नालंदा: सरकार ग्रामीण बच्चों को बेहतर पठन-पाठन मुहैया कराने के लिए आंगनबाड़ी केंद्र चला रही है. लेकिन, इन आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बिहार शरीफ के शहरी इलाके में स्थित एक जर्जर भवन में आंगनबाड़ी केंद्र चलाया जा रहा है.
इन आंगनबाड़ी केंद्रों में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है. बच्चों के साथ-साथ यहां पदास्थापित आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
जर्जर अवस्था में पड़ा भवन
खंडरनुमा भवन में चल रहा यह आंगनबाड़ी केंद्र हादसों को न्योता देता है. यहां के दरवाजे खिड़कियां सब टूटे हुए हैं. यहां बच्चों के लिए पानी तथा शौचालय की भी व्यवस्था नहीं है. वहीं दूसरी ओर दरवाजा नहीं रहने के कारण इस आंगनबाड़ी केंद्र का कमरा शराबियों और जुआरियों का अड्डा बन गया है. जिससे इस केंद्र में काम करने वाली शिक्षिकाएं भय के साये में जीने को मजबूर हैं.
शराबियों से हो रही पेरशानी
शराबी यहां आकर नशा करते हैं और फिर बोतलें छोड़कर चले जाते हैं. सुबह बच्चे आकर उन गंदी बोतलों से खेलते हैं. कांच होने के कारण हमेशा खतरा बना रहता है. सुबह केंद्र की सेविका और सहायिका आकर इन शराब की बोतलों को हटाने का काम करती हैं.
शिकायत के बावजूद नहीं लिया जा रहा संज्ञान
सेविका का कहना है कि इस समस्या के संबंध में विभाग को कई बार सूचित किया गया है, लेकिन अब तक कोई सुध नहीं ली गई है. उन्होंने यह भी बताया कि शराब के अड्डे की तरह प्रयोग किए जाने पर भी पुलिस में मौखिक रूप से शिकायत की गई है. लेकिन अब तक पुलिस की ओर से भी कोई संज्ञान नहीं लिया गया है. जिस कारण शराबियों का मनोबल बढ़ता जा रहा है.