नालंदा: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के गृह क्षेत्र नालंदा में मंगलवार को एकमात्र आईएसओ प्रमाणित बिहारशरीफ सदर अस्पताल (No Stretcher To Lift Dead Body In Nalanda) कैंपस में स्वास्थ्य विभाग की लापवारी सामने आई. अस्पताल प्रबंधन ने भी संवेदनहीनता का परिचय दिया है. दरअसल, जिले के सारे थाना क्षेत्र में एक युवक का शव नदी में बरामद हुआ. जिसके बाद शव को कब्जे में लेकर पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा. अस्पताल गेट से पोस्टमार्टम हाउस की दूरी 200 मीटर है. लेकिन शव को वहां तक ले जाने के लिए एक भी स्ट्रेचर नहीं मिला. जिस कारण मृतक के परिजन हाथ में शव उठकार किसी तरह ले गए.
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पुलिस की मौजूदगी में ऐसा हाल: जब यह सब चल रहा था, उस समय अस्पताल में पुलिस और अस्पताल के कर्मी मौजूद थे. लेकिन किसी ने भी मदद के लिए हाथ बढ़ाने की जहमत नहीं उठायी. घटना के संबंध में मृतक के परिजन ने बताया कि युवक शौच के लिए खेत गया था. उसी दौरान नदी में पैर फिसल जाने के कारण डूबने से उसकी मौत हो गई. मृतक की पहचान सारे थाना क्षेत्र बकाचक सबाजपुर गांव निवासी मोहन मांझी (36) के रूप में हुई है. घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए बिहार शरीफ सदर अस्पताल भेज दिया.
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निजी वाहन से अस्पताल पहुंचा शव: मृतक के शव को अस्पताल तक भेजने के लिए भी एम्बुलेंस नहीं आई. ऐसे में शव को एक निजी वाहन में अस्पताल भेजा गया. ऐसे में वाहन चालक अस्पताल गेट पर शव को सड़क पर उतारकर चला गया. जिसके बाद मृतक का भाई और बहनोई ने अस्पताल में स्ट्रेचर खोजने का प्रयास किया लेकिन नहीं मिला. मजबूरी में वे लोग शव को हाथ में उठाकर पोस्टमार्टम केन्द्र तक ले गए. अस्पताल गेट से पोस्टमार्टम केन्द्र की दूरी करीब 200 मीटर है. इस दौरान पुलिसकर्मी और अस्पताकर्मी भी मौजूद थे.
"नदी में गिरने से मेरे भाई के लिए मौत हो गयी. पोस्टमार्टम के लिए शव को बिहारशरीफ सदर अस्पताल भेजा गया. शव को अस्पताल पिकअप वाहन में लेकर आए थे. पोस्टमार्टम केन्द्र तक शव ले जाना था लेकिन अस्पताल से स्ट्रेचर नहीं मिला" -मृतक का भाई
"इस मामले को लेकर मुझे कोई जानकारी नहीं थी. मेरी डीएम के साथ अभी मीटिंग है. जांच के बाद ही कुछ बता पाएंगे" -अविनाश प्रसाद सिंह, सिविल सर्जन, नालंदा