नवादा: जिले के सकरी नदी पर बन रहे पुल का निर्माण कार्य धीमी गति से चल रहा है. इस कारण अब तक पुल का निर्माण नहीं हो सका है. पुल बनने की धीमी रफ्तार से लोगों को काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. लोग जुगाड़ की नाव के सहारे नदी पार करने को मजबूर हैं.
धीमी गति से पुल का निर्माण
जिला मुख्यालय से करीब 8 किलोमीटर दूर भाया गोसाई बिगहा से कुंज की ओर जाने वाले रास्तों के बीच बेहद धीमी गति से पुल का निर्माण हो रहा है. पुल के पूरे होने की जो तय समय-सीमा रखी गई थी उसमें महज 46 दिन बचे हैं. हैरानी की बात ये है कि अब तक पुल का पिलर भी पूरी तरह से कंप्लीट नहीं हो पाया है. अधिकारियों की लापरवाही की वजह से आम लोग अपनी जिंदगी खतरे में डाल कर जुगाड़ की नाव पर सकरी नदी पार कर रहे हैं
'पुल नहीं बन पाने के कारण हम सभी मुसीबत में'
स्थानीय लोगों का कहना है कि पुल नहीं बन पाने के कारण हम सभी मुसीबत में हैं. अगर पुल बन जाए तो हमारे लिए अच्छा होगा. हम इस परेशानी से बच जाएंगे. इसकी वजह से लाखों की आबादी का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है. हम या तो नाव पर या फिर तैर कर नदी पार करने को मजबूर है. इसमें हमें बहुत परेशानी होती है.
न डायवर्सन, न वैकल्पिक व्यवस्था
आमतौर पर देखा जाता है कि पुल निर्माण करने से पहले लोगों की परेशानी के मद्देनजर पुल के साइड से डायवर्शन बना दिया जाता है. लेकिन यहां ऐसी कोई वैकल्पिक व्यवस्था तक नहीं की गई है. रोह प्रखंड के कई गांवों के लोग जिला मुख्यालय से जुड़ नहीं पाए हैं. बीमारी हो या कोई जरूरी काम, लोगों को काफी परेशानी हो रही है. उन्हें कादिरगंज से घूमकर कर जिला मुख्यालय आना पड़ता है. इसमें करीब 25 से 30 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है.पूरे मामले पर अधिकारियों के पास कोई जबाब नहीं हैं.
36 करोड़ रुपए की लागत से 634 मीटर लंबे पुल का निर्माण
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत करीब 36 करोड़ रुपए की लागत से 634 मीटर लंबे पुल का निर्माण किया जा रहा है. जिसका निर्माण कार्य 7 सितंबर 2020 तक पूरा होना है. निर्माण कार्य के बाद 5 वर्षीय अनुरक्षण काम की शुरुआत 8 सितंबर 2020 से शुरू होनी है. लेकिन लेटलतीफी के कारण तय सीमा में कार्य पूरा करना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन लग रहा है.