नवादाः जिले के हिसुआ प्रखंड स्थित तिलैया स्टेशन को जंक्शन होने का सौभाग्य जरूर मिला है. लेकिन व्यवस्था किसी सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों के स्टेशन से भी बदतर है. प्लेटफार्म पर यात्रियों की कम और चार पहिया और बाइक की आवाजाही ज्यादा होती है. बाइक तो प्लेटफार्म से ऐसे गुजरती है, जैसे यह प्लेटफार्म नहीं फार्मूला वन का ट्रैक हो. इसकी वजह से यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
सुपरफास्ट ट्रेन का ठहराव नहीं
इस जंक्शन पर न पानी की सुविधा है न यात्रियों के रुकने या बैठने की. शौचालय और सुरक्षा व्यवस्था की तो बात ही छोड़ दीजिए. कब किसका मोबाइल छिन जाए, किसका बटुआ कट जाए कोई ठीक नहीं. यह जिले का एकमात्र जक्शन है, जहां से सुपरफास्ट ट्रेनें गुजरती तो हैं पर रुकती नहीं है. यहां से कामाख्या एक्सप्रेस, सिकंदरा एक्सप्रेस गुजरती है पर किसी का ठहराव नहीं है.
यात्रियों में असुरक्षा का भय
वर्षों बाद पिछले 22 मार्च को नवादा वासियों के लिए सीधे दिल्ली जाने के लिए ट्रेनें तो मिलीं. लेकिन उसका भी ठहराव इस जंक्शन पर नहीं दिया गया है. जिससे वहां के लोगों में काफी मायूसी है. स्थानीय लोग काफी दिनों से इसकी मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक रेलवे के अधिकारियों ने इस पर ध्यान देना उचित नहीं समझा. इस जंक्शन के चारों तरफ से खुले होने के कारण यात्रियों के मन में असुरक्षा का भय बना रहता है. यहां यात्रियों के सुरक्षा के लिए एक भी सुरक्षाकर्मी नहीं हैं.
जमीन पर बैठते हैं यात्री
यहां आने वाले यात्रियों के लिए सुविधाओं का घोर अभाव है. यात्रियों के लिए यहां न यात्री शेड बने हैं और न ही उनके लिए शौचालय की सुविधा दी गई. हाल फिलहाल में एक शौचालय बना भी है तो उसमें लोहे की तार लपेट कर रखा गया है. जिसके यात्रियों को उसकी सुविधा नहीं मिल पाती है.
2017-18 में विधुतीकरण
गया-किउल रेलखण्ड पर काफी दिनों से विधुतीकरण की मांग चल रही थी. जिस पर वर्तमान स्थानीय सांसद गिरिराज सिंह और केंद्र सरकार के पहल से विधुतीकरण का कार्य प्रारंभ किया गया. जो अपने निर्धारित समयनुसार पूरा किया. अब यहां से बिजली पर चलने वाली ट्रेनें सरपट दौड़ती हैं. पहले तीन लाइन थी, अब चौथी लाइनें भी जोड़ने का काम जारी है जो तिलैया से खरौंध को जोड़ेगी. तिलैया से अब कोडरमा तक का सफर भी आसान हो गया है. फ्लेटफार्म भी बनाये जा रहे हैं.
क्या कहते हैं यात्री
यात्रियों का कहना है कि जंक्शन होते हुए भी यहां सुपरफास्ट, कामाख्या एक्सप्रेस या फिर दिल्ली से भागलपुर एक्सप्रेस किसी का ठहराव नहीं है. टॉयलेट है पर उसमें भी कुंडी लगी है. एक नंबर प्लेटफार्म पर लाइन रहती है तो दो-तीन पर नहीं रहती. यात्रियों के लिए ठहराव की व्यवस्था नहीं है.
वहीं, उनका कहना है कि यात्रियों का जमावड़ा होते हुए भी यहां आरक्षण काउंटर नहीं है. पुलिस प्रशासन की व्यवस्था नहीं है. मेमू ट्रेन में शौचालय नहीं है. यहां चारों तरफ भी बाउंड्री नहीं है. किसी तरह की घटना कभी भी हो सकती है.
अधिकारी का क्या है कहना
स्टेशन मास्टर का कहना है कि यहां टॉयलेट बनाया जा रहा है. यात्रियों की सुविधा के लिए ओवरब्रिज भी बनाए गए हैं. द्वितीय श्रेणी के वेटिंग रूम बनाए गए हैं. कामाख्या के ठहराव का प्रस्ताव आया है जिससे डीआरएम साहब को अवगत कराया गया है. धीरे-धीरे सारी सुविधाएं दी जा रही है.