नालंदा : नालंदा जिले के पावापुरी स्थित वर्धमान महावीर आयुर्विज्ञान संस्थान (Vardhman Mahaveer Institute of Medical Sciences) के 96 जूनियर डॉक्टर स्टाइपेंड की राशि बढ़ाए जाने की मांग को लेकर हड़ताल पर चले गए हैं. जिसके कारण मेडिकल कॉलेज की चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई (Health care system faltered In Nalanda) है. सभी जूनियर डॉक्टर अस्पताल परिसर में सरकार के विरोध में नारेबाजी कर रहे हैं.
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तीन साल पर स्टाइपेंड बढ़ाने का था वादा : जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि सरकार ने वादा किया था कि प्रत्येक 3 वर्ष पर राशि की बढ़ोतरी होगी. लेकिन ऐसा नहीं किया गया. इन लोगों का कहना है कि हम लोगों को 15 हजार रुपये प्रति माह दिया जाता है, जो मनरेगा के मजदूरों से भी कम है. यही राशि वर्ष 2017 से ही दी जा रही है. उसके बाद से बढ़ोतरी नहीं की गई है. 6 साल गुजर जाने के बाद भी सरकार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया. जिसके कारण यह आंदोलन किया जा रहा है.
मांगों पर विचार होने तक जारी रहेगी हड़ताल : जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि जब तक उनकी मांगों पर विचार नहीं किया जाएगा तब तक उनकी यह हड़ताल जारी रहेगी. उन लोगों का कहना है कि यह राशि15 हजार से बढ़ाकर 35 हजार की जाए. इस हड़ताल के दौरान इमरजेंसी सेवा को बहाल रखा गया है. बावजूद इसके मरीजों की लंबी कतारें लगी हैं जिससे लोगों की परेशानी बढ़ गई है.
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'दूसरे राज्यों में हर साल बढ़ता है स्टाइपेंड लेकिन बिहार में 2018 से नहीं बढ़ा है. इस तरह अब तक इसे 21 हजार हो जाना चाहिए था, लेकिन बिहार में कुछ नहीं किया जा रहा है.'
- पारुल प्रिया, जूनियर डॉक्टर