नालंदा: बाढ़ ने प्रदेश के लोगों का जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है. इससे किसानों को भी भारी नुकसान हुआ है. सरकार किसानों को मुआवजा देने की बात तो करती है. लेकिन किसानों तक सरकारी लाभ नहीं पहुंच पाता है. जिले के किसान भी बाढ़ की मार से परेशान हैं.
जिले में बाढ़ ने किसानों की फसलों को काफी क्षति पहुंचाई है. खासकर सब्जियों की खेती को ज्यादा नुकसान हुआ है. इससे किसानों को काफी आर्थिक क्षति हुई है. सरकार मुआवजा देने की बात तो कह रही है. लेकिन अभी उन्हें कोई सहायता नहीं दी गई है. सरकार जांच के बाद ही किसानों के लिए मुआवजा निर्धारित करेगी.
किसान बोले- मरने पर विवश हैं
किसानों को कहना है कि नदी में बाढ़ आने से पूरी तरह से फसल बर्बाद हो गए हैं. धान के साथ-साथ सब्जी की खेती भी बर्बाद हो गई. कोई फसल नहीं बची है. इससे काफी आर्थिक क्षति हुई है. सरकार जल्द से जल्द आर्थिक मदद करे.
'जांच के बाद दिया जाएगा मुआवजा'
वहीं, किसानों को सरकारी सहायता के संबंध में ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि मुआवजा के लिए प्रावधान बना हुआ है. बाढ़ और सुखाड़ से नुकसान फसलों के लिए मुआवजा देने के लिए नियम बनाया गया है. नालंदा में किसानों की क्षति की जांच की जा रही है. जांच के बाद मुआवजा राशि निर्धारित होगी. सरकार अपने नियमावली के अनुसार ही किसानों को मुआवाजा देगी.