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नवादा में ठंड से ठिठुर रहे लोग, प्रशासन ने नहीं की अलाव की व्यवस्था - ठंड

नगर परिषद के कार्यपालक अधिकारी देवेंद्र सुमन का कहना है कि हम लोगों ने पूर्वनिर्धारित 16 जगहों को चिन्हित कर लिया है. अलाव जलाने के लिए लकड़ी का इस्तेमाल होता था. लेकिन पूर्व के वर्षों का अनुभव ठीक नहीं रहा है. इसलिए अलाव के लिए कच्चे कोयले का इस्तेमाल किया जाना है.

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ठंड से ठिठुर रहे लोग
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Published : Dec 24, 2019, 8:31 AM IST

नवादा: पूस के महीने में ठंड का बढ़ना कोई नई बात नहीं है पर इन दिनों पश्चिमी विक्षोभ के कारण पूरा राज्य ठंड की चपेट में है. वहीं, नवादा जिले में भी ठंड का असर देखने को मिल रहा है. धीरे-धीरे चल रही पछुआ हवा और सुबह-शाम घने कोहरे की वजह से लोगों के जनजीवन पर काफी प्रभाव पड़ रहा है. खासकर कामगार मजदूर, गरीब तबके के लोग और राहगीरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

प्रबंधन विभाग ने दिया था निर्देश
बता दें कि प्रशासन की ओर से ठंड से बचने के लिए अभी तक कोई व्यवस्था नहीं की गई है. जबकि बिहार राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव ने सभी जिले के जिलाधिकारी को 10 दिसंबर को निर्देश दिया था. उन्होंने कहा था कि सभी जिलों में अलाव की व्यवस्था की जाए. इसके लिए विभाग ने 50-50 हजार रुपये भी प्रत्येक जिले को दिया था.

ठंड में प्रशासन की तरफ से नहीं हो रही अलाव की व्यवस्था

प्रशासन नहीं कर रही अलाव की व्यवस्था
विभागीय निर्देश दिए हुए तकरीबन 12 दिन हो चुके हैं. इसके बावजूद जिला प्रशासन ने अब तक अलाव जलाने की कोई व्यवस्था नहीं की है. जबकि, अब तक शहर के 15-16 स्थानों पर अलाव जलाने की व्यवस्था पहले की तरह हो जानी चाहिए थी. खासकर प्रजातंत्र चौक और रेलवे स्टेशन परिसर में जहां घंटों यात्री और मजदूर रोजी-रोटी के इंतजार में बैठे रहते हैं. उनके लिए भी प्रशासन ने अब तक कोई व्यवस्था नहीं की है.

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काजग जलाकर ठंड भगा रहे लोग

काजग जलाकर ठंड भगा रहे लोग
जिले में ठंड का असर इस क़दर बढ़ गया है कि कुछ लोग कागज़ और पुराने कुट को जलाकर ठंड दूर भगाने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन अलाव की व्यवस्था नहीं करेंगी तो कुछ न कुछ तो करना ही पड़ेगा. शहर में नगर परिषद क्षेत्र के दर्जनों ऐसे जगह है जहां अक्सर ठंड में अलाव जलाई जाती है. जिसमें, प्रजातंत्र चौक, बिहार बस स्टैंड, रजौली बस स्टैंड, सद्भावना चौक, इंदिरा चौक प्रमुख है.

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ठंड से ठिठुर रहा मजदूर

अलाव के लिए कच्चे कोयले का किया जाएगा इस्तेमाल
वहीं, नगर परिषद के कार्यपाल अधिकारी देवेंद्र सुमन का कहना है कि हम लोगों ने पूर्वनिर्धारित 16 जगहों को चिन्हित कर लिया है. अलाव जलाने के लिए लकड़ी का इस्तेमाल होता था. लेकिन पूर्व के वर्षों का अनुभव ठीक नहीं रहा है. इसलिए अलाव के लिए कच्चे कोयले का इस्तेमाल किया जाना है. उन्होंने कहा कि जल्द ही अलाव जलना शुरू हो जाएगा.

नवादा: पूस के महीने में ठंड का बढ़ना कोई नई बात नहीं है पर इन दिनों पश्चिमी विक्षोभ के कारण पूरा राज्य ठंड की चपेट में है. वहीं, नवादा जिले में भी ठंड का असर देखने को मिल रहा है. धीरे-धीरे चल रही पछुआ हवा और सुबह-शाम घने कोहरे की वजह से लोगों के जनजीवन पर काफी प्रभाव पड़ रहा है. खासकर कामगार मजदूर, गरीब तबके के लोग और राहगीरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

प्रबंधन विभाग ने दिया था निर्देश
बता दें कि प्रशासन की ओर से ठंड से बचने के लिए अभी तक कोई व्यवस्था नहीं की गई है. जबकि बिहार राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव ने सभी जिले के जिलाधिकारी को 10 दिसंबर को निर्देश दिया था. उन्होंने कहा था कि सभी जिलों में अलाव की व्यवस्था की जाए. इसके लिए विभाग ने 50-50 हजार रुपये भी प्रत्येक जिले को दिया था.

ठंड में प्रशासन की तरफ से नहीं हो रही अलाव की व्यवस्था

प्रशासन नहीं कर रही अलाव की व्यवस्था
विभागीय निर्देश दिए हुए तकरीबन 12 दिन हो चुके हैं. इसके बावजूद जिला प्रशासन ने अब तक अलाव जलाने की कोई व्यवस्था नहीं की है. जबकि, अब तक शहर के 15-16 स्थानों पर अलाव जलाने की व्यवस्था पहले की तरह हो जानी चाहिए थी. खासकर प्रजातंत्र चौक और रेलवे स्टेशन परिसर में जहां घंटों यात्री और मजदूर रोजी-रोटी के इंतजार में बैठे रहते हैं. उनके लिए भी प्रशासन ने अब तक कोई व्यवस्था नहीं की है.

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काजग जलाकर ठंड भगा रहे लोग

काजग जलाकर ठंड भगा रहे लोग
जिले में ठंड का असर इस क़दर बढ़ गया है कि कुछ लोग कागज़ और पुराने कुट को जलाकर ठंड दूर भगाने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन अलाव की व्यवस्था नहीं करेंगी तो कुछ न कुछ तो करना ही पड़ेगा. शहर में नगर परिषद क्षेत्र के दर्जनों ऐसे जगह है जहां अक्सर ठंड में अलाव जलाई जाती है. जिसमें, प्रजातंत्र चौक, बिहार बस स्टैंड, रजौली बस स्टैंड, सद्भावना चौक, इंदिरा चौक प्रमुख है.

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ठंड से ठिठुर रहा मजदूर

अलाव के लिए कच्चे कोयले का किया जाएगा इस्तेमाल
वहीं, नगर परिषद के कार्यपाल अधिकारी देवेंद्र सुमन का कहना है कि हम लोगों ने पूर्वनिर्धारित 16 जगहों को चिन्हित कर लिया है. अलाव जलाने के लिए लकड़ी का इस्तेमाल होता था. लेकिन पूर्व के वर्षों का अनुभव ठीक नहीं रहा है. इसलिए अलाव के लिए कच्चे कोयले का इस्तेमाल किया जाना है. उन्होंने कहा कि जल्द ही अलाव जलना शुरू हो जाएगा.

Intro:नवादा। पूस के महीनों में अक्सर ठंड का बढ़ना कोई नई बात नहीं है पर इन दिनों पश्चिमी विक्षोभ के कारण पूरे राज्य ठंड की चपेट में है। नवादा जिले में भी इसका असर पड़ा है। धीरे-धीरे चल रही पछुआ हवा और सुबह शाम लग रहे कोहरे से लोगों के जनजीवन पर काफी प्रभावित हो रहा है। खासकर कामगार मजदूर, गरीब तबके के लोग और राहगीरों को काफी परेशानियां उठानी पड़ती है।

बावजूद प्रशासन की ओर से ठंड से बचने के लिए अभी तक कोई व्यवस्था नहीं की गई है। जबकि बिहार राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव ने सभी जिले के जिलाधिकारी को 10 दिसंबर को पत्र के द्वारा निर्देशित कर दिया है। इसके लिए विभाग ने 50-50 रुपए प्रत्येक जिले को दिया गया है।




Body:अब तक नहीं हो सकी है अलाव जलाने की व्यवस्था

विभागीय निर्देश दिए हुए तक़रीबन 12 दिन गुजर चुके हैं बावजूद जिला प्रशासन अब तक अलाव जलाने की कोई व्यवस्था नहीं कर सकी है। जबकि, अब तक शहर के 15-16 स्थानों पर अलाव जलाने की व्यवस्था पूर्व की तरह हो जानी चाहिए थी। खासकर प्रजातंत्र चौक और रेलवे स्टेशन परिसर में जहां घंटों यात्रा और रोजी-रोटी के इंतजार में बैठे रहते हैं। ठिठुरते रहते हैं। लोगों का कहना है कि हमलोग मजदूरी कर कमाने खाने वाले हैं 2-3 घंटे ठंढ़ में बैठे रहते हैं.

बाइट- विनय पंडित,मजदूर
बाइट- रामजतन, मजदूर
बाइट- शिव शरण, यात्री

काजग और कूट जला ठंढ़ भागने में जुटे लोग

जिले में ठंड का असर इस क़दर बढ़ गई है कि कुछ लोग कागज़ व पुराने कुट को जलाकर ठंड दूर भगाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन असहाय गरीब-वंचित करे तो करे क्या। अहमद कहता है प्रशासन जब अलाव की व्यवस्था नहीं करेंगी तो कुछ न कुछ तो करना ही पड़ेगा।

बाइट-मो.महबूब आलम

इन जगहों पर अक्सर होते आई है अलाव की व्यवस्था

शहर में नगर परिषद क्षेत्र के दर्जनों ऐसे जगह है जहां अक्सर ठंढ़ में अलाव जलाई जाती रही है जिसमें, प्रजातंत्र चौक, बिहार बस स्टैंड, रजौली बस स्टैंड, सद्भावना चौक, इंदिरा चौक प्रमुख है।

क्या कहते हैं कार्यपालक पदाधिकारी

वहीं, नगर परिषद के कार्यपाल पदाधिकारी देवेंद्र सुमन का कहना है कि हमलोगों ने पूर्वनिर्धारित 16 जगहों को चिन्हित कर लिया है । अलाव जलाने के लिए लकड़ी का इस्तेमाल होता था लेकिन पूर्व के वर्षों का अनुभव ठीक नहीं रहा है इसलिए अलाव के लिए कच्चे कोयले का इस्तेमाल किया जाना है जो आज रात तक संभवतः आ जायेगा। कल से अलाव जलने शुरू हो जाएंगे।

बाइट- देवेंद्र सुमन, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद


Conclusion:आखिर यू ही गरीब ठंढ़ से कब तक ठिठुरता रहेगा ? जबकि मुख्यमंत्री कहते हैं कि आपदा विभाग की तिजोरी पर सबसे पहला अधिकार आम जनता की है।
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