ETV Bharat / state

आयुष्मान भारत योजना: गोल्डन कार्ड बनाने का कार्य हुआ धीमा, सिविल सर्जन ने दिए ये आदेश - नालंदा जिले में आयुष्मान भारत योजना

सिविल सर्जन डॉक्टर राम कुमार ने भी माना कि गोल्डन कार्ड बनाने का कार्य काफी धीमा था. लेकिन अब इस काम में तेजी लाई जा रही है. सभी कार्यपालक सहायकों को काम में तेजी लाने का निर्देश दिया गया है.

Nalanda
आयुष्मान भारत योजना
author img

By

Published : Jan 6, 2020, 7:54 PM IST

नालंदा: गरीबों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिल सके इसके लिए आयुष्मान भारत योजना के तहत गोल्डन कार्ड बनाया जा रहा है. नालंदा जिले में आयुष्मान भारत योजना के तहत गोल्डन कार्ड बनाने का काम चल तो रहा है लेकिन यह काम काफी धीमा है. जिसके कारण लाभुकों को काफी परेशानी भी उठानी पड़ रही है. इस योजना के तहत 5 लाख रुपये तक के इलाज की सुविधा है.

जब से यह योजना प्रारंभ हुई है तब से जिले में महज डेढ़ लाख लोगों का ही गोल्डन कार्ड बन पाया है. वहीं, नालंदा जिले में करीब 14 लाख लोगों का गोल्डन कार्ड बनाने का लक्ष्य निर्धारित है. कार्य की धीमी गति के कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

पेश है रिपोर्ट

मुफ्त मिलता है इतने लाख का इलाज
आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों को 5 लाख तक के इलाज की सुविधा उपलब्ध है. इलाज के साथ-साथ सर्जरी चिकित्सा सेवा भी रोगियों को उपलब्ध होगी. इस कार्ड के बन जाने से रोगियों को हर तरह की चिकित्सा सेवा मुफ्त में उपलब्ध होगी. जिन मरीजों का कार्ड बन जाएगा, उन्हें कार्ड के आधार पर चिकित्सा सेवा प्रदान की जाती है. गोल्डन कार्ड के आधार पर सरकारी अस्पतालों के अलावा चिन्हित निजी अस्पतालों में भी चिकित्सा सेवा प्रदान की जाती है.

Nalanda
सदर अस्पताल, नालंदा

नालंदा में 14 लाख कार्ड बनाने का लक्ष्य
आयुष्मान भारत योजना के तहत नालंदा जिले के करीब 14 लाख लाभुकों को गोल्डन कार्ड बनाए जाने का लक्ष्य है. इस लक्ष्य के विरूद्ध अब तक करीब डेढ़ लाख लाभुकों का गोल्डन कार्ड बनाने का काम किया गया है. गोल्डन कार्ड बनाने के कार्य में गति आए, इसके लिए अब जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के स्तर पर शिविर लगाने का काम भी किया जाएगा. प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर तिथि वार कार्ड बनाया जाएगा. जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्साधिकारी को निर्देश भी दिया गया है कि अधिक से अधिक लोगों का कार्ड बनाया जाए.

Nalanda
डॉक्टर राम कुमार, सिविल सर्जन, नालंदा

काम में तेजी लाने के दिए निर्देश
सिविल सर्जन डॉक्टर राम कुमार ने भी माना कि गोल्डन कार्ड बनाने का कार्य काफी धीमा था. लेकिन अब इस काम में तेजी लाई जा रही है. सभी कार्यपालक सहायकों को काम में तेजी लाने का निर्देश दिया गया है. वहीं, प्रखंडों में भी शिविर लगाकर गोल्डन कार्ड बनाया जाएगा. सिविल सर्जन के अनुसार प्रतिदिन एक हजार गोल्डन कार्ड बनाने का काम किया जा रहा है. जल्द ही लक्ष्य को पूरा कर लिया जाएगा.

नालंदा: गरीबों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिल सके इसके लिए आयुष्मान भारत योजना के तहत गोल्डन कार्ड बनाया जा रहा है. नालंदा जिले में आयुष्मान भारत योजना के तहत गोल्डन कार्ड बनाने का काम चल तो रहा है लेकिन यह काम काफी धीमा है. जिसके कारण लाभुकों को काफी परेशानी भी उठानी पड़ रही है. इस योजना के तहत 5 लाख रुपये तक के इलाज की सुविधा है.

जब से यह योजना प्रारंभ हुई है तब से जिले में महज डेढ़ लाख लोगों का ही गोल्डन कार्ड बन पाया है. वहीं, नालंदा जिले में करीब 14 लाख लोगों का गोल्डन कार्ड बनाने का लक्ष्य निर्धारित है. कार्य की धीमी गति के कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

पेश है रिपोर्ट

मुफ्त मिलता है इतने लाख का इलाज
आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों को 5 लाख तक के इलाज की सुविधा उपलब्ध है. इलाज के साथ-साथ सर्जरी चिकित्सा सेवा भी रोगियों को उपलब्ध होगी. इस कार्ड के बन जाने से रोगियों को हर तरह की चिकित्सा सेवा मुफ्त में उपलब्ध होगी. जिन मरीजों का कार्ड बन जाएगा, उन्हें कार्ड के आधार पर चिकित्सा सेवा प्रदान की जाती है. गोल्डन कार्ड के आधार पर सरकारी अस्पतालों के अलावा चिन्हित निजी अस्पतालों में भी चिकित्सा सेवा प्रदान की जाती है.

Nalanda
सदर अस्पताल, नालंदा

नालंदा में 14 लाख कार्ड बनाने का लक्ष्य
आयुष्मान भारत योजना के तहत नालंदा जिले के करीब 14 लाख लाभुकों को गोल्डन कार्ड बनाए जाने का लक्ष्य है. इस लक्ष्य के विरूद्ध अब तक करीब डेढ़ लाख लाभुकों का गोल्डन कार्ड बनाने का काम किया गया है. गोल्डन कार्ड बनाने के कार्य में गति आए, इसके लिए अब जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के स्तर पर शिविर लगाने का काम भी किया जाएगा. प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर तिथि वार कार्ड बनाया जाएगा. जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्साधिकारी को निर्देश भी दिया गया है कि अधिक से अधिक लोगों का कार्ड बनाया जाए.

Nalanda
डॉक्टर राम कुमार, सिविल सर्जन, नालंदा

काम में तेजी लाने के दिए निर्देश
सिविल सर्जन डॉक्टर राम कुमार ने भी माना कि गोल्डन कार्ड बनाने का कार्य काफी धीमा था. लेकिन अब इस काम में तेजी लाई जा रही है. सभी कार्यपालक सहायकों को काम में तेजी लाने का निर्देश दिया गया है. वहीं, प्रखंडों में भी शिविर लगाकर गोल्डन कार्ड बनाया जाएगा. सिविल सर्जन के अनुसार प्रतिदिन एक हजार गोल्डन कार्ड बनाने का काम किया जा रहा है. जल्द ही लक्ष्य को पूरा कर लिया जाएगा.

Intro:आयुष्मान भारत योजना के तहत गोल्डन कार्ड बनाने का कार्य धीमा
सिविल सर्जन के कहा कार्ड बनाने के कार्य मे लाया जा रहा तेज़ी
नालंदा। गरीबों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिल सके इसके लिए आयुष्मान भारत योजना के तहत गोल्डन कार्ड बनाया जा रहा है। नालंदा जिले में आयुष्मान भारत योजना के साथ गोल्डन कार्ड बनाने का काम चल तो रहा है लेकिन यह काम काफी धीमा है जिसके कारण लाभुकों को काफी परेशानी भी उठानी पड़ रही है। इस योजना के तहत 5 लाख रुपये तक की इलाज की सुविधा है। जब से यह योजना प्रारंभ हुआ तब से महज जिले में डेढ़ लाख लोगों का ही गोल्डन कार्ड बन पाया है वही नालंदा जिले में करीब 14 लाख लोगों का गोल्डन कार्ड बनाने का लक्ष्य निर्धारित है। कार्य की धीमी गति के कारण लोगों को काफी परेशानी भी उठानी पड़ रही है।


Body:आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों को 5 लाख तक की इलाज की सुविधा उपलब्ध है । इलाज के साथ-साथ सर्जरी चिकित्सा सेवा भी रोगियों को उपलब्ध होगी। इस कार्ड के बन जाने से रोगियों को हर तरह के चिकित्सा सेवा मुफ्त में उपलब्ध होगी। जिन मरीजों का कार्ड बन जाएगा उन्हें कार्ड के आधार पर चिकित्सा सेवा प्रदान की जाती है। गोल्डन कार्ड के आधार पर सरकारी अस्पतालों के अलावा चिन्हित निजी अस्पतालों में भी चिकित्सा सेवा प्रदान की जाती है।
आयुष्मान भारत योजना के तहत नालंदा जिले के करीब 14 लाख लाभुकों को गोल्डन कार्ड बनाए जाने का लक्ष्य है। इस लक्ष्य के विरूद्ध अब तक करीब डेढ़ लाख लाभुकों का गोल्डन कार्ड बनाने का काम किया गया। गोल्डन कार्ड बनाने के कार्य में गति आए इसके लिए अब जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के स्तर पर शिविर लगाने का काम भी किया जाएगा । प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर तिथि वार कार्ड बनाया जाएगा । जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को निर्देश भी दिया गया है कि अधिक से अधिक लोगों का कार्ड बनाया जाए।


Conclusion:सिविल सर्जन डॉ राम कुमार ने भी माना कि गोल्डन कार्ड बनाने का कार्य काफी धीमा था लेकिन अब इस काम को तेजी लाया जा रहा है । सभी कार्यपालक सहायकों को काम में तेजी लाने का निर्देश दिया गया ।। वहीं प्रखंडों में भी शिविर लगाकर गोल्डन कार्ड बनाया जाएगा। सिविल सर्जन के अनुसार प्रतिदिन 1000 गोल्डन कार्ड बनाने का काम किया जा रहा है। जल्द ही लक्ष्य को पूरा कर लिया जाएगा।
बाइट। डॉ राम कुमार, सिविल सर्जन, नालंदा
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.