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बाल विज्ञान कांग्रेस में नालंदा के दो परियोजना का हुआ चयन, 35 जिलों से आए थे बच्चे

नालंदा के जिला शिक्षा पदाधिकारी मनोज कुमार ने छात्रों को बधाई दिया और कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर आगे सफलता प्राप्त करें.

दो परियोजना का किया गया चयन
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Published : Nov 12, 2019, 11:22 PM IST

नालंदाः जिले के दो बाल वैज्ञानिकों का चयन 27 वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस के लिए किया गया है. विगत 8 नवंबर से 10 नवंबर तक मधुबनी के रीजनल सेकेंडरी स्कूल में आयोजित बाल विज्ञान कांग्रेस में कुल 35 जिले के बाल वैज्ञानिकों ने भाग लिया था. जिसमें कुल 182 परियोजना को लाया गया था. कुल 50 परियोजनाओं का चयन किया गया था. जिसमें से नालंदा जिले के दो परियोजना का चुनाव किया गया.

दो बाल वैज्ञानिकों का चयन
बिहारशरीफ के कैरियर पब्लिक स्कूल के अभिनव शशांक ने परियोजना में गोबर से विभिन्न उपयोगी वस्तुएं जैसे पेपर, अगरबत्ती, पेंसिल कवर आदि का निर्माण किया. वहीं शशांक ने बताया कि गोबर से कई उपयोगी वस्तुओं का निर्माण किया जा सकता है और इससे बने अगरबत्ती से डेंगू जैसी खतरनाक बिमारी को भी दूर किया जा सकता है. इसी प्रकार सीताशरण मेमोरियल स्कूल के छात्र रोहित राज ने बेकार प्लास्टिक से फ्यूल का निर्माण किया. दोनों परियोजना का संवर्धन पटना के साइंस कॉलेज में किया जाएगा. उसके बाद चयनित परियोजना को राष्ट्रीय स्तर पर केरल के त्रिवेंद्रम भेजा जाएगा.

नालंदा के दो परियोजना का किया गया चयन

शिक्षा पदाधिकारी ने दी बधाई
इस मौके पर नालंदा के जिला शिक्षा पदाधिकारी मनोज कुमार ने छात्रों को बधाई दी और कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर आगे सफलता प्राप्त करें. उन्होंने कहा कि ये बच्चे अभी बाल वैज्ञानिक के रूप में आगे बढ़े हैं. आगे चलकर देश के लिए युवा वैज्ञानिक और वैज्ञानिक बनकर देश की सेवा करेंगे यही कामना है.

नालंदाः जिले के दो बाल वैज्ञानिकों का चयन 27 वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस के लिए किया गया है. विगत 8 नवंबर से 10 नवंबर तक मधुबनी के रीजनल सेकेंडरी स्कूल में आयोजित बाल विज्ञान कांग्रेस में कुल 35 जिले के बाल वैज्ञानिकों ने भाग लिया था. जिसमें कुल 182 परियोजना को लाया गया था. कुल 50 परियोजनाओं का चयन किया गया था. जिसमें से नालंदा जिले के दो परियोजना का चुनाव किया गया.

दो बाल वैज्ञानिकों का चयन
बिहारशरीफ के कैरियर पब्लिक स्कूल के अभिनव शशांक ने परियोजना में गोबर से विभिन्न उपयोगी वस्तुएं जैसे पेपर, अगरबत्ती, पेंसिल कवर आदि का निर्माण किया. वहीं शशांक ने बताया कि गोबर से कई उपयोगी वस्तुओं का निर्माण किया जा सकता है और इससे बने अगरबत्ती से डेंगू जैसी खतरनाक बिमारी को भी दूर किया जा सकता है. इसी प्रकार सीताशरण मेमोरियल स्कूल के छात्र रोहित राज ने बेकार प्लास्टिक से फ्यूल का निर्माण किया. दोनों परियोजना का संवर्धन पटना के साइंस कॉलेज में किया जाएगा. उसके बाद चयनित परियोजना को राष्ट्रीय स्तर पर केरल के त्रिवेंद्रम भेजा जाएगा.

नालंदा के दो परियोजना का किया गया चयन

शिक्षा पदाधिकारी ने दी बधाई
इस मौके पर नालंदा के जिला शिक्षा पदाधिकारी मनोज कुमार ने छात्रों को बधाई दी और कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर आगे सफलता प्राप्त करें. उन्होंने कहा कि ये बच्चे अभी बाल वैज्ञानिक के रूप में आगे बढ़े हैं. आगे चलकर देश के लिए युवा वैज्ञानिक और वैज्ञानिक बनकर देश की सेवा करेंगे यही कामना है.

Intro:नालंदा। 27 वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का राज्य स्तरीय विज्ञान कांग्रेस में नालंदा जिले के दो परियोजनाओं का चयन होने से नालंदा का नाम रोशन हुआ। विगत 8 नवंबर से 10 नवंबर तक मधुबनी के रीजनल सेकेंडरी स्कूल में आयोजित बाल विज्ञान कांग्रेस में कुल 35 जिला के बाल वैज्ञानिक भाग लिये जिसमें कुल 182 परियोजना को लाया गया इनमें कुल 50 परियोजनाओं का चयन किया गया जिसमें नालंदा जिले के दो परियोजना का चुनाव किया गया।
बिहारशरीफ के कैरियर पब्लिक स्कूल के अभिनव शशांक द्वारा परियोजना में गोबर से विभिन्न उपयोगी वस्तुएं जैसे पेपर, अगरबत्ती, पेंसिल कवर आदि का निर्माण किया। शशांक द्वारा बताया गया कि गोबर से कई उपयोगी वस्तुओं का निर्माण किया जा सकता है और इससे बने अगरबत्ती से डेंगू जैसी खतरनाक बीमारी को भी दूर किया जा सकता है।


Body:इसी प्रकार सीताशरण मेमोरियल स्कूल के छात्र रोहित राज के द्वारा बेकार प्लास्टिक से फ्यूल का निर्माण किया । दोनों परियोजना का संवर्धन पटना के साइंस कॉलेज में किया जाएगा। उसके बाद चयनित परियोजना को राष्ट्रीय स्तर पर केरल के त्रिवेंद्रम भेजा जाएगा। इस मौके पर नालंदा के जिला शिक्षा पदाधिकारी मनोज कुमार ने छात्रों को बधाई दिया और कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर आगे सफलता प्राप्त करें । उन्होंने कहा कि अभी बाल वैज्ञानिक के रूप में आगे बढ़े हैं। आगे चलकर देश के लिए युवा वैज्ञानिक, वैज्ञानिक बनकर सेवा करने का काम करें।
बाइट। अभिनव शशांक, छात्र
बाइट। मनोज कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी


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