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मुजफ्फरपुर: DM कार्यालय में हीटवेव, पेयजल संकट प्रबंधन संबंधी कार्यों की हुई समीक्षा

DM कार्यालय में हीटवेव तथा पेयजल संकट प्रबंधन संबंधी कार्यों की समीक्षा की गई. जिलाधिकारी मुजफ्फरपुर ने संबंधित विभागों के द्वारा किए जा रहे कार्यों की विभागवार समीक्षा की. और पदाधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए.

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Published : Apr 6, 2021, 2:13 PM IST

मुजफ्फरपुर: DM कार्यालय में हीटवेव तथा पेयजल संकट प्रबंधन संबंधी कार्यों की समीक्षा की गई. कार्यपालक अभियंता, पीएचईडी ने बताया की पेयजल संकट के प्रति संवेदनशील क्षेत्र सकरा और मुरौल के जलस्तर में गिरावट को देखते हुए आवश्यक तैयारी कर ली गई है. 9 जल टैंकरों के माध्यम से जल उपलब्ध कराने की तैयारी की गई है. जिले में वर्तमान में 47,1001 चापाकल चालू है तथा खराब चापाकलों की मरम्मती युद्ध स्तर पर 16 मोबाइल चापाकल मरम्मत दल टीम द्वारा की जा रही है.

आपात परिस्थिति के लिए 150 नए चापाकल विभाग द्वारा स्वीकृत किया गया है. जिसकी निविदा प्रक्रिया जारी है. जिलाधिकारी ने कार्यपालक अभियंता पीएचईडी को निर्देश दिया कि जल स्तर की नियमित निगरानी करें. और संवेदनशील क्षेत्रों में जलापूर्ति करना सुनिश्चित करें. नियंत्रण कक्ष स्थापित कर मरम्मती मोबाइल टीम के माध्यम से खराब चापाकलों को मरम्मत करना सूचित करें.

ये भी पढ़ें -ग्राउंड रिपोर्ट: मुजफ्फरपुर में 1 हजार करोड़ का शहद कारोबार 100 करोड़ में सिमटा, जानें वजह

रोस्टरवार पाइप लाइन से सभी वार्डों में हो रहा है जल आपूर्ति
उपनगर आयुक्त नगर निगम मुजफ्फरपुर ने बताया कि नगर निगम द्वारा संवेदनशील क्षेत्रों में विशेषकर बूढ़ी गंडक नदी के तटवर्ती और सिकंदरपुर के निकटवर्ती क्षेत्र में जल टैंकरों के माध्यम से जलापूर्ति सुनिश्चित की जा रही है और रोस्टरवार पाइप लाइन से जल आपूर्ति सभी वार्डों में किया जा रहा है. कुछ वार्डों में पाइप लाइन मरम्मती का कार्य चल रहा है. वहां टैंकरों के माध्यम से जल आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है. जिलाधिकारी ने नगर निगम और नगर पंचायत के पदाधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर शेड, पेयजल, जल प्याऊ व जन सुविधाएं उपलब्ध करना सुनिश्चित करें. ताकि नगरीय क्षेत्र में आम लोगों को किसी भी प्रकार की समस्या गर्मी के मौसम में ना हो.

गर्मी में पशुओं और जीव-जंतुओं को पेयजल उपलब्ध कराने की तैयारी
कार्यपालक अभियंता लघु सिंचाई ने बताया कि राजकीय नलकूप योजना के तहत कुल 461 नलकूप स्वीकृत हैं. जिसमें से 214 चालू है और बाकी की मरमती युद्ध स्तर पर की जा रही है. जिलाधिकारी ने कहा कि नलकूपों के माध्यम से तालाबों और जल स्रोतों में जल दोबारा भरनाा सुनिश्चित करें. ताकि गर्मी के दौरान पशुओं और जीव जंतुओं को पेयजल उपलब्ध हो. साथ ही फायर हाइड्रेंट के रूप में इनका उपयोग फायर टेंडर में जल पुनर्भरण करने हेतु किया जा सके.

मुजफ्फरपुर: DM कार्यालय में हीटवेव तथा पेयजल संकट प्रबंधन संबंधी कार्यों की समीक्षा की गई. कार्यपालक अभियंता, पीएचईडी ने बताया की पेयजल संकट के प्रति संवेदनशील क्षेत्र सकरा और मुरौल के जलस्तर में गिरावट को देखते हुए आवश्यक तैयारी कर ली गई है. 9 जल टैंकरों के माध्यम से जल उपलब्ध कराने की तैयारी की गई है. जिले में वर्तमान में 47,1001 चापाकल चालू है तथा खराब चापाकलों की मरम्मती युद्ध स्तर पर 16 मोबाइल चापाकल मरम्मत दल टीम द्वारा की जा रही है.

आपात परिस्थिति के लिए 150 नए चापाकल विभाग द्वारा स्वीकृत किया गया है. जिसकी निविदा प्रक्रिया जारी है. जिलाधिकारी ने कार्यपालक अभियंता पीएचईडी को निर्देश दिया कि जल स्तर की नियमित निगरानी करें. और संवेदनशील क्षेत्रों में जलापूर्ति करना सुनिश्चित करें. नियंत्रण कक्ष स्थापित कर मरम्मती मोबाइल टीम के माध्यम से खराब चापाकलों को मरम्मत करना सूचित करें.

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रोस्टरवार पाइप लाइन से सभी वार्डों में हो रहा है जल आपूर्ति
उपनगर आयुक्त नगर निगम मुजफ्फरपुर ने बताया कि नगर निगम द्वारा संवेदनशील क्षेत्रों में विशेषकर बूढ़ी गंडक नदी के तटवर्ती और सिकंदरपुर के निकटवर्ती क्षेत्र में जल टैंकरों के माध्यम से जलापूर्ति सुनिश्चित की जा रही है और रोस्टरवार पाइप लाइन से जल आपूर्ति सभी वार्डों में किया जा रहा है. कुछ वार्डों में पाइप लाइन मरम्मती का कार्य चल रहा है. वहां टैंकरों के माध्यम से जल आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है. जिलाधिकारी ने नगर निगम और नगर पंचायत के पदाधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर शेड, पेयजल, जल प्याऊ व जन सुविधाएं उपलब्ध करना सुनिश्चित करें. ताकि नगरीय क्षेत्र में आम लोगों को किसी भी प्रकार की समस्या गर्मी के मौसम में ना हो.

गर्मी में पशुओं और जीव-जंतुओं को पेयजल उपलब्ध कराने की तैयारी
कार्यपालक अभियंता लघु सिंचाई ने बताया कि राजकीय नलकूप योजना के तहत कुल 461 नलकूप स्वीकृत हैं. जिसमें से 214 चालू है और बाकी की मरमती युद्ध स्तर पर की जा रही है. जिलाधिकारी ने कहा कि नलकूपों के माध्यम से तालाबों और जल स्रोतों में जल दोबारा भरनाा सुनिश्चित करें. ताकि गर्मी के दौरान पशुओं और जीव जंतुओं को पेयजल उपलब्ध हो. साथ ही फायर हाइड्रेंट के रूप में इनका उपयोग फायर टेंडर में जल पुनर्भरण करने हेतु किया जा सके.

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