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बोचहां में विकास का हाल, पुल के अभाव में नाव के सहारे वोट डालने पहुंचे ग्रामीण - बोचहां में बूढ़ी गंडक नदी पर नहीं बना पुल

मुजफ्फरपुर के बोचहां विधानसभा उपचुनाव के लिए वोटिंग हो रही है. वहीं, कई सरकारों के आने के बाद भी यहां बूढ़ी गंडक नदी पर पुल नहीं (No Bridge on Budhi Gandak river) बन पाया. जिससे यहां के लोगों को नदी पार करके आना-जाना पड़ता है. यहां के लोगों का कहना है कि उन्होंने इसके लिए सभी से गुहार लगायी, लेकिन किसी ने उनकी नहीं सुनी.

No Bridge on Budhi Gandak river
बोचहां में विकास का हाल
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Published : Apr 12, 2022, 4:25 PM IST

मुजफ्फरपुर: सूबे के नीतीश कुमार अपनी सरकार को सुशासन और विकास की सरकार कहते हैं. बिहार में 17 सालों से नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं. इसके बावजूद कई इलाकों में सड़क और पुल नहीं है. जिससे लोगों को नदी पार कर नाव के सहारे आना-जाना पड़ता (People Cross River by Boat in Muzaffarpur) है. मुजफ्फरपुर जिले के बोचहां विधानसभा उपचुनाव (Bochaha Assembly By Election) के दौरान भी एक ऐसी ही तस्वीर सामने आई है, जो विकास के दावों को चिढ़ाती है. दरअसल बुधनगरा इलाके में मतदान केंद्र नदी के उस पार बनाया गया है. जिससे वोटरों को बूढ़ी गंडक नदी को नाव के सहारे पार कर बूथ पर जाना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें- बोचहां विधानसभा उपचुनाव: कड़ी सुरक्षा के बीच वोटिंग जारी, मतदान केंद्रों पर लगी लंबी कतारें

किसी तरह जीवन काट रहे हैं लोग: स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन के द्वारा अपनी सुविधा के अनुसार नदी के उस पार मतदान केंद्र बनाया गया है. स्थानीय लोगों की आवाज आज तक किसी ने नहीं सुनी चाहे वह किसी की सरकार रही हो. सभी लोग उसी हाल में जी रहे हैं. लोगों को उम्मीद है कि अगर कुछ सरकार चाहती है तो आने-जाने का साधन ठीक कर दे, लेकिन पता नहीं कब गरीबों की आवाज सरकार तक पहुंचेगी.

सभी से गुहार लगाने के बावजूद किसी ने नहीं दिया ध्यान: लोगों का कहना है कि वे अपनी परेशानी कहते-कहते सरकार और संबंधित पदाधिकारियों से थक चुके हैं. सभी से गुहार लगाने के बावजूद इस ओर कोई भी ध्यान नहीं दे रहा. बता दें कि पुल नहीं होने से नाव के सहारे वोट देने जाना, विकास को मुद्दा बनाने वाली सरकारों के लिए यह तस्वीर आईना दिखाने के लिए काफी है. इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां के स्थानीय लोगों को कितनी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है. जनप्रतिनिधि चुनाव जीतने के बाद इनकी खबर भी नहीं लेते.

वे लोग 4 नंबर स्कूल पर वोट देने के लिए जा रहे हैं. तमाम लोग आये, कई विधायक आये और देखकर चले गये. सभी ने आश्वासन दिया कि हो जाएगा, लेकिन पुल के लिए नहीं सोंचे. जिससे उन्हें काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है. बीमारी होने पर और डिलीवरी के समय बहुत दिक्कत होती है और बड़ी मुश्किल से वे अस्पताल ले जाते हैं. कितने लोग डूब गये, लेकिन आज तक पुल नहीं बना. -रीता देवी, स्थानीय

ये भी पढ़ें- -बोचहां विधानसभा उपचुनाव: BJP और RJD के लिए बना प्रतिष्ठा का विषय तो मुकेश सहनी का होगा लिटमस टेस्ट

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मुजफ्फरपुर: सूबे के नीतीश कुमार अपनी सरकार को सुशासन और विकास की सरकार कहते हैं. बिहार में 17 सालों से नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं. इसके बावजूद कई इलाकों में सड़क और पुल नहीं है. जिससे लोगों को नदी पार कर नाव के सहारे आना-जाना पड़ता (People Cross River by Boat in Muzaffarpur) है. मुजफ्फरपुर जिले के बोचहां विधानसभा उपचुनाव (Bochaha Assembly By Election) के दौरान भी एक ऐसी ही तस्वीर सामने आई है, जो विकास के दावों को चिढ़ाती है. दरअसल बुधनगरा इलाके में मतदान केंद्र नदी के उस पार बनाया गया है. जिससे वोटरों को बूढ़ी गंडक नदी को नाव के सहारे पार कर बूथ पर जाना पड़ रहा है.

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किसी तरह जीवन काट रहे हैं लोग: स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन के द्वारा अपनी सुविधा के अनुसार नदी के उस पार मतदान केंद्र बनाया गया है. स्थानीय लोगों की आवाज आज तक किसी ने नहीं सुनी चाहे वह किसी की सरकार रही हो. सभी लोग उसी हाल में जी रहे हैं. लोगों को उम्मीद है कि अगर कुछ सरकार चाहती है तो आने-जाने का साधन ठीक कर दे, लेकिन पता नहीं कब गरीबों की आवाज सरकार तक पहुंचेगी.

सभी से गुहार लगाने के बावजूद किसी ने नहीं दिया ध्यान: लोगों का कहना है कि वे अपनी परेशानी कहते-कहते सरकार और संबंधित पदाधिकारियों से थक चुके हैं. सभी से गुहार लगाने के बावजूद इस ओर कोई भी ध्यान नहीं दे रहा. बता दें कि पुल नहीं होने से नाव के सहारे वोट देने जाना, विकास को मुद्दा बनाने वाली सरकारों के लिए यह तस्वीर आईना दिखाने के लिए काफी है. इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां के स्थानीय लोगों को कितनी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है. जनप्रतिनिधि चुनाव जीतने के बाद इनकी खबर भी नहीं लेते.

वे लोग 4 नंबर स्कूल पर वोट देने के लिए जा रहे हैं. तमाम लोग आये, कई विधायक आये और देखकर चले गये. सभी ने आश्वासन दिया कि हो जाएगा, लेकिन पुल के लिए नहीं सोंचे. जिससे उन्हें काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है. बीमारी होने पर और डिलीवरी के समय बहुत दिक्कत होती है और बड़ी मुश्किल से वे अस्पताल ले जाते हैं. कितने लोग डूब गये, लेकिन आज तक पुल नहीं बना. -रीता देवी, स्थानीय

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