नालंदाः ज्ञान की धरती नालंदा अब साइबर अपराधियों की धरती के तौर पर जाना व पहचाना जाने लगा है. कतरीसराय थाना की पुलिस ने साइबर ठगी के मामले में 4 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है. ये लोग प्रधानमंत्री मुद्रा और कुसुम योजना के तहत लोगों को लाभ दिलाने के नाम पर ठगी करते थे. सभी के खिलाफ आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है. पुलिस ने लोगों से अपील की है कि लुभावने विज्ञापनों से बचें और संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी तुरंत पुलिस को दें.
कैसे करता था ठगीः राजगीर डीएसपी सुनील कुमार ने सोमवार को प्रेसवार्ता कर इस गरिफ्तारी के बारे में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने बताया कि ये लोग विभिन्न योजनाओं का सोशल मीडिया पर विज्ञापन डालते थे. फिर सस्ते दामों में उपलब्ध कराने का झांसा देकर ठगी करते थे. साइबर सेल की पुलिस ने विभिन्न राज्यों से धोखाधड़ी की शिकायत मिलने पर जांच कर इन आरोपियों की गिरफ्तार किया है. इनसे पूछताछ की जा रही है.
कैसे किया गया गिरफ्तारः पुलिस अधीक्षक भारत सोनी के आदेशानुसार राजगीर डीएसपी सुनील कुमार सिंह के नेतृत्व में कतरीसराय थानाध्यक्ष सत्यम तिवारी ने अहियाचक से दिवजीत कुमार उर्फ़ देवा, चिराग़ पासवान, विक्की साव और मनोज कुमार के साथ एक नाबालिग को भी पकड़ा है. तीन अपराधी फरार हो गये. इनके पास से ठगी में प्रयुक्त 9 एंड्रॉयड मोबाइल, 6 लैपटॉप, 14 की-पैड मोबाइल फोन, एक प्रिंटर मशीन, 3 एटीएम, दो पासबुक, एक चेकबुक, मोबाइल नंबरों से भरी 9 कॉपी और 1.57 लाख रुपए बरामद किये गये.
"विभिन्न राज्यों से धोखाधड़ी की शिकायत मिलने के साइबर पुलिस ने जांच कर चार अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है. इनके साथ एक नाबालिग भी पकड़ा गया है. तीन अपराधी फरार हो गये. उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है."- सुनील कुमार, राजगीर डीएसपी
इसे भी पढ़ेंः नालंदा पुलिस ने साइबर अपराधी को किया गिरफ्तार, कृषि लोन दिलाने के नाम पर करता था ठगी