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छठ महापर्व: छठव्रतियों ने ग्रहण किया खरना का प्रसाद, 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू

छठ व्रतियों ने पूरे भक्ति भाव के साथ मिट्टी के चूल्हा पर प्रसाद बनाया. इसके पहले पूरे घर को अच्छे से साफ-सुथरा किया गया. छठ व्रतियों के प्रसाद ग्रहण करने के बाद परिवार सहित अन्य लोगों को भी प्रसाद खिलाया गया. साथ ही छठी मईया से मनोकामनाएं भी मांगी गई.

खरना का बनाया प्रसाद
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Published : Nov 1, 2019, 5:30 PM IST

Updated : Nov 1, 2019, 5:41 PM IST

नालंदा: लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा की शुरुआत गुरुवार को हो गई है. शुक्रवार को दूसरे दिन छठ व्रतियों ने खरना का प्रसाद बनाया. इसके बाद छठ माता को प्रसाद अर्पित कर शाम में प्रसाद ग्रहण किया. छठ व्रतियों के प्रसाद ग्रहण करने के साथ ही उनका 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो गया.

nalanda
खरना का प्रसाद बनाती व्रती

आम के लकड़ी के जलावन से बनाती हैं प्रसाद
छठ व्रतियों ने मिट्टी के चूल्हे पर मिट्टी और पीतल के बर्तन में अरवा चावल, मीठा का रसिया, चने का दाल, गेहूं के आटे की पूड़ी समेत कई प्रकार की सामग्री का प्रसाद बनाया. छठ व्रती यह प्रसाद आम के लकड़ी के जलावन से बनाती हैं. वहीं, कई छठ व्रतियों ने नालंदा जिला मुख्यालय बिहार शरीफ सहित ऐतिहासिक सूर्य नगरी बड़गांव औंगारी धाम में रहकर खरना का प्रसाद बनाया.

व्रतियों ने खरना का प्रसाद बनाया

मिट्टी के चूल्हा पर बनाती हैं प्रसाद
छठ व्रतियों ने पूरे भक्ति भाव के साथ मिट्टी के चूल्हे पर प्रसाद बनाया. इसके पहले पूरे घर की अच्छे से सफाई की गई. छठ व्रतियों के प्रसाद ग्रहण करने के बाद परिवार सहित अन्य लोगों को भी प्रसाद खिलाया. साथ ही छठी मईया से मनोकामनाएं भी मांगी. वहीं, कई छठ व्रतियों ने गंगा के तट और जलाशयों के किनारे खरना किया, तो कई व्रतियों ने अपने घर में ही विधि-विधान के साथ खरना किया.

नालंदा: लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा की शुरुआत गुरुवार को हो गई है. शुक्रवार को दूसरे दिन छठ व्रतियों ने खरना का प्रसाद बनाया. इसके बाद छठ माता को प्रसाद अर्पित कर शाम में प्रसाद ग्रहण किया. छठ व्रतियों के प्रसाद ग्रहण करने के साथ ही उनका 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो गया.

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खरना का प्रसाद बनाती व्रती

आम के लकड़ी के जलावन से बनाती हैं प्रसाद
छठ व्रतियों ने मिट्टी के चूल्हे पर मिट्टी और पीतल के बर्तन में अरवा चावल, मीठा का रसिया, चने का दाल, गेहूं के आटे की पूड़ी समेत कई प्रकार की सामग्री का प्रसाद बनाया. छठ व्रती यह प्रसाद आम के लकड़ी के जलावन से बनाती हैं. वहीं, कई छठ व्रतियों ने नालंदा जिला मुख्यालय बिहार शरीफ सहित ऐतिहासिक सूर्य नगरी बड़गांव औंगारी धाम में रहकर खरना का प्रसाद बनाया.

व्रतियों ने खरना का प्रसाद बनाया

मिट्टी के चूल्हा पर बनाती हैं प्रसाद
छठ व्रतियों ने पूरे भक्ति भाव के साथ मिट्टी के चूल्हे पर प्रसाद बनाया. इसके पहले पूरे घर की अच्छे से सफाई की गई. छठ व्रतियों के प्रसाद ग्रहण करने के बाद परिवार सहित अन्य लोगों को भी प्रसाद खिलाया. साथ ही छठी मईया से मनोकामनाएं भी मांगी. वहीं, कई छठ व्रतियों ने गंगा के तट और जलाशयों के किनारे खरना किया, तो कई व्रतियों ने अपने घर में ही विधि-विधान के साथ खरना किया.

Intro:नालंदा। लोक आस्था का महापर्व छठ के दूसरे दिन आज छठ व्रतियों ने खरना का प्रसाद बनाया और शाम में प्रसाद ग्रहण किया। छठ व्रतियों ने मिट्टी का चूल्हा पर मिट्टी या पीतल के बर्तन में अरवा चावल, मीठा का रसिया, चने का दाल, गेहूं के आटे का पूड़ी समेत कई प्रकार की सामग्री का प्रसाद बनाया । छठ व्रतियों द्वारा यह प्रसाद आम के लकड़ी के जलावन से बनाया गया।
छठ व्रतियों के द्वारा पूरे भक्ति भाव के साथ मिट्टी के चूल्हा में प्रसाद बनाने का काम किया गया इसके पूर्व पूरे घरों को अच्छे से साफ सुथरा किया गया। वहीं कई छठ व्रतियों द्वारा नालंदा जिला मुख्यालय बिहार शरीफ सहित ऐतिहासिक सूर्य नगरी बड़गांव औंगारी धाम में रहकर छठ व्रत के दूसरे दिन खरना का प्रसाद बनाने का काम किया। शाम में छठ व्रतियों ने प्रसाद को ग्रहण करने के बाद 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो गया।


Body:छठ व्रतियों के द्वारा प्रसाद ग्रहण करने के बाद पूरे परिवार सहित अन्य लोगों को भी प्रसाद खिलाया और छठी मैया से मनोकामना मांगी गई । खरना के प्रसाद में व्रतियों द्वारा तलाव, नदी में स्नान कर मिट्टी के चूल्हा का प्रयोग किया गया और प्रसाद को बनाया गया। इसी के साथ पूरा माहौल भक्तिमय नजर नजर आ रहा है।
बाइट। मंजू देवी
बाइट। श्रवण कुमार


Conclusion:
Last Updated : Nov 1, 2019, 5:41 PM IST
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