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नवादाः मत्स्य विभाग परिसर में गंदगी का अंबार, बदबूदार पानी से हवा हो रही प्रदूषित

इकबाल हुसैन ने कहा की विभाग की ओर से एक सप्ताह के अंदर एस्टीमेट बनाकर प्रशासन को भेज दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि बाउंड्री बन जाने के बाद यहां बाहर के लोग कूड़ा नहीं फेंक सकेंगे. वहीं नाली का निर्माण हो जाने पर पानी जमा होने की समस्या भी समाप्त हो जाएगी.

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Published : Jan 28, 2020, 8:45 AM IST

नवादाः जिले के मत्स्य विभाग परिसर में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. यहां से सटे कॉलोनियां का गंदा पानी परिसर में बहता रहता है. पानी और कूड़ा जमा होने से यहां के लोगों का जीवन नारकीय हो गया है. वहीं, बदबूदार पानी से यहां का वातावरण दूषित बनता जा रहा है. जिससे कई प्रकार की बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ रहा है.

ग्रामीणों को होती है परेशानी
परिसर में फैली गंदगी से विभाग के कर्मियों के साथ-साथ विभागीय कार्य से आनेवाले ग्रामीणों को भी काफी परेशानी होती है. मामले में जिला मत्स्य पदाधिकारी इकबाल हुसैन ने कहा कि इससे निजात पाने के लिए एस्टीमेट पहले भी बनाया गया था. लेकिन किसी कारणवश नहीं पूरा नहीं हो सका.

देखें पूरी रिपोर्ट

क्या है इनका कहना?
इकबाल हुसैन ने कहा की विभाग की ओर से एक सप्ताह के अंदर एस्टीमेट बनाकर प्रशासन को भेज दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि बाउंड्री बन जाने के बाद यहां बाहर के लोग कूड़ा नहीं फेंक सकेंगे. वहीं नाली का निर्माण हो जाने पर पानी जमा होने की समस्या भी समाप्त हो जाएगी.

नवादाः जिले के मत्स्य विभाग परिसर में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. यहां से सटे कॉलोनियां का गंदा पानी परिसर में बहता रहता है. पानी और कूड़ा जमा होने से यहां के लोगों का जीवन नारकीय हो गया है. वहीं, बदबूदार पानी से यहां का वातावरण दूषित बनता जा रहा है. जिससे कई प्रकार की बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ रहा है.

ग्रामीणों को होती है परेशानी
परिसर में फैली गंदगी से विभाग के कर्मियों के साथ-साथ विभागीय कार्य से आनेवाले ग्रामीणों को भी काफी परेशानी होती है. मामले में जिला मत्स्य पदाधिकारी इकबाल हुसैन ने कहा कि इससे निजात पाने के लिए एस्टीमेट पहले भी बनाया गया था. लेकिन किसी कारणवश नहीं पूरा नहीं हो सका.

देखें पूरी रिपोर्ट

क्या है इनका कहना?
इकबाल हुसैन ने कहा की विभाग की ओर से एक सप्ताह के अंदर एस्टीमेट बनाकर प्रशासन को भेज दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि बाउंड्री बन जाने के बाद यहां बाहर के लोग कूड़ा नहीं फेंक सकेंगे. वहीं नाली का निर्माण हो जाने पर पानी जमा होने की समस्या भी समाप्त हो जाएगी.

Intro:नवादा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अति महत्वकांक्षी योजना स्वच्छ भारत मिशन को ठेंगा दिखाता यह दृश्य कहीं और का नहीं बल्कि नवादा जिले के मत्स्य विभाग परिसर का है। ज़रा गौर से देखिए इस परिसर को। किस प्रकार यहां से सटे कॉलोनियों के गंदे पानी मत्स्य विभाग के परिसर से गुजर रही है और इसमें सुअर गोंता लगा रहा है। नाले की बदबूदार पानी से जहां वातावरण दूषित बना हुआ है वहीं इस विभाग में बैठे कर्मी और पदाधिकारी बेफ़िक्र हैं। ऐसा लगता है स्वच्छ भारत अभियान इनके नजरों से अभी भी कोशों दूर है। यहां विभागीय कार्यों से आनेवाले लोग भी काफी परेशान हैं उनका कहना है कि मोदी जी ने स्वच्छ भारत मिशन शुरू किए लेकिन यहां कुछ नहीं दिखता। हर तरफ कचड़ा भरा पड़ा है नाले का पानी बह रहा है।




Body:वहीं, जब इस बाबत जिला मत्स्य पदाधिकारी बात से की गई तो उन्होंने कहा, इसके लिए एस्टीमेट बना रहे हैं पहले भी बना था लेकिन किसी कारणवश नहीं हो सका। हमलोग एक सप्ताह के अंदर एस्टीमेट बनाकर भेज देंगे। बांउड्री बन जाने के बाद हमारे शौचालय सुरक्षित हों जाए और यहां जो बाहर से कूड़े-करकट फेंके जा रहे हैं उसपे लगाम लग सके। वैसे तो हमलोग मना करते रहते हैं लेकिन रात को आ कर कोई कचड़ा गिराकर चला जाता है। हमलोग नाली के पानी के निकासी के लिए भी प्रस्ताव रखेंगे।

बाइट- अमित कुमार, स्थानीय
बाइट- इक़बाल हुसैन,जिला मत्स्य पदाधिकारी


विभागीय काम से आनेवालों को होती है परेशानी

मत्स्य विभाग परिसर में फैली गंदगी से विभाग के कर्मियों के साथ-साथ विभागीय कार्य आनेवाले ग्रामीण लोगों को भी काफी परेशानी होती है। बदबूदार पानी से परेशान रहते हैं।

शहर के गंदे पानी की होती है बहाव

परिसर में गंदे पानी होने का सबसे बड़ा कारण शहर के कॉलोनी से निकलनेवाले गंदे पानी का यहाँ बहाव है। जिसके वजह से पानी काफ़ी बदबू देती है।


कई बार भेजी जा चुकी है एस्टीमेट

परिसर की स्वच्छता बनी रहे इसके लिए कई बार जिला मत्स्य विभाग द्वारा एस्टीमेट तैयार कर भेज गया है लेकिन अभी तक इसपे अमल नहीं हो सका है हालांकि, पुनः एस्टीमेट बनाकरभेजने की बात जिला मत्स्य पदाधिकारी ने कही है।






Conclusion:इससे पता चलता है कि सूबे के सभी विभाग और उसके पदाधिकारी अपने-अपने विभाग में स्वच्छता को लेकर कितने जागरूक हैं जब जिला मत्स्य पदाधिकारी को अपने बैठने की जगह स्वच्छ नहीं है तो बांकी उनके अधीनस्थ डिपार्टमेंट का क्या हालात होंगें?
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