नालंदा: बिहार के नालंदा में बिहारशरीफ मुख्यालय कोर्ट में राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ किया (National Lok Adalat Started In Bihar Sharif Court) गया है. जिला जज, इसका शुभारंभ जिलाधिकारी शशांक शुभंकर और पुलिस अधीक्षक अशोक मिश्रा ने दीप प्रज्वलित कर किया. इस मौके पर जिला जज हशमुद्दीन अंसारी (Hashmuddin Ansari District Judge ) समेत कई अधिकारी मौजुद थें. वही जिला जज ने बताया कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देशानुसार लोक अदालत समय समय पर लगाया जाता है. विधिक सेवा प्राधिकार अधिनियम 1987 कहता है कि हम सस्ता सुलभ और नि:शुल्क सेवा समाज के उस अंतिम पायदान तक पहुंचाएं. जिससे कि शैक्षणिक, आर्थिक और सामाजिक कारणों से न्याय पाने से वंचित न रहे. इसी उपलक्ष्य के साथ इसका आयोजन किया गया है.
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इसमें जितने भी विभागीय लोग और उनके वकील इसे सफ़ल बनाने एवं सोशितों को इंसाफ़ दिलाने में उन्हें सहयोग करें यह हमें उम्मीद है. साथ ही जितना ज्यादा से ज्यादा मामलों का यहां निपटारा कराया जाए ताकि उससे लोग लाभान्वित हो. अगले बार का इंतज़ार न करना पड़े. इसके बाद डीएम शशांक शुभंकर (DM Shashank Shubhankar) ने कहा कि लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य यह है कि तमाम तरह की जो विधिक सेवाएं हैं वो लाभार्थियों तक सीधे पहुंचे. जो प्रक्रिया से लोगों को परेशानी होती है उससे उन्हें बचाया जाए.
18 नवंबर को राजगीर में किया जाएगा आयोजन: आपको बता दें कि राष्ट्रीय लोक अदालत में सभी सुलहनिय फौजदारी मामले, सिविल, बिजली विभाग, वन विभाग, वाहन दुर्घटना क्लेम, बैंक ऋण, न्यूनतम मजदूरी, माप तौल, राजस्व, आपदा प्रबंधन समेत कई मामलों का समझौता के आधार पर निष्पादन किया जाएगा. इसके बाद 17 नवंबर को बिहार शरीफ व्यवहार न्यालय में, 18 नवंबर को अनुमंडल कार्यालय कैपस राजगीर में और 19 नवंबर को ब्लॉक कैंपस हिलसा चलंत लोक अदालत शिविर का आयोजन किया जाएगा.
"राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देशानुसार लोक अदालत समय समय पर लगाया जाता है. विधिक सेवा प्राधिकार अधिनियम 1987 कहता है कि हम सस्ता सुलभ और नि:शुल्क सेवा समाज के उस अंतिम पायदान तक पहुंचाएं. जिससे कि शैक्षणिक, आर्थिक और सामाजिक कारणों से न्याय पाने से वंचित न रहे. इसी उपलक्ष्य के साथ इसका आयोजन किया गया है" :- हशमुद्दीन अंसारी, जिला जज, नालंदा
"लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य यह है कि तमाम तरह की जो विधिक सेवाएं हैं वो लाभार्थियों तक सीधे पहुंचे. जो प्रक्रिया से लोगों को परेशानी होती है उससे उन्हें बचाया जाए. इसके लिए विधिक सेवा प्राधिकार के सभी सदस्यों का धन्यवाद करता हूं":- शशांक शुभंकर, डीएम, नालंदा
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