नालंदा: सरकार ने किसानों को फसल अवशेष जलाने पर रोक लगा दिया है. फसल अवशेष जलाने वाले किसानों को योजनाओं से वंचित करने का काम किया जा रहा है. ऐसे में जिला के रोई प्रखंड के किसान अमन कुमार ने फसल अवशेष से जैविक खाद बनाने का काम शुरू किया है. अमन फसल अवशेष को जलाने की बजाय उसे एकत्रित कर उससे उर्वरक तैयार कर रहे हैं. साथ ही वे उसी उर्वरक से सब्जी उगाने का काम कर रहे हैं.
क्या है उर्वरक बनाने की विधि?
किसान के अनुसार जैविक उर्वरक तैयार करने के लिए सबसे पहले किसी भी फसल के अवशेष को एक जगह खेत में जमा कर दें. जमा किए गए फसल अवशेष पर अल्युमीनियम और डी-कंपोजर को छिड़क दें. उसके बाद उसे मिट्टी में हल्की परत से ढक दें. कुछ दिनों के बाद वर्मी कम्पोस्ट तैयार हो जाता है. इससे किसान को फसल जलाने और रासायनिक खाद्द से छुटकारा भी मिल जाएगा और उन्हें उर्वरक भी मिल जाएगा.
किसानों को मिली प्रेरणा
किसान के अनुसार इसमें कोई विशेष लागत नहीं आती है. इसमें कम खर्च पर अत्यधिक मुनाफा भी कमा सकते हैं. खाद्द तैयार करने में जितनी जमीन का उपयोग होता है, उसमें सब्जी की भी खेती कर सकते हैं. उन्होंने कृषि विभाग से प्रशिक्षण लेकर अपने गांव में इसका प्रयोग करना शुरू किया है. अन्य किसान भी इस विधि को देखकर प्रेरित हो रहे हैं.
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