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बिहार : थाने में घुसा बाढ़ का पानी, ड्यूटी पर आने-जाने के लिए चल रही है नाव - बिहार न्यूज

बाढ़ का पानी थाना में घुसने की जानकारी थानाध्यक्ष ने वरीय अधिकारियों को दे दी है. लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. वहीं, थाने में आवागमन के लिए समुचित व्यवस्था भी नहीं की गई है.

Police Station Submerged In Flood Water in Muzaffarpur
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Published : Jul 24, 2019, 8:25 PM IST

मुजफ्फरपुर: बिहार में बाढ़-बारिश की वजह से हालात बदतर हो गए हैं. दरभंगा, मधुबनी, पूर्णिया सहित कई जिलों में आलम ये है कि बाढ़ पीड़ितों ने सड़क पर अपना अशियाना बना लिया है. हर तरफ इतना पानी भर गया है कि लोग नेशनल हाइवे पर रहने को मजबूर हैं.

इस बीच, बिहार के मुजफ्फरपुर से एक तस्वीर आई है, यहां अहियापुर थाना परिसर और आसपास के इलाका पानी में डूब गया है. मकान के निचले हिस्से में चार फीट तक पानी जमा है. ऐसे में आम लोगों के साथ-साथ पुलिस वालों को भी थाने में जाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है.

Police Station Submerged In Flood Water in Muzaffarpur
थाने जाती महिला पुलिसकर्मी

आने-जाने के लिए चल रही है नाव
दरअसल, जिले में बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. नदी का पानी तेजी से शहर के निचले इलाकों में फैल गया. ऐसे में जीरोमाइल स्थित अहियापुर थाना और उसके आसपास का इलाका बाढ़ के कारण डूब गया. जिसके बाद पुलिस पदाधिकारी और आम लोगों को थाना जाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है.

साहब! को खबर दे दी है, लेकिन...
अहियापुर थाना के प्रभारी नरेंद्र कुमार ने कहा कि पुलिस पदाधिकारियों के साथ आम लोगों को भी नाव का सहारा लेना पड़ रहा है, जिसके चलते थाने आने वाले आम लोगों को काफी परेशानी हो रही है. उन्होंने कहा, 'बाढ़ के कारण काम बंद नहीं किया जा सकता. बाढ़ के पानी से थाना परिसर के डूबने के चलते बहुत परेशानी हो रही है. आम लोगों को भी यहां आने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जिला प्रशासन द्वारा पुलिसकर्मियों के लिए एक नाव उपलब्ध करवाई गई है, जिसकी मदद से पुलिसकर्मी थाने आ जा रहे हैं.'

थाने में घुसा पानी, देखिए वीडियो

बाढ़ का पानी थाना में घुसने की जानकारी थानाध्यक्ष ने वरीय अधिकारियों को दे दी है. लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. वहीं, थाने में आवागमन के लिए समुचित व्यवस्था भी नहीं की गई है.

नाव में छेद, हादसे की आशंका
वहीं, काम करवाने के लिए जाने वाले फरियादियों का कहना है कि बाढ़ के कारण काफी परेशानी हो रही है. जान जोखिम में डाल कर थाने पहुंच रहे हैं. थाना के तरफ से एक नाव की व्यवस्था की गई है. उसमें भी छेद है. आते-जाते वक्त-वक्त डर सताता है कि हादसा न हो जाए.

बता दें कि कि मुजफ्फरपुर जिले के नौ प्रखंडों के 75 ग्राम पंचायतों में बाढ़ का पानी फैला हुआ है, जिससे करीब 3.50 लाख की आबादी प्रभावित है.

बिहार बाढ़ से बेहाल, 77 लाख लोग प्रभावित
बिहार के 12 जिले बाढ़ से बेहाल हैं. जलग्रहण क्षेत्रों और नेपाल के तराई क्षेत्रों में हुई बारिश के बाद बाढ़ प्रभावित इलाकों की स्थिति और बिगड़ गई है. बिहार में कई प्रमुख नदियां अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. सरकार बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत कार्य चलाने का दावा कर रही है.

ये नदियां उफान पर...
कोसी के जलस्तर में वीरपुर बैराज के पास कमी आई है, लेकिन बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान, अधवारा समूह की नदियां, खिरोई तथा महानंदा कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. इस बीच आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक, बिहार के 12 जिले- शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, दरभंगा, सहरसा, सुपौल, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया एवं कटिहार में अब तक बाढ़ से 104 लोगों की मौत हुई है, जबकि 77 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं.

मुजफ्फरपुर: बिहार में बाढ़-बारिश की वजह से हालात बदतर हो गए हैं. दरभंगा, मधुबनी, पूर्णिया सहित कई जिलों में आलम ये है कि बाढ़ पीड़ितों ने सड़क पर अपना अशियाना बना लिया है. हर तरफ इतना पानी भर गया है कि लोग नेशनल हाइवे पर रहने को मजबूर हैं.

इस बीच, बिहार के मुजफ्फरपुर से एक तस्वीर आई है, यहां अहियापुर थाना परिसर और आसपास के इलाका पानी में डूब गया है. मकान के निचले हिस्से में चार फीट तक पानी जमा है. ऐसे में आम लोगों के साथ-साथ पुलिस वालों को भी थाने में जाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है.

Police Station Submerged In Flood Water in Muzaffarpur
थाने जाती महिला पुलिसकर्मी

आने-जाने के लिए चल रही है नाव
दरअसल, जिले में बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. नदी का पानी तेजी से शहर के निचले इलाकों में फैल गया. ऐसे में जीरोमाइल स्थित अहियापुर थाना और उसके आसपास का इलाका बाढ़ के कारण डूब गया. जिसके बाद पुलिस पदाधिकारी और आम लोगों को थाना जाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है.

साहब! को खबर दे दी है, लेकिन...
अहियापुर थाना के प्रभारी नरेंद्र कुमार ने कहा कि पुलिस पदाधिकारियों के साथ आम लोगों को भी नाव का सहारा लेना पड़ रहा है, जिसके चलते थाने आने वाले आम लोगों को काफी परेशानी हो रही है. उन्होंने कहा, 'बाढ़ के कारण काम बंद नहीं किया जा सकता. बाढ़ के पानी से थाना परिसर के डूबने के चलते बहुत परेशानी हो रही है. आम लोगों को भी यहां आने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जिला प्रशासन द्वारा पुलिसकर्मियों के लिए एक नाव उपलब्ध करवाई गई है, जिसकी मदद से पुलिसकर्मी थाने आ जा रहे हैं.'

थाने में घुसा पानी, देखिए वीडियो

बाढ़ का पानी थाना में घुसने की जानकारी थानाध्यक्ष ने वरीय अधिकारियों को दे दी है. लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. वहीं, थाने में आवागमन के लिए समुचित व्यवस्था भी नहीं की गई है.

नाव में छेद, हादसे की आशंका
वहीं, काम करवाने के लिए जाने वाले फरियादियों का कहना है कि बाढ़ के कारण काफी परेशानी हो रही है. जान जोखिम में डाल कर थाने पहुंच रहे हैं. थाना के तरफ से एक नाव की व्यवस्था की गई है. उसमें भी छेद है. आते-जाते वक्त-वक्त डर सताता है कि हादसा न हो जाए.

बता दें कि कि मुजफ्फरपुर जिले के नौ प्रखंडों के 75 ग्राम पंचायतों में बाढ़ का पानी फैला हुआ है, जिससे करीब 3.50 लाख की आबादी प्रभावित है.

बिहार बाढ़ से बेहाल, 77 लाख लोग प्रभावित
बिहार के 12 जिले बाढ़ से बेहाल हैं. जलग्रहण क्षेत्रों और नेपाल के तराई क्षेत्रों में हुई बारिश के बाद बाढ़ प्रभावित इलाकों की स्थिति और बिगड़ गई है. बिहार में कई प्रमुख नदियां अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. सरकार बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत कार्य चलाने का दावा कर रही है.

ये नदियां उफान पर...
कोसी के जलस्तर में वीरपुर बैराज के पास कमी आई है, लेकिन बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान, अधवारा समूह की नदियां, खिरोई तथा महानंदा कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. इस बीच आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक, बिहार के 12 जिले- शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, दरभंगा, सहरसा, सुपौल, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया एवं कटिहार में अब तक बाढ़ से 104 लोगों की मौत हुई है, जबकि 77 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं.

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