नवादा: बिहार पुलिस का अमानवीय चेहरा सामने आया है. जहां पुलिसकर्मी द्वारा फरियादी से एफआईआर दर्ज कराने के एवज में रिश्वत की डिमांड की गई है. मामला नवादा जिले के मुफस्सिल ओपी थाने से सामने आया है. जहां एक अपहृत युवक मामले में शिकायत दर्ज कराने पहुंचे पीड़ित परिवार से थाने में तैनात एएसआई ने 2000 रुपये रिश्वत की डिमांड की है.
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चेन्नई स्थित ईट फैक्ट्री में काम करता है युवक: दरअसल, मुफस्सिल थाना क्षेत्र के पहाड़पुर गांव के एक परिवार का सदस्य मुखु मांझी 29 सितंबर को नवादा से चेन्नई के लिए निकला था. लेकिन 17 दिन बाद भी वह अब तक चेन्नई नहीं पहुंचा. अपहृत युवक चेन्नई में एक ईट फैक्ट्री में सीमेंट का ईट बनाने का काम करते है. अपहृत युवक की पहचान नालंदा जिले के छबिलापुर थाना क्षेत्र के अमीरपुर गंज निवासी वैशाखी मांझी के 25 वर्षीय पुत्र मूखू मांझी के रूप में हुई है.
छोटा बाबू ने मांगे 2000 रुपए: इस संबंध में मूखू मांझी की पत्नी स्वेता रानी ने बताया कि "मोबाइल पर एक फोन आया था. फोन मेरे पति ने किया था. उसने बताया कि दस लोगों ने उन्हें हथियार का भय दिखाकर अगवा कर लिया है और फिर फोन कट गया. मामले में आवेदन देने और पति की खोजबीन करने के लिए छोटा बाबू 2000 रुपये की मांग कर रहें है. रुपये की डिमांड नहीं पूरी करने पर हमारा आवेदन फेंक दिया गया. हम गरीबों का कोई सुनने वाला नहीं है".
दर-दर की ठोकरें खा रहा परिवार: इधर पीड़ित परिवार ने अपने घर नालंदा जिले के छबीलापुर थाने की पुलिस पर भी रिपोर्ट दर्ज करने के नाम पर पैसे की डिमांड करने का आरोप लगाया है. फिलहाल पीड़ित परिवार अगवा युवक की बरामदगी के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है.