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पेट में शीशे का गिलास.. देखते ही डॉक्टर का चकरा गया माथा, जानें क्या है पूर मामला

मुजफ्फरपुर में डॉक्टरों ने ऑपरेशन के दौरान एक व्यक्ति के पेट से कांच का गिलास निकाला है. मामला मुजफ्फरपुर शहर के माडीपुर इलाका स्थित एक निजी अस्पताल का है. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Feb 21, 2022, 8:12 AM IST

Updated : Feb 21, 2022, 9:00 AM IST

Removed Glass From Person Stomach After operation in Muzaffarpur
Removed Glass From Person Stomach After operation in Muzaffarpur

पटना: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में चिकित्सकों के एक दल ने ऑपरेशन के दौरान 55 वर्षीय व्यक्ति के पेट से कांच का गिलास निकाला (Removed Glass From Person Stomach) है. अस्पताल प्रबंधन ने यह जानकारी दी. प्रबंधन के मुताबिक, मरीज कब्ज और तेज पेटदर्द की शिकायत लेकर मुजफ्फरपुर शहर के माडीपुर इलाका स्थित एक निजी अस्पताल पहुंचा था और डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर उसके पेट से कांच का गिलास निकाला है.

यह भी पढ़ें - मधेपुरा में ऑपरेशन के दौरान महिला के पेट में छोड़ दिया था सर्जिकल सामान, डॉक्टर और अस्पताल पर केस दर्ज

देखें वीडियो

वैशाली जिले के महुआ क्षेत्र निवासी मरीज का ऑपरेशन करने वाले चिकित्सकों की टीम का नेतृत्व करने वाले डॉ. महमुदुल हसन ने बताया कि उक्त मरीज के अल्ट्रासाउंड और एक्सरे रिपोर्ट से पता चला था कि उसकी आंतों में कुछ गंभीर गड़बड़ी थी. मीडिया के साथ ऑपरेशन और उससे पहले लिए गए एक्सरे का एक वीडियो फुटेज साझा करते हुए हसन ने कहा, ‘कांच का गिलास उक्त मरीज के शरीर के भीतर कैसे पहुंचा, यह अभी तक एक रहस्य बना हुआ है.’

डॉ. महमुदुल हसन ने कहा, ‘जब हमने पूछा तो मरीज ने कहा कि उसने चाय पीते समय गिलास निगल लिया है. हालांकि, यह कोई ठोस व्याख्या नहीं है। इंसान की भोजन नली ऐसी किसी वस्तु के प्रवेश करने के लिए बहुत संकरी है.’

हसन के मुताबिक, शुरू में एक एंडोस्कोपिक प्रक्रिया के जरिये कांच के गिलास को मलाशय से बाहर निकालने का प्रयास किया गया था, लेकिन इसमें कामयाबी नहीं मिली, लिहाजा हमें ऑपरेशन करना पड़ा और मरीज की आंत की दीवार चीरकर गिलास निकालना पड़ा.

डॉ. महमुदुल हसन ने कहा, ‘उक्त मरीज अब स्थिर है. ठीक होने में समय लगने की संभावना है, क्योंकि सर्जरी के बाद मलाशय को ठीक कर दिया गया है और एक फिस्टुलर ओपनिंग बनाई गई है, जिसके माध्यम से वह मलत्याग कर सकता है.’

हसन के अनुसार, कुछ महीनों में मरीज के पेट के ठीक होने की उम्मीद है, जिसके बाद हम फिस्टुला को बंद कर देंगे और उसकी आंतें सामान्य रूप से काम करने लगेंगी. हालांकि, ऑपरेशन के बाद मरीज को होश आ गया था, लेकिन न तो वह और न ही उसके परिवार के सदस्य मीडिया से बात करने को तैयार थे.

(भाषा इनपुट)

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डॉ. महमुदुल हसन ने कहा, ‘जब हमने पूछा तो मरीज ने कहा कि उसने चाय पीते समय गिलास निगल लिया है. हालांकि, यह कोई ठोस व्याख्या नहीं है। इंसान की भोजन नली ऐसी किसी वस्तु के प्रवेश करने के लिए बहुत संकरी है.’

हसन के मुताबिक, शुरू में एक एंडोस्कोपिक प्रक्रिया के जरिये कांच के गिलास को मलाशय से बाहर निकालने का प्रयास किया गया था, लेकिन इसमें कामयाबी नहीं मिली, लिहाजा हमें ऑपरेशन करना पड़ा और मरीज की आंत की दीवार चीरकर गिलास निकालना पड़ा.

डॉ. महमुदुल हसन ने कहा, ‘उक्त मरीज अब स्थिर है. ठीक होने में समय लगने की संभावना है, क्योंकि सर्जरी के बाद मलाशय को ठीक कर दिया गया है और एक फिस्टुलर ओपनिंग बनाई गई है, जिसके माध्यम से वह मलत्याग कर सकता है.’

हसन के अनुसार, कुछ महीनों में मरीज के पेट के ठीक होने की उम्मीद है, जिसके बाद हम फिस्टुला को बंद कर देंगे और उसकी आंतें सामान्य रूप से काम करने लगेंगी. हालांकि, ऑपरेशन के बाद मरीज को होश आ गया था, लेकिन न तो वह और न ही उसके परिवार के सदस्य मीडिया से बात करने को तैयार थे.

(भाषा इनपुट)

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Last Updated : Feb 21, 2022, 9:00 AM IST
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