नवादा: जिले के रोह प्रखंड स्थित भोलानगर गांव के दलित बस्ती के लोग आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं. यहां सरकार का दलित प्रेम खोखला साबित हो रहा है. केंद्र हो या राज्य सरकार सभी शौचमुक्त गांवों में बड़े-बड़े आंकड़े दिखाते हैं. लेकिन, यहां की जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती हैं.
इस गांव तक जाने के लिए सड़कें नहीं है. अगर है भी तो उसमे बड़े-बड़े गढ्ढे हैं. तकरीबन 1000 की आबादी वाले इस मोहल्ले में प्राथमिक विद्यालय तो दूर बच्चों के लिए एक आंगनबड़ी केंद्र भी नहीं है.
घरों में नहीं है शौचालय
वहीं, दूसरी ओर यह भोलानगर के दलित के पास एक शौचालय तक नहीं है. यहां के निवासी बिरजू मांझी के अनुसार यहां किसी के घर में शौचालय नहीं है. मुखिया से अगर शौचालय बनाने की बात कहते हैं तो उनका कहना है कि पहले शौचालय बनाओ तब हम पैसा देंगें.
पानी की भी है समस्या
वहीं, पानी की समस्या पर मांझी ने बताया कि यहां के लोग पानी बगैर मर रहे हैं. खेत में फसल पटवन के लिए जो बोरिंग चलता है. उस पानी को घड़ा और बाल्टी में पानी भर कर गांववाले अपना काम चलाते हैं. बहरहाल, सरकार विकास के कितने भी दावे कर ले मगर गांव में अभी भी स्थिती बद से बदतर है. लोगों को शौचालय से लेकर पानी तक की समस्या झेलना पड़ रहा है.