नवादा: पूस के महीने में ठंड का बढ़ना कोई नई बात नहीं है पर इन दिनों पश्चिमी विक्षोभ के कारण पूरा राज्य ठंड की चपेट में है. वहीं, नवादा जिले में भी ठंड का असर देखने को मिल रहा है. धीरे-धीरे चल रही पछुआ हवा और सुबह-शाम घने कोहरे की वजह से लोगों के जनजीवन पर काफी प्रभाव पड़ रहा है. खासकर कामगार मजदूर, गरीब तबके के लोग और राहगीरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
प्रबंधन विभाग ने दिया था निर्देश
बता दें कि प्रशासन की ओर से ठंड से बचने के लिए अभी तक कोई व्यवस्था नहीं की गई है. जबकि बिहार राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव ने सभी जिले के जिलाधिकारी को 10 दिसंबर को निर्देश दिया था. उन्होंने कहा था कि सभी जिलों में अलाव की व्यवस्था की जाए. इसके लिए विभाग ने 50-50 हजार रुपये भी प्रत्येक जिले को दिया था.
प्रशासन नहीं कर रही अलाव की व्यवस्था
विभागीय निर्देश दिए हुए तकरीबन 12 दिन हो चुके हैं. इसके बावजूद जिला प्रशासन ने अब तक अलाव जलाने की कोई व्यवस्था नहीं की है. जबकि, अब तक शहर के 15-16 स्थानों पर अलाव जलाने की व्यवस्था पहले की तरह हो जानी चाहिए थी. खासकर प्रजातंत्र चौक और रेलवे स्टेशन परिसर में जहां घंटों यात्री और मजदूर रोजी-रोटी के इंतजार में बैठे रहते हैं. उनके लिए भी प्रशासन ने अब तक कोई व्यवस्था नहीं की है.
काजग जलाकर ठंड भगा रहे लोग
जिले में ठंड का असर इस क़दर बढ़ गया है कि कुछ लोग कागज़ और पुराने कुट को जलाकर ठंड दूर भगाने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन अलाव की व्यवस्था नहीं करेंगी तो कुछ न कुछ तो करना ही पड़ेगा. शहर में नगर परिषद क्षेत्र के दर्जनों ऐसे जगह है जहां अक्सर ठंड में अलाव जलाई जाती है. जिसमें, प्रजातंत्र चौक, बिहार बस स्टैंड, रजौली बस स्टैंड, सद्भावना चौक, इंदिरा चौक प्रमुख है.
अलाव के लिए कच्चे कोयले का किया जाएगा इस्तेमाल
वहीं, नगर परिषद के कार्यपाल अधिकारी देवेंद्र सुमन का कहना है कि हम लोगों ने पूर्वनिर्धारित 16 जगहों को चिन्हित कर लिया है. अलाव जलाने के लिए लकड़ी का इस्तेमाल होता था. लेकिन पूर्व के वर्षों का अनुभव ठीक नहीं रहा है. इसलिए अलाव के लिए कच्चे कोयले का इस्तेमाल किया जाना है. उन्होंने कहा कि जल्द ही अलाव जलना शुरू हो जाएगा.