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राजगीर में गंगाजल आपूर्ति योजना का लोकार्पण करेंगे सीएम नीतीश कुमार, तैयारी पूरी

राजगीर में गंगाजल आपूर्ति योजना (Ganga water supply scheme in Rajgir) का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लोकार्पण करेंगे. भौगोलिक स्थिति के कारण गंगा का पानी दक्षिण बिहार में पहुंच नहीं पाता. गंगा जल घोड़ाकटोरा में बने जलाशय में पहुंचेगा. पढ़ें पूरी खबर..

राजगीर में गंगाजल आपूर्ति योजना का लोकार्पण
राजगीर में गंगाजल आपूर्ति योजना का लोकार्पण
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Published : Nov 27, 2022, 10:44 AM IST

राजगीरः बिहार के राजगीर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने ड्रीम प्रोजेक्ट 'गंगा जल आपूर्ति योजना' का आज दोपहर बाद तीन बजे लोकार्पण (Inauguration of Ganga water supply scheme) करेंगे. इसके साथ ही वे राजगीर शहर में 'हर घर गंगाजल' की आपूर्ति का शुभारंभ भी करेंगे. लोकार्पण समारोह में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, वित्त, वाणिज्यकर एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी और जल संसाधन तथा सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री संजय कुमार झा के अलावा अनेक सांसद, विधायक व अन्य गणमान्य मौजूद रहेंगे.

ये भी पढ़ेंः राजगीर में गंगा उद्भव योजना का CM ने किया निरीक्षण, बोले- 'इसे प्यूरीफाई कर घरों में होगा सप्लाई'

28 नवंबर को गया में लोकार्पणः नीतीश कुमार 28 नवंबर को गया और बोधगया में योजना का लोकार्पण करेंगे, जबकि योजना के दूसरे चरण में जून 2023 तक नवादा में भी 'हर घर गंगाजल' पहुंचाने का लक्ष्य है. बिहार सरकार के जल संसाधन तथा सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि 'गंगा जल आपूर्ति योजना' मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का 'भगीरथ प्रयास' है.

2019 में कैबिनेट की विशेष बैठक में योजना को दी गई थी मंजूरीः संजय कुमार झा ने कहा कि आम तौर पर यह कहावत प्रचलित है कि कुआं प्यासे के पास नहीं जाता, प्यासे को ही कुएं के पास जाना पड़ता है. लेकिन, इंजीनियर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बड़ा सपना देखा. उन्होंने अपने दूरगामी अभियान 'जल-जीवन-हरियाली' के तहत गंगा नदी के अधिशेष जल को दक्षिण बिहार के जल संकट वाले शहरों ले जाकर पेयजल के रूप में उपयोग करने की अनूठी परिकल्पना की. उनकी अध्यक्षता में दिसंबर 2019 में गया में हुई कैबिनेट की विशेष बैठक में अतिमहत्वाकांक्षी 'गंगा जल आपूर्ति योजना' को मंजूरी दी गई.

तीन साल में काम हुआ पूराः उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में जल संसाधन विभाग ने तत्परता से काम करते हुए इतनी बड़ी योजना को कोरोना काल की चुनौतियों के बावजूद तीन साल से कम समय पूरा करा दिया है. गंगा जल पाइपलाइन के जरिये 151 किलोमीटर सफर तय करके राजगीर, गया और बोधगया के जलाशयों में पहुंच गया है, जहां से यह शोधित होकर शुद्ध पेयजल के रूप में रोज लाखों लोगों की प्यास बुझाएगा.

राजगीर के 19 वार्डों में पहुंचेगा गंगाजलापूर्ति योजनाः संजय कुमार झा ने बताया कि इस योजना के तहत राजगीर शहर के 19 वार्डों के करीब 8031 घरों, गया शहर के 53 वार्डों के करीब 75000 घरों और बोधगया शहर के 19 वार्डों के करीब 6000 घरों में शुद्ध पेयजल के रूप में 'हर घर गंगाजल' की आपूर्ति की जायेगी. योजना के तहत प्रतिव्यक्ति प्रतिदिन 135 लीटर शुद्ध जल की आपूर्ति का लक्ष्य है. इसके अलावा शहर के संस्थानों, अस्पतालों, होटलों आदि को भी जल की आपूर्ति की जायेगी, ताकि इन शहरों में बड़ी संख्या में आने वाले पर्यटकों तथा श्रद्धालुओं के लिए भी शुद्ध जल की आपूर्ति हो सके.

1.89 करोड़ लीटर गंगाजल की जायेगी आपूर्तिः चारों जिलों के 15 लाख लोगों को हर दिन 1.89 करोड़ लीटर गंगाजल मिलेगा प्रत्येक व्यक्ति पर 32000 की राशि सरकार खर्च कर रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट है और इसलिए योजना को लेकर मुख्यमंत्री लगातार समीक्षा करते रहे हैं. जल संसाधन विभाग गंगा जलापूर्ति योजना पर 2019 में काम करना शुरू किया था. गया में नवंबर के महीने में 2019 में कैबिनेट की बैठक हुई थी और उसी में इस योजना पर मुहर लगी थी. 3 साल में यह योजना बनकर तैयार हो चुकी है. ऐसे तो 2021 में ही इसे शुरू करने की तैयारी थी लेकिन कोरोना के कारण इसमें विलंब हुआ है. अब 27 नवंबर को राजगीर में और 28 नवंबर को गया बोधगया में घर-घर गंगाजल पहुंचाने की योजना की शुरुआत हो रही है.

4 महीने स्टोर कर 12 महीने की जाएगी आपूर्तिः पटना के मोकामा के मरांची से 190 किलोमीटर पाइप के सहारे गंगाजल को राजगीर बोधगया गया और नवादा ले जाया गया ह. इसके लिए बड़े पंप लगाए गए हैं गंगाजल को 4 महीने स्टोर कर 12 महीने आपूर्ति की जाएगी. राजगीर, बोधगया, गया और नवादा में 3 जलाशयों के माध्यम से पानी की आपूर्ति की जाएगी. गया, तेतर और अबगिलल्ला पहाड़तल्ली और राजगीर के घोड़ा कटोरा में जलाशय का निर्माण किया गया है. तेतर में 18.53 एमसीए यानी मिलियन क्यूबिक मीटर और अबगिलल्ला पहाड़तल्ली में 1.29 मिलियन क्यूबिक मीटर और राजगीर में घोड़ा कटोरा क्षेत्र में 9.81 मिलियन क्यूबिक मीटर की क्षमता का जलाशाय बनाया गया है.

'गंगा उद्भव योजना' का ट्रायल नवादा में रहा है सफल: इससे पहले नवादा में नीतीश के ड्रीम प्रोजेक्ट (CM Nitish Dream Project) 'गंगा उद्भव योजना' का ट्रायल सफल रहा है. नवादा जिले के नारदीगंज प्रखंड स्थित मोतनाजे गांव में निर्माणाधीन गंगाजल उद्भव परियोजना का ट्रायल कराया गया था. पाइपलाइन के जरिए पटना जिले के हाथीदह से गंगा का पानी नालंदा होते हुए नवादा तक पहुंचा था.

मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट: दरअसल, गंगा उद्भव योजना मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है. पहले चरण में 2836 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं. 190 किलोमीटर पाइप लाइन के जरिए गंगा नदी का जल मोकामा के हाथीदह से नवादा तक पहुंचाने का ट्रायल हुआ है और जल संसाधन विभाग के अनुसार सफल रहा है. इस योजना के तहत गंगा नदी का पानी अब गया, बोधगया और राजगीर के घरों तक पहुंचेगा.

राजगीरः बिहार के राजगीर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने ड्रीम प्रोजेक्ट 'गंगा जल आपूर्ति योजना' का आज दोपहर बाद तीन बजे लोकार्पण (Inauguration of Ganga water supply scheme) करेंगे. इसके साथ ही वे राजगीर शहर में 'हर घर गंगाजल' की आपूर्ति का शुभारंभ भी करेंगे. लोकार्पण समारोह में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, वित्त, वाणिज्यकर एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी और जल संसाधन तथा सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री संजय कुमार झा के अलावा अनेक सांसद, विधायक व अन्य गणमान्य मौजूद रहेंगे.

ये भी पढ़ेंः राजगीर में गंगा उद्भव योजना का CM ने किया निरीक्षण, बोले- 'इसे प्यूरीफाई कर घरों में होगा सप्लाई'

28 नवंबर को गया में लोकार्पणः नीतीश कुमार 28 नवंबर को गया और बोधगया में योजना का लोकार्पण करेंगे, जबकि योजना के दूसरे चरण में जून 2023 तक नवादा में भी 'हर घर गंगाजल' पहुंचाने का लक्ष्य है. बिहार सरकार के जल संसाधन तथा सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि 'गंगा जल आपूर्ति योजना' मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का 'भगीरथ प्रयास' है.

2019 में कैबिनेट की विशेष बैठक में योजना को दी गई थी मंजूरीः संजय कुमार झा ने कहा कि आम तौर पर यह कहावत प्रचलित है कि कुआं प्यासे के पास नहीं जाता, प्यासे को ही कुएं के पास जाना पड़ता है. लेकिन, इंजीनियर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बड़ा सपना देखा. उन्होंने अपने दूरगामी अभियान 'जल-जीवन-हरियाली' के तहत गंगा नदी के अधिशेष जल को दक्षिण बिहार के जल संकट वाले शहरों ले जाकर पेयजल के रूप में उपयोग करने की अनूठी परिकल्पना की. उनकी अध्यक्षता में दिसंबर 2019 में गया में हुई कैबिनेट की विशेष बैठक में अतिमहत्वाकांक्षी 'गंगा जल आपूर्ति योजना' को मंजूरी दी गई.

तीन साल में काम हुआ पूराः उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में जल संसाधन विभाग ने तत्परता से काम करते हुए इतनी बड़ी योजना को कोरोना काल की चुनौतियों के बावजूद तीन साल से कम समय पूरा करा दिया है. गंगा जल पाइपलाइन के जरिये 151 किलोमीटर सफर तय करके राजगीर, गया और बोधगया के जलाशयों में पहुंच गया है, जहां से यह शोधित होकर शुद्ध पेयजल के रूप में रोज लाखों लोगों की प्यास बुझाएगा.

राजगीर के 19 वार्डों में पहुंचेगा गंगाजलापूर्ति योजनाः संजय कुमार झा ने बताया कि इस योजना के तहत राजगीर शहर के 19 वार्डों के करीब 8031 घरों, गया शहर के 53 वार्डों के करीब 75000 घरों और बोधगया शहर के 19 वार्डों के करीब 6000 घरों में शुद्ध पेयजल के रूप में 'हर घर गंगाजल' की आपूर्ति की जायेगी. योजना के तहत प्रतिव्यक्ति प्रतिदिन 135 लीटर शुद्ध जल की आपूर्ति का लक्ष्य है. इसके अलावा शहर के संस्थानों, अस्पतालों, होटलों आदि को भी जल की आपूर्ति की जायेगी, ताकि इन शहरों में बड़ी संख्या में आने वाले पर्यटकों तथा श्रद्धालुओं के लिए भी शुद्ध जल की आपूर्ति हो सके.

1.89 करोड़ लीटर गंगाजल की जायेगी आपूर्तिः चारों जिलों के 15 लाख लोगों को हर दिन 1.89 करोड़ लीटर गंगाजल मिलेगा प्रत्येक व्यक्ति पर 32000 की राशि सरकार खर्च कर रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट है और इसलिए योजना को लेकर मुख्यमंत्री लगातार समीक्षा करते रहे हैं. जल संसाधन विभाग गंगा जलापूर्ति योजना पर 2019 में काम करना शुरू किया था. गया में नवंबर के महीने में 2019 में कैबिनेट की बैठक हुई थी और उसी में इस योजना पर मुहर लगी थी. 3 साल में यह योजना बनकर तैयार हो चुकी है. ऐसे तो 2021 में ही इसे शुरू करने की तैयारी थी लेकिन कोरोना के कारण इसमें विलंब हुआ है. अब 27 नवंबर को राजगीर में और 28 नवंबर को गया बोधगया में घर-घर गंगाजल पहुंचाने की योजना की शुरुआत हो रही है.

4 महीने स्टोर कर 12 महीने की जाएगी आपूर्तिः पटना के मोकामा के मरांची से 190 किलोमीटर पाइप के सहारे गंगाजल को राजगीर बोधगया गया और नवादा ले जाया गया ह. इसके लिए बड़े पंप लगाए गए हैं गंगाजल को 4 महीने स्टोर कर 12 महीने आपूर्ति की जाएगी. राजगीर, बोधगया, गया और नवादा में 3 जलाशयों के माध्यम से पानी की आपूर्ति की जाएगी. गया, तेतर और अबगिलल्ला पहाड़तल्ली और राजगीर के घोड़ा कटोरा में जलाशय का निर्माण किया गया है. तेतर में 18.53 एमसीए यानी मिलियन क्यूबिक मीटर और अबगिलल्ला पहाड़तल्ली में 1.29 मिलियन क्यूबिक मीटर और राजगीर में घोड़ा कटोरा क्षेत्र में 9.81 मिलियन क्यूबिक मीटर की क्षमता का जलाशाय बनाया गया है.

'गंगा उद्भव योजना' का ट्रायल नवादा में रहा है सफल: इससे पहले नवादा में नीतीश के ड्रीम प्रोजेक्ट (CM Nitish Dream Project) 'गंगा उद्भव योजना' का ट्रायल सफल रहा है. नवादा जिले के नारदीगंज प्रखंड स्थित मोतनाजे गांव में निर्माणाधीन गंगाजल उद्भव परियोजना का ट्रायल कराया गया था. पाइपलाइन के जरिए पटना जिले के हाथीदह से गंगा का पानी नालंदा होते हुए नवादा तक पहुंचा था.

मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट: दरअसल, गंगा उद्भव योजना मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है. पहले चरण में 2836 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं. 190 किलोमीटर पाइप लाइन के जरिए गंगा नदी का जल मोकामा के हाथीदह से नवादा तक पहुंचाने का ट्रायल हुआ है और जल संसाधन विभाग के अनुसार सफल रहा है. इस योजना के तहत गंगा नदी का पानी अब गया, बोधगया और राजगीर के घरों तक पहुंचेगा.

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