नालंदा: मैं मरने जा रही हूं, पापा मुझे माफ करना, आपने हमें हर खुशी दी. नालंदा में एक 15 साल की किशोरी ने अपनी जान दे दी है. किशोरी ने सुसाइड नोट में अपने परिजनों से माफी मांगी है. मामला सिलाव थाना क्षेत्र का है. सुसाइड नोट से अंदाजा लगाया जा सकता है कि लड़की किस पीड़ा और दर्द से गुजर रही थी.
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नालंदा में किशोरी ने दी जान: जान देने से पहले किशोरी ने सुसाइड नोट में लिखा है कि "मैं अब जीना नहीं चाहती. पापा मुझे माफ कर दीजिएगा. मेरे परिवार ने मुझे हर खुशी दी. जो मांगा सब कुछ मिला. फिर भी मेरी गलती माफी के लायक नहीं है. मैं अपनी इच्छा से जीवन त्याग रही हूं." गुरुवार की रात किशोरी (15 वर्षीय) ने अपनी जान दे दी थी. किशोरी की डायरी से एक सुसाइड नोट भी मिला है. पुलिस यूडी केस दर्ज कर मामले की जांच में जुटी है.
'बेटी पुरानी बातों को भूला नहीं सकी': सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए देर रात सदर अस्पताल भेजा. किशोरी के पिता ने कहा कि जब से मेरी बेटी के साथ घटना हुई थी, तभी से वह डिस्टर्ब रह रही थी. यही कारण है कि सभी गांव चले गए ताकि वह घर परिवार के बीच रहकर अपने साथ हुए हादसे को भुला सके.
"शायद वह उन बातों को नहीं भुला पाई और जान दे दी. हमने बहुत कोशिश की, उसकी डरावनी यादों को मिटाने की लेकिन वह परेशान रहती थी. आखिरकार बेटी ने अपने जान दे दी."- किशोरी के पिता
"यूडी केस दर्ज कर पुलिस अग्रिम कार्रवाई में जुट गई है. पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है. सुसाइड नोट भी मिला है, उसकी जांच भी की जा रही है."- राकेश कुमार, सिलाव थानाध्यक्ष
किशोरी ने सुसाइड नोट में लिखी ये बात: पूज्य पिताजी, सादर प्रणाम! मैं अपना जीवन जीना नहीं चाहती हूं. सविनय निवेदन यह है कि गलती मैं की हूं. वह माफी देने लायक नहीं है. फिर भी हमें सभी परिवार माफ कर दिए हैं. हम परिवार के साथ खिलवाड़ किए हैं. मेरा परिवार हर खुशी देता है. हम जीने लायक नहीं हैं. जो मांगा सब कुछ मिला फिर भी मेरे मम्मी-पापा, चाचा-चाची और सभी परिवार को अपनी किए गलती की वजह से कहीं सर उठा कर जीने लायक नहीं छोड़ा. फिर भी परिवार हमें फूल की तरह मानते हैं. मैं अपने किए गलती के कारण सभी परिवार को उदास देख कर जीना नहीं पसंद करती. परिवार हमें खुशी देते रहे फिर भी हम उनके साथ धोखा करते रहे. हम जो गलती किए हैं, माफी मांगने लायक नहीं है. अतः इसलिए मैं अपनी इच्छापूर्वक अपना जीवन त्याग रही हूं. इसके लिए मेरा परिवार दोषी नहीं है. मैं अपनी मर्जी से अपनी जीवन लीला समाप्त करती हूं. हो सके तो पापा हमें माफ कर दीजिएगा. आपकी प्यारी पुत्री
क्या है पूरा मामला?: आपको बता दें कि लहेरी थाना में किशोरी की मां ने पिछले साल अक्टूबर महीने में 14 साल की बेटी के गायब होने की शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत दर्ज करने के बाद पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गई. किशोरी को पूर्णिया से बरामद किया गया था. किशोरी ने कोर्ट में बयान दिया था कि दो लोग उसे अगवा कर ले गए थे और बेच दिया था. इस मामले में दोनों आरोपित फरार चल रहे थे. कोर्ट के आदेश पर लहेरी थाना क्षेत्र के मंगला स्थान निवासी निशांत कुमार के घर में कुर्की की गई थी. वहीं इस मोहल्ले का एक अन्य आरोपी ने कुर्की के पहले सरेंडर कर दिया था.
मानसिक रूप से थी परेशान: किशोरी के पूर्णिया से बरामदगी के बाद पूरा परिवार गांव रहने चला गया. उसी समय से किशोरी मानसिक रूप से परेशान थी. परिजनों ने बताया कि गुरुवार की शाम सभी घर के बाहर बैठे थे. इसी दौरान किशोरी ने खुद को कमरे में बंद कर लिया और जान दे दी. जब दरवाजा तोड़ा गया तो वह मृत थी. आस-पड़ोस और स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी.