल लिए हैं. लेकिन कमजोर वर्ग के किसान ऐसा करने से वंचित रह गए हैं. किसान खेत में बोरिंग से पानी डालकर धान के बिचड़े तो लगा रहे हैं, लेकिन भगवान की ओर अभी भी टकटकी लगाये हुए हैं. किसानों को अभी भी सरकार से ज्यादा उम्मीदें भगवान से है.

कम बारिश बनी किसानों के लिए मुसीबत
क्या कहते हैं किसान?किसान महेश का कहना है कि बारिश नहीं होने की वजह से बोरिंग से पटवन कर धान रोपाई करना पड़ रहा है. अभी तक डीजल और बीज में काफी पैसे लग चुके हैं. हमें सरकार की तरफ से कोई अनुदान नहीं मिला है. वहीं, किसान, प्रेम ने बताया कि अगर बारिश हुई होती तो यह पूरा खेत हराभरा दिखता. ये बिचड़ा एक महीना पहले ही तैयार हो जाता. पिछले साल भी यही आशा लगाए थे, लेकिन निराशा हाथ लगी.


ये हैं कृषि विभाग के लक्ष्य और उपलब्धि:

फसल का नाम लक्ष्य उपलब्धि प्रतिशत

धान बिचड़ा 7600 4014 53.08

धान आच्छादन 76000 0 0

मक्का 4500 2431.70 54.84

क्या कहते हैं कृषि पदाधिकारी?
जिला कृषि पदाधिकारी अरविंद कुमार झा का कहना है कि पिछले महीने अनुमान से 76 प्रतिशत कम बारिश हुई थी. लेकिन पिछले चार दिनों में थोड़ी बारिश हुई है. अभी तक हमलोगों ने लगभग 54 प्रतिशत बिचड़े का रोपन कर लिया है. बात अगर किसानों के लाभ की करें तो उन्हें किसान समृद्धि योजना का लाभ दिया जा रहा है.

Intro:नवादा। सम्पूर्ण नवादा जिला के किसान बारिश नहीं होने से परेशान हैं पिछले कई वर्षों से लागातर कम बारिश ने यहां के किसानों का सिर दर्द है इस वर्ष भी अनुमान से काफी कम बारिश हुए हैं जिससे धान की फ़सल पर काफी असर पड़ रहा है आद्रा नक्षत्र भी समाप्त हो गए हैं लेकिन अभी बिचड़े डालने लायक बारिश नहीं हो सका है। जबकि,आद्रा में बारिश के बाद किसान धान की रोपाई करने लगते हैं लेकिन बारिश कम होने के वजह से अभी तक बिछड़े भी सही नहीं लगाये हैं।


आद्रा नक्षत्र ने भी किसानों के उम्मिन्दों पर फेरा पानी

बारिश की मार झेल रहे किसान को आद्रा नक्षत्र से काफी उम्मिन्दें थी लेकिन उससे भी मायूसी ही हाथ लगी है। सक्षम किसान बोरिंग से बिचड़े थोड़ा बहुत डाल लिए हैं लेकिन अभी से कमजोर वर्ग वाले किसान ऐसा करने से वंचित हैं वो खेत में बोरिंग से पानी डालकर धान या बिचड़े को लगा तो रहे हैं पर भगवान की ओर टकटकी लगाये हुए हैं उन्हें अभी भी अपनी सरकार से ज्यादा उम्मिन्दें भगवान से है वही कुछ करेंगें। क्योंकि सरकारी अनुदान जब तक दी जाएगी तब तलक बहुत देर हो चुकी होगी।

क्या कहते हैं किसान

किसान महेश कहना है कि बारिश नहीं होने के वजह से बोरिंग से पटवन कर धान रोपाई करने जा रहे हैं अभी तक डीजल और बीज में करीब दो हजार लग चुका है अगर ये भी करेंगें तो सालभर खाएंगें क्या? हमलोग को कोई सरकार के तरफ से अनुदान नहीं मिला है वहीं, किसान प्रेम कहता है अगर बारिश हुआ होता तो यह पूरा हराभरा दिखता अभी जो बीहड़(बीज) देख रहे हैं वो एक महीना पहले ही हो जाता। हमलोग आशा लगा कर रहे हैं अब देखते हैं बारिश पड़ता है।हम तो प्रत्येक दिन न्यूज अखबार देखते हैं बस, खाली दिखता है आज तक तो अनुदानित लाभ क्या होता है देखबो नहीं किए हैं। पिछले साल भी आशा से लगाए थे निराशा हाथ लगी। भगवान दिया तो ठीक नहीं तो सरकार तो कुछ करिए नहीं रहा है।

ये हैं कृषि विभाग के लक्ष्य और उपलब्धि

फसल नाम लक्ष्य उपलब्धि प्रतिशत

धान बिचड़ा 7600 4014 53.08

धान आच्छादन 76000 0 0

मक्का 4500 2431.70 54.84


क्या कहते हैं कृषि पदाधिकारी

जिला कृषि पदाधिकारी अरविंद कुमार झा का कहना है कि, पिछले महीने अनुमान से 76 प्रतिशत बारिश कम हुई थी लेकिन पिछले चार दिनों में कुछ बारिश हुई है। अभी तक हमलोगों ने लगभग 54 प्रतिशत बिचड़ा का रोपन कर लिया है रही बात किसानों की लाभ की तो, जितनी सारी योजनाएं है वो सभी प्रखंड से दी जा रही है वहां से इसका लाभ किसान लोग ले भी रहे हैं उन्हें किसान समृद्धि योजना का भी लाभ दिया जा रहा है।








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