मुजफ्फरपुर: बिहार के गया में भ्रष्ट अधिकारी को गिरफ्तार किया गया (Corrupt Officer arrested In Muzaffarpur) है. जिले के बेला स्थित जिला उद्योग केंद्र से उद्योग विस्तार पदाधिकारी हरीश कुमार को निगरानी विभाग की पटना टीम ने बीस हजार घूस लेते रंगे हाथों धर दबोचा. इस कार्रवाई के बाद उद्योग विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है. निगरानी विभाग की टीम ने घूसखोर अधिकारी को अपने साथ लेकर मुजफ्फरपुर के निगरानी कार्यालय गई जहां कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद अपने साथ लेकर पटना निगरानी मुख्यालय जाएगी.
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उद्योग विभाग के कार्यालय से से हुई गिरफ्तारी: जानकारी के अनुसार, एक उद्यमी नीतीश रंजन को मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के अंतर्गत 10 लाख रुपए की लोन उद्योग विभाग की तरफ से स्वीकृत हुआ था. इसका प्रथम किस्त भुगतान भी किया जा चुका था और दूसरे किस कोई भुगतान के लिए होने से रिश्वत मांगा जा रहा था. इसके बाद इसकी शिकायत पीड़ित ने निगरानी में दर्ज कराई थी. शिकायत के सत्यापन के बाद निगरानी की टीम पहुंची. इसके बाद उद्योग विभाग के बेला स्थित कार्यालय से उद्योग विस्तार पदाधिकारी हरीश कुमार को कार्यालय से गिरफ्तार कर लिया (Vigilance arrested Harish Kumar) गया. निगरानी ने रिश्वत की राशि के साथ रंगे हाथ भ्रष्ट सीओ को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तारी के बाद टीम उसे साथ लेकर पटना लौट गई.
निगरानी विभाग की टीम को मिली थी रिश्वत मांगने की सूचना: वही पूरे मामले पर पूछे जाने पर विजिलेंस के डीएसपी अरुणोदय कुमार ने कहा कि मुजफ्फरपुर के ही कर्जा इलाके के रहने वाले एक उद्यमी नीतीश रंजन को मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के अंतर्गत 10 लाख रुपए की लोन उद्योग विभाग की तरफ से स्वीकृत हुआ था इसका प्रथम किस्त भुगतान भी किया जा चुका था और दूसरे किस कोई भुगतान के लिए होने से रिश्वत मांगा जा रहा था जिसके बाद उक्त व्यक्ति द्वारा इसकी सूचना निगरानी विभाग की टीम को दी गई. जिसका सत्यापन टीम के द्वारा कराई गई तो सही पाया गया इसके आलोक में मामला दर्ज करते हुए निगरानी विभाग की टीम ने ₹20000 घूस लेते हुए उद्योग विभाग के बेला स्थित कार्यालय से उद्योग विस्तार पदाधिकारी हरीश कुमार को गिरफ्तार किया है आगे की कार्रवाई कर कल माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया जाएगा.
"मुजफ्फरपुर के ही कर्जा इलाके के रहने वाले एक उद्यमी नीतीश रंजन को मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के अंतर्गत 10 लाख रुपए की लोन उद्योग विभाग की तरफ से स्वीकृत हुआ था इसका प्रथम किस्त भुगतान भी किया जा चुका था और दूसरे किस कोई भुगतान के लिए होने से रिश्वत मांगी जा रही थी. जिसके बाद उक्त व्यक्ति द्वारा इसकी सूचना निगरानी विभाग की टीम को दी गई. जिसका सत्यापन टीम के द्वारा कराई गई तो सही पाया गया. इसके आलोक में मामला दर्ज करते हुए निगरानी विभाग की टीम ने ₹20000 घूस लेते हुए उद्योग विभाग के बेला स्थित कार्यालय से उद्योग विस्तार पदाधिकारी हरीश कुमार को गिरफ्तार किया है." :- अरुणोदय कुमार, डीएसपी- निगरानी विभाग- पटना
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