नालंदा: भारत सरकार के केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय ने देश के 31 बुनकरों को सम्मानित करने की घोषणा की है. बिहार से नालंदा के बसवन बीघा के बुनकर कपिलदेव प्रसाद का भी इसके लिए चयन किया गया है, जिन्होंने इस क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई है.
2017 के हैंडलूम प्रतियोगिता के लिए दिया जा रहा पुरस्कार
कपिल देव प्रसाद ने बताया कि ये उनका पुश्तैनी काम है. महज 15 साल की उम्र से ही उन्होंने इस काम को शुरू कर दिया था. साल 2017 में आयोजित हैंडलूम प्रतियोगिता में 3 मीटर चौड़ा और सवा 2 मीटर लंबा भगवान बुद्ध, पीपल का पत्ता और विश्व शांति स्तूप की कलाकृति वाला पर्दा बनाने के लिए उन्हें ये पुरस्कार दिया जा रहा है. ये काम करते हुए उन्हें आज करीब 50 साल हो गए हैं. इसके लिए उन्हें कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं.
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पुरस्कार के लिए चयनित राज्य के अकेले बुनकर
इस घोषणा से बसवन बीघा में काफी खुशी का माहौल देखा जा रहा है. कपिल देव राज्य के अकेले बुनकर हैं जिनका इस पुरस्कार के लिए चयन किया गया है. पुरस्कार मिलने की तिथि की घोषणा अभी नहीं हुई है. इसमें प्रशस्ति पत्र, शॉल के अलावा 75 हजार नगद दिया जाएगा.
राष्ट्रपति भवन की शोभा बढ़ाते थे यहां के बुनकरों के पर्दे
मालूम हो कि बसवन बीघा में हस्तकरघा उद्योग लंबे समय से चल रहा है. बुनकरों के बनाए पर्दे कभी राष्ट्रपति भवन की शोभा बढ़ाते थे. साल 2000 तक बिहार राज निर्यात निगम की ओर से यहां के पर्दे और चादर जर्मनी-आस्ट्रेलिया और अमेरिका जैसे देशों में भेजे जाते थे, जिसके बाद निगम पर संकट आने से निर्यात भी बंद हो गया.