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नालंदा: आशा फैसिलेटर ने 12 सूत्री मांगों को लेकर किया प्रदर्शन

नालंदा में अपनी 12 सूत्री मांगों को लेकर आशा फैसिलेटरों ने रेफरल अस्पताल में बुधवार को प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ नारेबाजी करते हुए मांगों को पूरा करने की अपील की.

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आशा फैसिलेटर ने किया प्रदर्शन
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Published : Sep 17, 2020, 12:24 PM IST

नालंदा(अस्थावां): जिले के अस्थावां के रेफरल अस्पताल में बुधवार को आशा फैसिलेटर ने 12 सूत्री मांगों को लेकर प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. आशा कार्यकर्ताओं ने कहा कि गुरुवार से हम अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे.

अनिश्चितकालीन हड़ताल
उन्होंने कहा कि आशा फैसिलेटर को स्थाई कर्मचारी का दर्जा दिया जाए. आशा फैसिलेटर को 21 हजार न्युनतम मानदेय के रुप में मिले और 7 जनवरी के समझौता के तहत 1000 रुपये मानदेय जनवरी 2019 से जोड़कर दिया जाए. इसके साथ ही 1000 रुपये और मैपिंग के नाम पर प्रधान लिपिक, बीसीएम, एकाउंटेट प्रभारी की ओर से 1000 से तीन हजार के रूप में लिया जा रहा है. इस पर रोक लगाने की मांग किया जाय.

आशा कार्यकर्ताओं की मांग
वहीं, कोरोना काल में काम करने वाले सभी कार्यकर्ता को 750 रुपये सहायता राशि दिया जाए. कार्यकर्ताओं ने कहा कि राज्य में कोरोना से आशा की मृत्यु हो जाय तो परिवार को 50 लाख रुपये मुआवजे के रुप में दिया जाय. इसके साथ ही 50 प्रतिशत आशा फैसिलेटर को एएनएम को प्रशिक्षण देकर समानियोजित किया जाए और 50 प्रतिशत आशा फैसिलेटर को वीसीएम में समानियोजित किया जाए. करोना कार्य करने वाले को सेनेटाइजर, मास्क और अन्य सुविधायें भी दिया जाए.

नालंदा(अस्थावां): जिले के अस्थावां के रेफरल अस्पताल में बुधवार को आशा फैसिलेटर ने 12 सूत्री मांगों को लेकर प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. आशा कार्यकर्ताओं ने कहा कि गुरुवार से हम अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे.

अनिश्चितकालीन हड़ताल
उन्होंने कहा कि आशा फैसिलेटर को स्थाई कर्मचारी का दर्जा दिया जाए. आशा फैसिलेटर को 21 हजार न्युनतम मानदेय के रुप में मिले और 7 जनवरी के समझौता के तहत 1000 रुपये मानदेय जनवरी 2019 से जोड़कर दिया जाए. इसके साथ ही 1000 रुपये और मैपिंग के नाम पर प्रधान लिपिक, बीसीएम, एकाउंटेट प्रभारी की ओर से 1000 से तीन हजार के रूप में लिया जा रहा है. इस पर रोक लगाने की मांग किया जाय.

आशा कार्यकर्ताओं की मांग
वहीं, कोरोना काल में काम करने वाले सभी कार्यकर्ता को 750 रुपये सहायता राशि दिया जाए. कार्यकर्ताओं ने कहा कि राज्य में कोरोना से आशा की मृत्यु हो जाय तो परिवार को 50 लाख रुपये मुआवजे के रुप में दिया जाय. इसके साथ ही 50 प्रतिशत आशा फैसिलेटर को एएनएम को प्रशिक्षण देकर समानियोजित किया जाए और 50 प्रतिशत आशा फैसिलेटर को वीसीएम में समानियोजित किया जाए. करोना कार्य करने वाले को सेनेटाइजर, मास्क और अन्य सुविधायें भी दिया जाए.

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