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मुजफ्फरपुर: झूठा निकला बहुचर्चित नाबालिग अपहरण मामला, दोस्त के साथ मिली लड़की

बहुचर्चित दिघरा डकैती कांड और नाबालिग के अपहरण मामले की गुत्थी पुलिस ने गुरुवार को सुलझा दी. वरीय पुलिस अधीक्षक जयंतकांत ने प्रेस वार्ता कर बताया कि पूरी घटना ही झूठी थी.

Muzaffarpur
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Published : Sep 10, 2020, 9:57 PM IST

मुजफ्फरपुर: पुलिस ने आखिरकार बहुचर्चित दिघरा डकैती कांड और नाबालिग के अपहरण मामले की गुत्थी सुलझा दी. मामले की जानकारी देते हुए गुरुवार को वरीय पुलिस अधीक्षक जयंतकांत ने प्रेस वार्ता कर बताया कि पूरी घटना ही झूठी थी. लड़की का अपहरण होने की सूचना पुलिस को 24 घंटे बाद दी गई थी.

एसएसपी ने बताया कि उक्त घटना को लेकर बिहार डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे द्वारा आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए थे. जिसके बाद उनके नेतृत्व में 4 टीमों का गठन किया गया. अपहृता की बरामदगी और अपराधियों की धरपकड़ के लिए जिले में और जिले के बाहर संदिग्ध स्थानों पर छापेमारी शुरू कर दी गई थी.

जांच के बाद सामने आए कई नए पहलु
छापेमारी के दौरान कई संदिग्ध व्यक्तियों से भी आवश्यक पूछताछ की गई और घटना को लेकर तकनीकी पहलुओं की भी जांच की गई. जो वास्तविकता से भिन्न पाई गई थी. जांच में सामने आया कि उक्त घटना 3 सितंबर की रात ना होकर 2 सितंबर की रात में हुई थी. साथ ही अपहृता को बलपूर्वक अपराधियों द्वारा नहीं ले जाया गया था. साथ ही घटना के दिन पीड़ित परिवार के घर में किसी अज्ञात व्यक्ति का प्रवेश नहीं हुआ था. जिसकी पुष्टि एफएसएल कि टीम ने जांच के बाद कर दी.

दिल्ली में अपने दोस्त के साथ मिली अपहृता
वहीं एसएसपी ने बताया कि पूछताछ के क्रम में रिश्तेदारों से पता चला कि तथाकथित अपहृता 2 सितंबर की रात ही घर से निकल गई थी. उन्होंने बताया कि उक्त कांड में डीजीपी द्वारा समय-समय पर लगातार समीक्षा और मार्गदर्शन भी मिलता रहा. वहीं पुलिस टीम को जानकारी मिली कि अपहृता राज्य से बाहर जा चुकी है. जिसके बाद एक विशेष टीम का गठन किया गया. जिसने राज्य के बाहर विभिन्न संदिग्ध जगहों पर जाल बिछाना शुरू किया. पुलिस टीम को विश्वसनीय सूत्रों के माध्यम से जानकारी मिली की अपहृता दिल्ली स्थित वजीराबाद के मकान में है. जिसके बाद टीम ने उक्त स्थल की घेराबंदी कर छापेमारी की. जहां वह अपने दोस्त के साथ मिली. वहीं पुलिस ने बरामदगी के बाद अपहृता का कोर्ट में बयान दर्ज करवाया है.

मुजफ्फरपुर: पुलिस ने आखिरकार बहुचर्चित दिघरा डकैती कांड और नाबालिग के अपहरण मामले की गुत्थी सुलझा दी. मामले की जानकारी देते हुए गुरुवार को वरीय पुलिस अधीक्षक जयंतकांत ने प्रेस वार्ता कर बताया कि पूरी घटना ही झूठी थी. लड़की का अपहरण होने की सूचना पुलिस को 24 घंटे बाद दी गई थी.

एसएसपी ने बताया कि उक्त घटना को लेकर बिहार डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे द्वारा आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए थे. जिसके बाद उनके नेतृत्व में 4 टीमों का गठन किया गया. अपहृता की बरामदगी और अपराधियों की धरपकड़ के लिए जिले में और जिले के बाहर संदिग्ध स्थानों पर छापेमारी शुरू कर दी गई थी.

जांच के बाद सामने आए कई नए पहलु
छापेमारी के दौरान कई संदिग्ध व्यक्तियों से भी आवश्यक पूछताछ की गई और घटना को लेकर तकनीकी पहलुओं की भी जांच की गई. जो वास्तविकता से भिन्न पाई गई थी. जांच में सामने आया कि उक्त घटना 3 सितंबर की रात ना होकर 2 सितंबर की रात में हुई थी. साथ ही अपहृता को बलपूर्वक अपराधियों द्वारा नहीं ले जाया गया था. साथ ही घटना के दिन पीड़ित परिवार के घर में किसी अज्ञात व्यक्ति का प्रवेश नहीं हुआ था. जिसकी पुष्टि एफएसएल कि टीम ने जांच के बाद कर दी.

दिल्ली में अपने दोस्त के साथ मिली अपहृता
वहीं एसएसपी ने बताया कि पूछताछ के क्रम में रिश्तेदारों से पता चला कि तथाकथित अपहृता 2 सितंबर की रात ही घर से निकल गई थी. उन्होंने बताया कि उक्त कांड में डीजीपी द्वारा समय-समय पर लगातार समीक्षा और मार्गदर्शन भी मिलता रहा. वहीं पुलिस टीम को जानकारी मिली कि अपहृता राज्य से बाहर जा चुकी है. जिसके बाद एक विशेष टीम का गठन किया गया. जिसने राज्य के बाहर विभिन्न संदिग्ध जगहों पर जाल बिछाना शुरू किया. पुलिस टीम को विश्वसनीय सूत्रों के माध्यम से जानकारी मिली की अपहृता दिल्ली स्थित वजीराबाद के मकान में है. जिसके बाद टीम ने उक्त स्थल की घेराबंदी कर छापेमारी की. जहां वह अपने दोस्त के साथ मिली. वहीं पुलिस ने बरामदगी के बाद अपहृता का कोर्ट में बयान दर्ज करवाया है.

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