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नालंदा: विद्यालय में भरा रहता है गंदा पानी, बच्चों को पढ़ाई में परेशानी के साथ बढ़ा संक्रमण का खतरा

जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह ने बताया कि फिलहाल गंदे पानी को निकालने की व्यवस्था के लिए आदेश दे दिए गए हैं. इस विद्यालय में नाले का पानी जमा ना हो इसके लिए उपाय भी निकाले जाएंगे.

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Published : Aug 21, 2019, 11:29 PM IST

बिहारशरीफ के उत्क्रमित मध्य विद्यालय के मैदान में जलभराव

नालंदा: जिले के बिहारशरीफ के उत्क्रमित मध्य विद्यालय में जलभराव बच्चों के लिए बीमारी का कारण बनता नजर आ रहा है. इस विद्यालय के खेल मैदान में नाली का गंदा पानी जमा रहता है. ये स्थिति पूरे साल बनी रहती है. लेकिन अब तक इस दिशा में कोई पहल नहीं की गई है. इस कारण बच्चों में हमेशा संक्रामक बीमारी का खतरा बना रहता है.

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विद्यालय के मैदान में जलभराव

गंदे पानी ने किया जीना मुहाल
दरअसल, बिहारशरीफ के मुरारपुर के उत्क्रमित मध्य विद्यालय के मैदान में जलभराव के कारण बच्चों से लेकर शिक्षकों तक का जीना मुहाल है. बताया गया है कि विद्यालय का अपना 85 डिसमिल जमीन है, जिसमें 2 से 3 फीट नाले का गंदा पानी जमा रहता है. इस वजह से बच्चों को प्रार्थना करने और खेलने में काफी परेशानी होती है.

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उत्क्रमित मध्य विद्यालय

पानी से मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों का खतरा
इस विद्यालय में वर्ग 1 से लेकर 8 तक की पढ़ाई होती है. करीब 230 बच्चे इस विद्यालय में नामांकित हैं, लेकिन बच्चों के खेलने की सुविधा यहां नहीं है. वहीं, विद्यालय की दीवार भी टूटी हुई है. बड़ा भूभाग होने के कारण भू माफियाओं की भी नजर विद्यालय की जमीन पर है. इतना ही नहीं इस विद्यालय परिसर में छुट्टी के बाद शराबियों और जुआरियों का जमावड़ा भी लग जाता है. वहीं हाल ही में इस विद्यालय के खंडहर नुमा भवन से भारी मात्रा में शराब भी बरामद की गई थी. इस गंदगी से बच्चों को मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों का खतरा है. लेकिन प्रशासन इसपर जरा भी ध्यान नहीं देती है.

विद्यालय के मैदान में भरा रहता है गंदा पानी

जिलाधिकारी ने दिया सफाई का आदेश
जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह ने बताया कि फिलहाल गंदे पानी को निकालने की व्यवस्था के लिए आदेश दे दिए गए हैं. इस विद्यालय में नाले का पानी जमा ना हो इसके लिए उपाय भी निकाले जाएंगे. वहीं, यहां पानी जमा होने के कारण जल संचय को लेकर क्या स्थिति बन सकती है, उस पर भी विचार किया जाएगा.

नालंदा: जिले के बिहारशरीफ के उत्क्रमित मध्य विद्यालय में जलभराव बच्चों के लिए बीमारी का कारण बनता नजर आ रहा है. इस विद्यालय के खेल मैदान में नाली का गंदा पानी जमा रहता है. ये स्थिति पूरे साल बनी रहती है. लेकिन अब तक इस दिशा में कोई पहल नहीं की गई है. इस कारण बच्चों में हमेशा संक्रामक बीमारी का खतरा बना रहता है.

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विद्यालय के मैदान में जलभराव

गंदे पानी ने किया जीना मुहाल
दरअसल, बिहारशरीफ के मुरारपुर के उत्क्रमित मध्य विद्यालय के मैदान में जलभराव के कारण बच्चों से लेकर शिक्षकों तक का जीना मुहाल है. बताया गया है कि विद्यालय का अपना 85 डिसमिल जमीन है, जिसमें 2 से 3 फीट नाले का गंदा पानी जमा रहता है. इस वजह से बच्चों को प्रार्थना करने और खेलने में काफी परेशानी होती है.

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उत्क्रमित मध्य विद्यालय

पानी से मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों का खतरा
इस विद्यालय में वर्ग 1 से लेकर 8 तक की पढ़ाई होती है. करीब 230 बच्चे इस विद्यालय में नामांकित हैं, लेकिन बच्चों के खेलने की सुविधा यहां नहीं है. वहीं, विद्यालय की दीवार भी टूटी हुई है. बड़ा भूभाग होने के कारण भू माफियाओं की भी नजर विद्यालय की जमीन पर है. इतना ही नहीं इस विद्यालय परिसर में छुट्टी के बाद शराबियों और जुआरियों का जमावड़ा भी लग जाता है. वहीं हाल ही में इस विद्यालय के खंडहर नुमा भवन से भारी मात्रा में शराब भी बरामद की गई थी. इस गंदगी से बच्चों को मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों का खतरा है. लेकिन प्रशासन इसपर जरा भी ध्यान नहीं देती है.

विद्यालय के मैदान में भरा रहता है गंदा पानी

जिलाधिकारी ने दिया सफाई का आदेश
जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह ने बताया कि फिलहाल गंदे पानी को निकालने की व्यवस्था के लिए आदेश दे दिए गए हैं. इस विद्यालय में नाले का पानी जमा ना हो इसके लिए उपाय भी निकाले जाएंगे. वहीं, यहां पानी जमा होने के कारण जल संचय को लेकर क्या स्थिति बन सकती है, उस पर भी विचार किया जाएगा.

Intro:नालंदा। बिहारशरीफ के उत्क्रमित मध्य विद्यालय मुरारपुर में बच्चों के के लिए बीमारी का कारण बनता नजर आ रहा है। इस विद्यालय के खेल मैदान में नाली का गंदा पानी जमा रहता है। यह स्थिति पूरे साल बनी रहती है लेकिन अब तक इस दिशा में कोई पहल नहीं की गई है जिसके कारण बच्चों में हमेशा संक्रामक बीमारी का खतरा बना रहता है ।
वर्ग 1 से लेकर 8 तक इस विद्यालय में पढ़ाई का काम होता है करीब 230 बच्चे इस विद्यालय में नामांकित है लेकिन बच्चों के खेलने की सुविधा यहां नहीं है। इतना ही नहीं विद्यालय का चारदीवारी पूरी तरह टूटा हुआ है जिसके कारण शहर के निकलने वाले नाले का गंदा पानी इस विद्यालय परिसर में जमा हो जाता है। यहां बना शौचालय भी नाले के गंदा पानी के कारण बच्चे द्वारा उपयोग नहीं किया जा सकता है।


Body:बताया जाता है कि विद्यालय का अपना 85 डिसमिल जमीन है जिसमें 2 से 3 फीट नाले का गंदा पानी जमा रहता है । बच्चों को प्रार्थना करने और खेलने में नहीं बन पाता है । चारदीवारी पूरी तरह से टूटा हुआ है। बड़ा भूभाग होने का कारण भू माफियाओं की भी नजर इस विद्यालय परिसर पर लगा हुआ है और धीरे-धीरे इस पर कब्जा करने की भी कोशिश की जा रही है । इतना ही नहीं इस विद्यालय परिसर के छुट्टी के बाद शराबी और नशेड़ी ओं का जमावड़ा भी हो जाता है। हाल ही में इस विद्यालय के खंडहर नुमा भवन से भारी मात्रा में शराब भी बरामद किया गया था।
जिलाधिकारी ने बताया कि फिलहाल गंदा पानी को निकालने की व्यवस्था के लिए आदेश दे दिया गया है । इस विद्यालय में नाले का पानी जमा ना हो इसके लिए उपाय निकाले जाएंगे । वहीं यहां पानी जमा होने के कारण जल संचय की लेकर क्या स्थिति बन सकती हो उस पर भी विचार किया जाएगा।
बाइट। गुंजा कुमारी, छात्रा
बाइट। संध्या कुमारी प्राचार्य
बाइट। दिलीप कुमार, वार्ड पार्षद
बाइट। योगेंद्र सिंह, जिलाधिकारी, नालंदा


Conclusion:
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