नालंदाः शीशे के अंदर लगी मोमबत्ती और उसमें झिलमिल करती रौशनी, 10 मोहर्रम को बिहारशरीफ की सड़कों पर आकर्षण का केंद्र बनी हुई थी. यहां रात के अंधेरे में नौबतखाना निकाला गया, जो काफी भव्य तरीके से सजाया गया था. इसमें लगे हुए शीशे बेल्जियम से मंगाए गए थे. जिसे देखने के लिए दूर दराज से लोग यहां पहुंचे थे.
पूरे शहर में किया गया भ्रमण
मोहर्रम के मौके पर बिहारशरीफ में निकाले जाने वाले जुलूस में नौबतखाना की एक अलग पहचान है. नवाबों के शहर रहे बिहारशरीफ में परंपरा के अनुसार आज भी बड़े पैमाने पर नौबतखाना निकाला जाता है. शहर में करीब एक दर्जन मोहल्लों से नौबतखाना निकाला जाता है. जो पूरे शहर का भ्रमण करने के बाद कर्बला की ओर कूच करता है.
काफी प्रसिद्ध है बिहारशरीफ का नौबतखाना
इमाम हुसैन की याद में मनाए जाने वाला मोहर्रम के दौरान लखनऊ के बाद बिहारशरीफ शहर का नौबतखाना प्रसिद्ध रहा है. मंगलवार को शहर के खरादी मोहल्ला, बसारबीघा, सकुनत, मुरारपुर, कोनासराय, छज्जू महल्ला, सोहडीह, खासगंज, आशा नगर आदि मोहल्लों से नौबत खाना को निकाला गया.
सुरक्षा के थे व्यापक इंतजाम
वहीं, कोनासराय से निकाले गए नौबतखाना की खासियत यह रही कि इसे विशेष कारीगर के जरिए तैयार किया गया था. बेल्जियम से मंगाया गया इसका शीशा लोगों को आकर्षित कर रहा था. देर रात निकाले गए नौबतखाने का बड़ी दरगाह कर्बला में पहलाम किया गया. पूरे दिन शहर में ताजिया जुलूस निकाला गया. जिसको लेकर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये गए थे.