नवादा: जिले में जहां कोरोना संक्रमण में अनवरत बेतहाशा वृद्धि हो रही है. वहीं कोरोना काल में हिसुआ नगर पंचायत में कार्यरत सफाई कर्मचारी बिना सेफ्टी किट के ही नगर क्षेत्र की साफ-सफाई के कार्य में जुटे हुए हैं. इनके बगैर सेफ्टी किट के काम करने से न सिर्फ सफाई कर्मियों को खतरा है बल्कि इनके साथ-साथ शहरवासियों में भी संक्रमण का खतरा बढ़ने का खतरा है.
बता दें कि कोरोना संक्रमण के मद्देनजर शहर की साफ-सफाई में कार्यरत नगर पंचायत सफाई कर्मियों को नगर पंचायत को सेफ्टी किट के नाम पर नगर पंचायत द्वारा दो साबुन, दो मास्क और कुछ अन्य समान प्रदान किया गया था.
सेफ्टी किट के नाम पर मिला था दो साबुन और दो मास्क
सफाई कर्मियों का कहना है कि सेफ्टी किट के नाम पर जो दिया गया वह कब का खत्म हो गया है. यहां तक के ड्रेस जो दिया गया था वह भी फट गया है. उसके बाद फिर नगर पंचायत से कुछ नहीं मिला है. हमें साफ-सफाई के लिए कई अन्य प्रकार के उपकरण की भी आवश्यकता होती है, जिसकी मांग हम कार्यालय से किए थे, लेकिन अभी तक नहीं मिला.
बगैर सेफ्टी के करना पड़ रहा है ड्यूटी
सफाई कर्मियों का कहना है कि मजबूरन हम बगैर किसी सेफ्टी और ड्रेस के ही अपनी ड्यूटी कर रहे हैं. इस कोरोना वैश्विक महामारी काल में सुरक्षा मानकों को ताक पर रख कर जिस प्रकार नगर पंचायत सफाई कर्मियों से काम लिया जा रहा है, वह न तो सफाईकर्मियों के लिए सही है और न ही आम जनता के लिए.
तीन सौ से उपर पॉजिटिव केसों की हुई पहचान
विगत चार दिनों में जिले में तीन सौ से ऊपर कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पहचान हुई, जिसके बाद जिला प्रशासन सख्ती से सोशल डिस्टेंस और अन्य सुरक्षा के नियमों को पालन का निर्देश दिया है. पुरे सूबे में आगामी 31 जुलाई तक लॉकडाउन किया गया है. बावजूद इसके सफाई कर्मियों को ऐसे काम करते देख स्थानीय लोग हतप्रभ हैं.
क्या कहते हैं अधिकारी?
इस संबंध में कार्यपालक पदाधिकारी डॉ. मनीष कुमार का कहना था कि हम सोशल डिस्टेंस का पालन कर रहे हैं, जो पूछना है मुझसे फोन पर ही पूछिए. उनसे पूछने पर बताया कि कार्यालय द्वारा हर प्रकार की सुविधा सफाईकर्मियों को मुहैया कराया गया है. ड्रेस तीन माह पहले दिया गया और गमछा, मास्क, साबुन आदि दिया गया है. दस्तानें, जुते भी दिए गए हैं, बावजूद इसका उपयोग इनलोगों द्वारा नहीं किया जाता है तो इसकी जांच करवाते हैं.