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नालंदा: कोरोना को लेकर अब मॉर्निंग में चलेगा कोर्ट, अधिवक्ताओं ने की कोर्ट बंद करने की मांग

अधिवक्ताओं का कहना है कि न्यायालय खुला रहने पर लोगों का आवागमन जारी रहेगा. इसलिए बेहतर होगा कि न्यायालय को बंद कर दिया जाए, ताकि लोगों का आवागमन ना हो सके और इस महामारी से लोगों को बचाया जा सके.

नालंदा
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Published : Mar 18, 2020, 1:48 PM IST

नालंदा: कोरोना वायरस को लेकर न्यायालय के कामकाज पर भी असर देखने को मिल रहा है. इस महामारी से बचने के लिए न्यायालय के कामकाज के समय में भी परिवर्तन किया गया है. बुधवार से बिहारशरीफ व्यवहार न्यायालय का कार्यालय सुबह 6:30 बजे खोल दिया गया. जहां सुबह 7:00 बजे से कामकाज शुरू हो गया.

कार्यालय में 9:30 बजे से 10 बजे तक भोजन का समय रखा गया है. वहीं, एक बजे न्यायालय को बंद करने की बात कही गई. वैसे हर वर्ष सुबह का सत्र अप्रैल माहीने के पहले सोमवार से जून तक हुआ करता था. इस बार भी वैसा ही अनुमान था, लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए ये निर्णय लिया गया है.

nalanda
न्यायालय परिसर

जमानत अर्जी नहीं होगी खारिज
कोरोना वायरस को लेकर उच्च न्यायालय के आदेशानुसार 31 मार्च तक सिर्फ जमानत अर्जी पर ही सुनवाई होगी. अति आवश्यक कार्य के अलावा किसी भी प्रकार की सुनवाई मसलन गवाही, बहस, मूविंग या अन्य कार्य नहीं होंगे. आरोपितों को इस अवधि तक संदेह उपस्थिति के लिए न्यायालय में बाध्यता नहीं होगी. इस अवधि में उपस्थिति नहीं देने पर भी उनकी जमानत अर्जी खारिज नहीं होगी.

देखें पूरी रिपोर्ट

खान-पान की दुकानों को बंद रखने का आदेश
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की व्यवस्था होने पर ही विचाराधीन कैदियों की सुनवाई होगी. न्यायालय परिसर के अंतर्गत सभी प्रकार के व्यवसायिक प्रतिष्ठान को बंद करने का आदेश दिया गया. जिसके तहत सभी होटल, चाय, नाश्ते की दुकान और गुमटी सभी को अगले आदेश तक बंद रखने का आदेश दिया गया है, ताकि लोगों को एक जगह जमा होने से रोका जा सके.

महामारी से बचाया जा सके
अधिवक्ताओं का कहना है कि न्यायालय खुले रहने पर लोगों का आवागमन जारी रहेगा. इसलिए बेहतर होगा कि न्यायालय को बंद कर दिया जाए, ताकि लोगों का आवागमन ना हो सके और इस महामारी से लोगों को बचाया जा सके.

नालंदा: कोरोना वायरस को लेकर न्यायालय के कामकाज पर भी असर देखने को मिल रहा है. इस महामारी से बचने के लिए न्यायालय के कामकाज के समय में भी परिवर्तन किया गया है. बुधवार से बिहारशरीफ व्यवहार न्यायालय का कार्यालय सुबह 6:30 बजे खोल दिया गया. जहां सुबह 7:00 बजे से कामकाज शुरू हो गया.

कार्यालय में 9:30 बजे से 10 बजे तक भोजन का समय रखा गया है. वहीं, एक बजे न्यायालय को बंद करने की बात कही गई. वैसे हर वर्ष सुबह का सत्र अप्रैल माहीने के पहले सोमवार से जून तक हुआ करता था. इस बार भी वैसा ही अनुमान था, लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए ये निर्णय लिया गया है.

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न्यायालय परिसर

जमानत अर्जी नहीं होगी खारिज
कोरोना वायरस को लेकर उच्च न्यायालय के आदेशानुसार 31 मार्च तक सिर्फ जमानत अर्जी पर ही सुनवाई होगी. अति आवश्यक कार्य के अलावा किसी भी प्रकार की सुनवाई मसलन गवाही, बहस, मूविंग या अन्य कार्य नहीं होंगे. आरोपितों को इस अवधि तक संदेह उपस्थिति के लिए न्यायालय में बाध्यता नहीं होगी. इस अवधि में उपस्थिति नहीं देने पर भी उनकी जमानत अर्जी खारिज नहीं होगी.

देखें पूरी रिपोर्ट

खान-पान की दुकानों को बंद रखने का आदेश
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की व्यवस्था होने पर ही विचाराधीन कैदियों की सुनवाई होगी. न्यायालय परिसर के अंतर्गत सभी प्रकार के व्यवसायिक प्रतिष्ठान को बंद करने का आदेश दिया गया. जिसके तहत सभी होटल, चाय, नाश्ते की दुकान और गुमटी सभी को अगले आदेश तक बंद रखने का आदेश दिया गया है, ताकि लोगों को एक जगह जमा होने से रोका जा सके.

महामारी से बचाया जा सके
अधिवक्ताओं का कहना है कि न्यायालय खुले रहने पर लोगों का आवागमन जारी रहेगा. इसलिए बेहतर होगा कि न्यायालय को बंद कर दिया जाए, ताकि लोगों का आवागमन ना हो सके और इस महामारी से लोगों को बचाया जा सके.

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