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नालंदा: सूखे की चपेट में किसान, रोपनी को लेकर हैं परेशान

नालंदा में कम बारिश होने से किसान धानों की रोपनी नहीं कर सके हैं. इससे यहां सुखाड़ की स्थिति हो गई है. किसान पानी के अभाव में बेबस दिख रहे हैं.

नालंदा
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Published : Aug 14, 2019, 6:07 PM IST

नालंदा: पूरा दक्षिण बिहार सूखे से प्रभावित है. जिले में भी कम बारिश से अब तक मात्र 43 प्रतिशत ही रोपनी हो सकी है. इससे किसान धान की रोपनी को लेकर काफी परेशान हैं. इस स्थिति में यहां के किसानों को अब सरकार से मदद की उम्मीद है.

पूरा नालंदा जिला सुखाड़ से ग्रसित है. यहां बहुत ही कम बारिश हुई है. इससे किसान धान की रोपनी नहीं कर सके हैं. यहां कम बारिश होने से जल स्तर भी काफी नीचे चला गया है. इससे लोगों को पीने वाला पानी भी नहीं मिल रहा है. बारिश के अभाव में धान के बिचड़े भी सूख रहे हैं.

नालंदा में सुखाड़ पर एक रिपोर्ट

कम बारिश से किसान परेशान
किसानों का कहना है कि इस स्थिति में हम बेबस हैं. यहां इस साल बहुत ही कम वर्षा हुई है. इससे अबतक खेतों में रोपनी नहीं हो सकी है. बिजली के मदद से एक खेत में पटवन करते हैं तो दूसरा खेत सूख जाता है. अब तो बिचड़ा भी सूखने लगा है. जिले में अगर दस दिनों में बारिश नहीं हुई तो भारी नुकसान उठाना पड़ेगा.

डीएम ने किसानों से की अपील
जिले में सूखे की स्थिति को लेकर डीएम योगेंद्र सिंह ने कहा कि प्रशासन इस पर नजर रखी हुई है. सरकार की योजनाओं का लाभ किसानों को मिले इसके लिए प्रशासन हर सभंव मदद करने में जुटी है. इसके साथ उन्होंने किसानों से अपील भी किया कि किसान सहायता योजना के लिए प्रभावित किसान आवेदन करें.

नालंदा
सूखा बिचड़ा

'सूखे से निपटने के लिए सरकार तैयार'
वहीं, सांसद कौशलेंद्र कुमार ने कहा कि इस साल पूरी तरह से यहां सूखा है. यहां बारिश ही नहीं हुई है. इससे किसान रोपनी नहीं कर सके हैं. अभी कुछ बारिश हो जाती है तो थोड़ा बहुत किसानों को जरूर राहत मिलेगा. लेकिन इसके बाद भी समान्य से बहुत कम ही रोपनी हो पाएगी. सरकार इससे निपटने के लिए तैयार है.

नालंदा: पूरा दक्षिण बिहार सूखे से प्रभावित है. जिले में भी कम बारिश से अब तक मात्र 43 प्रतिशत ही रोपनी हो सकी है. इससे किसान धान की रोपनी को लेकर काफी परेशान हैं. इस स्थिति में यहां के किसानों को अब सरकार से मदद की उम्मीद है.

पूरा नालंदा जिला सुखाड़ से ग्रसित है. यहां बहुत ही कम बारिश हुई है. इससे किसान धान की रोपनी नहीं कर सके हैं. यहां कम बारिश होने से जल स्तर भी काफी नीचे चला गया है. इससे लोगों को पीने वाला पानी भी नहीं मिल रहा है. बारिश के अभाव में धान के बिचड़े भी सूख रहे हैं.

नालंदा में सुखाड़ पर एक रिपोर्ट

कम बारिश से किसान परेशान
किसानों का कहना है कि इस स्थिति में हम बेबस हैं. यहां इस साल बहुत ही कम वर्षा हुई है. इससे अबतक खेतों में रोपनी नहीं हो सकी है. बिजली के मदद से एक खेत में पटवन करते हैं तो दूसरा खेत सूख जाता है. अब तो बिचड़ा भी सूखने लगा है. जिले में अगर दस दिनों में बारिश नहीं हुई तो भारी नुकसान उठाना पड़ेगा.

डीएम ने किसानों से की अपील
जिले में सूखे की स्थिति को लेकर डीएम योगेंद्र सिंह ने कहा कि प्रशासन इस पर नजर रखी हुई है. सरकार की योजनाओं का लाभ किसानों को मिले इसके लिए प्रशासन हर सभंव मदद करने में जुटी है. इसके साथ उन्होंने किसानों से अपील भी किया कि किसान सहायता योजना के लिए प्रभावित किसान आवेदन करें.

नालंदा
सूखा बिचड़ा

'सूखे से निपटने के लिए सरकार तैयार'
वहीं, सांसद कौशलेंद्र कुमार ने कहा कि इस साल पूरी तरह से यहां सूखा है. यहां बारिश ही नहीं हुई है. इससे किसान रोपनी नहीं कर सके हैं. अभी कुछ बारिश हो जाती है तो थोड़ा बहुत किसानों को जरूर राहत मिलेगा. लेकिन इसके बाद भी समान्य से बहुत कम ही रोपनी हो पाएगी. सरकार इससे निपटने के लिए तैयार है.

Intro:नालंदा। सावन माह बीतने को है, लेकिन बारिश की आस में आज भी किसान बादलों की ओर टकटकी निगाह रखे हुए हैं। वर्षा के अभाव में खेतों में दरारें पड़ने लगे है। धान रोपनी का काम बिल्कुल ही ठप सा है। कुछ जगहों पर लगे धान के बिचड़े भी पीले पड़ने लगे हैं। रोपानी के लिए तैयार धान के बिचड़े सूखने लगे हैं । यह स्थिति है नालंदा जिले के किसानों की। यहां की सभी नदियां नहर सूखे पड़े हैं । भूगर्भ जल स्तर भी काफी नीचे जा चुका है, वैसे में खेती तो दूर पीने का पानी भी लोगों को सही से नसीब नहीं हो पा रहा है।
नालंदा जिला में किसानों को खेती के लिए इस बार 1 लाख 28 हज़ार हेक्टेयर क्षेत्रफल में धान की खेती का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसमें 12000 एकड़ में जीरो टिलेज पद्धति से धान की खेती का लक्ष्य है, लेकिन अब तक नालंदा में लक्ष्य का आधा भी धान की रोपनी का कार्य पूरा नहीं हो पाया । जिले में मात्र 43 प्रतिशत करीब 55 हज़ार हेक्टेयर में धान की रोपनी हो सका। जिसमें वैसे किसानों द्वारा रोपनी किया गया जिनके पास मोटर हो या पानी की व्यवस्था कर पा रहे हैं
नालंदा जिला में वर्षा पात सामान्य से भी काफी कम है जिसके कारण रोपनी कार्य पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। अब भी किसानों को उम्मीद है अगर 10 दिनों के अंदर जिले में अच्छी वर्षा हो जाती है तो रोकने का कार्य पूरा कर लेंगे और उनकी खेती अच्छी हो पाएगी। किसानों की माने तो अभी स्थिति यह है कि किसी प्रकार अगर रोपनी कर भी ले तो उसे बचाने की जुगत करनी पड़ रही है। एक खेत में पटवन करते हैं तो दूसरा खेत सूखने लगता है। रोपण किया गया धान के बिछड़े पर पीलापन होना शुरू हो गया । वही रोपनी के लिए तैयार बिछड़े भी सूखने के कगार पर आ गया और कई सूख चुके हैं ।


Body:जिला प्रशासन की मानें तो नालंदा में व्हाट्सएप आप काफी कम हुआ है विगत 3 माह से जिले में काफी कम बारिश हुई है जिसके कारण रोपनी का काम कम हो पाया है । किसानों को मदद के लिए हर संभव सहायता देने की बात कही जा रही है , इसके लिए नलकूप मरम्मति का कार्य किया जा रहा है और मुखिया को आवंटन भी मुहैया करा दिया गया है। लगातार इसकी मॉनिटरिंग किया जा रहा है, प्रत्येक दिन रिव्यू किया जा रहा है । नालंदा जिले के सभी सिंचाई के साधन में पानी नहीं है। भूगर्भ जल स्तर भी काफी नीचे चला गया है । किसानों के लिए आकस्मिक फसल योजना पर काम किया जा रहा है वही जिलाधिकारी ने etv भारत के माध्यम से किसानों से फसल सहायतार्थ के लिए आवेदन जमा करने का अनुरोध किया ताकि किसान तक मदद पहुचाया जा सके।
राज्य सरकार के स्तर पर भी नालंदा में सुखाड़ की स्थिति को लेकर लगातार मॉनिटरिंग किया जा रहा है । आगामी 18 अगस्त को पटना में आयोजित होने वाले बैठक में इस दिशा में कुछ निर्णय लिए जाने की संभावना जताई जा रही है । नालंदा जिले को इस बार सुखाड़ क्षेत्र घोषित करने की उम्मीद बढ़ गई है।
बाइट। 1 सुबोध प्रसाद, किसान
2 बिजेस्वर राम, किसान
3 योगेंद्र सिंह, जिलाधिकारी
4 कौशलेंद्र कुमार, सांसद


Conclusion:
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