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Flood in Muzaffarpur : बाढ़ के कारण कई गांव जलमग्न, ऊंची जगहों पर शरण लेने के लिए लोगों का पलायन

बागमती नदी का जलस्तर (Water Level of Bagmati River) बढ़ने के कारण मुजफ्फरपुर के कई गांव जलमग्न हो गए हैं. घरों में भी पानी भर जाने के कारण लोग पलायन करने को मजबूर हैं और ऊंचे स्थानों पर शरण ले रहे हैं.

बाढ़
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Published : Jul 4, 2021, 7:47 PM IST

मुजफ्फरपुर: पिछले कई दिनों से हुई तेज बारिश के कारण बागमती नदी का जलस्तर (Water Level of Bagmati River) बढ़ गया है. जिस वजह से कई गांवों में बाढ़ का पानी (Flood Waters) घुस गया है. मजबूरन लोगों को ऊंची जगहों पर शरण लेना पड़ रहा है. कई जगहों पर लोग बांस-बल्ला लगाकर रहने का जुगाड़ लगा रहे हैं.

ये भी पढ़ें- Muzaffarpur Flood: उफान पर लखनदेई नदी, जान जोखिम में डालकर सड़क पार कर रहे लोग

औराई-कटरा बाढ़ से प्रभावित
जिले के दो प्रखंड औराई और कटरा बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित है. औराई प्रखंड के बभंनगामा में 500 परिवार बाढ़ के पानी से घिर चुके हैं. जिस वजह से लोग ऊंची जगहों पर पलायन कर रहे हैं. कुछ लोग जहां अपने रिश्तेदार के यहां जा रहे हैं तो कुछ लोग बांध के किनारे झोपड़ीनुमा घर बना कर रह रहे हैं.

बाढ़
गांव छोड़कर जाते लोग

बागमती नदी का जलस्तर बढ़ा
स्थानीय लोगों ने बताया कि शनिवार रात से बागमती नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. जिसके बाद बभनगामा गांव पूरी तरह से बाढ़ के पानी से घिर गया है. कई लोगों के घरों में भी पानी घुस गया है. जिस वजह से लोग ऊंचे स्थान पर शरण ले रहे हैं.

गांव में घुसा पानी
वहीं, कटरा के बकूची, अन्दामा, पतारी, नवादा, भवानीपुर और बर्री में भी कई घरों में पानी प्रवेश कर चुका है. चौर के अंदर भी पूरा पानी भरने लगा है. जिसके लेकर लोगों के बीच बाढ़ का दहशत बढ़ गया है. बागमती नदी के लगातार जल स्तर बढ़ने के बाद बकुची और बेनीबाद सड़क पर कई जगहों पर कटाव काफी तेजी से हो रहा है‌. पतारी के स्कूलों में भी पानी प्रवेश कर चुका है.

प्रखंड मुख्यालय से संपर्क टूटा
आपको बताएं कि बागमती नदी के पीपा पुल की दोनों तरफ पानी चढ़ चुका है. लोग जान जोखिम में डालकर आवागमन कर रहे हैं. जिससे 14 पंचायत के लोगों का संपर्क प्रखंड मुख्यालय से कट गया है. बाढ़ के पानी में चचरी पुल ध्वस्त हो गया है. आने-जाने के लिए सिर्फ नाव का ही सहारा लेना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें- ग्राउंड रिपोर्ट: बेतिया का महेशड़ा गांव बना टापू, महादलित बस्ती के लोग दाने-दाने के लिए मोहताज

हर साल बाढ़ की विभिषिका
ग्रामीणों की मानें तो गांव में हर साल बाढ़ आती है, जिस वजह से गांव 2 से 3 महीने तक जलमग्न रहता है. इस दौरान काफी परेशानी होती है. किसी को ऊंची जगहों पर ठिकाना ढूंढना पड़ता है तो किसी को अपने रिश्तेदार के यहां रहना पड़ता है.

मुजफ्फरपुर: पिछले कई दिनों से हुई तेज बारिश के कारण बागमती नदी का जलस्तर (Water Level of Bagmati River) बढ़ गया है. जिस वजह से कई गांवों में बाढ़ का पानी (Flood Waters) घुस गया है. मजबूरन लोगों को ऊंची जगहों पर शरण लेना पड़ रहा है. कई जगहों पर लोग बांस-बल्ला लगाकर रहने का जुगाड़ लगा रहे हैं.

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औराई-कटरा बाढ़ से प्रभावित
जिले के दो प्रखंड औराई और कटरा बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित है. औराई प्रखंड के बभंनगामा में 500 परिवार बाढ़ के पानी से घिर चुके हैं. जिस वजह से लोग ऊंची जगहों पर पलायन कर रहे हैं. कुछ लोग जहां अपने रिश्तेदार के यहां जा रहे हैं तो कुछ लोग बांध के किनारे झोपड़ीनुमा घर बना कर रह रहे हैं.

बाढ़
गांव छोड़कर जाते लोग

बागमती नदी का जलस्तर बढ़ा
स्थानीय लोगों ने बताया कि शनिवार रात से बागमती नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. जिसके बाद बभनगामा गांव पूरी तरह से बाढ़ के पानी से घिर गया है. कई लोगों के घरों में भी पानी घुस गया है. जिस वजह से लोग ऊंचे स्थान पर शरण ले रहे हैं.

गांव में घुसा पानी
वहीं, कटरा के बकूची, अन्दामा, पतारी, नवादा, भवानीपुर और बर्री में भी कई घरों में पानी प्रवेश कर चुका है. चौर के अंदर भी पूरा पानी भरने लगा है. जिसके लेकर लोगों के बीच बाढ़ का दहशत बढ़ गया है. बागमती नदी के लगातार जल स्तर बढ़ने के बाद बकुची और बेनीबाद सड़क पर कई जगहों पर कटाव काफी तेजी से हो रहा है‌. पतारी के स्कूलों में भी पानी प्रवेश कर चुका है.

प्रखंड मुख्यालय से संपर्क टूटा
आपको बताएं कि बागमती नदी के पीपा पुल की दोनों तरफ पानी चढ़ चुका है. लोग जान जोखिम में डालकर आवागमन कर रहे हैं. जिससे 14 पंचायत के लोगों का संपर्क प्रखंड मुख्यालय से कट गया है. बाढ़ के पानी में चचरी पुल ध्वस्त हो गया है. आने-जाने के लिए सिर्फ नाव का ही सहारा लेना पड़ रहा है.

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हर साल बाढ़ की विभिषिका
ग्रामीणों की मानें तो गांव में हर साल बाढ़ आती है, जिस वजह से गांव 2 से 3 महीने तक जलमग्न रहता है. इस दौरान काफी परेशानी होती है. किसी को ऊंची जगहों पर ठिकाना ढूंढना पड़ता है तो किसी को अपने रिश्तेदार के यहां रहना पड़ता है.

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