पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज मुजफ्फरपुर जाएंगे. 10 बजे वह पटना से रवाना होंगे. यहां पर वह चमकी बुखार के पीड़ित बच्चों का हालचाल जानेंगे और संबंधित अधिकारियों से बातचीत करेंगे. इस बुखार से अब तक 148 बच्चों की जान जा चुकी है. इसके बाद से ही विपक्ष ने सीएम के मुजफ्फरपुर दौरे को लेकर सवाल उठने शुरू कर दिए थे.
सीएम ने बुलाई थी आपात बैठक
बता दें कि सोमवार को सीएम नीतीश कुमार नीति आयोग की बैठक खत्म कर दिल्ली से पटना लौटे हैं. पटना पहुंचते ही सीएम ने स्वास्थ्य विभाग की आपात बैठक बुलाई थी. इस बैठक के बाद सरकार ने चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों का मुफ्त में इलाज करने के निर्देश जारी किए हैं.
रविवार को हालात का जायजा लेने पहुंचे थे डॉ. हर्षवर्धन
रविवार को ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, राज्य मंत्री अश्विनी चौबे और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय मुजफ्फरपुर में हालात का जायजा लेने के लिए पहुंचे थे. उन्होंने कहा था कि एईएस से दोबारा इतने बच्चों की मौत न हो, इसके लिए लगातार प्रयास और रिसर्च किया जाएगा. साथ ही स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बिहार सरकार को आश्वासन दिया था कि AES की रोकथाम के लिए हाई क्वालिटी का रिसर्च सेंटर बनेगा और एक साल के भीतर ये रिसर्च सेंटर पूरा होगा.
मौत का कारण है हाईपोग्लाइसीमिया
मुजफ्फरपुर और इसके आस-पास के इलाकों में भयंकर गर्मी और उमस की वजह से बच्चे एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम यानी कि चमकी बुखार का तेजी से शिकार हो रहे हैं. हालांकि सरकार का कहना है कि अधिकतर मौत का कारण हाईपोग्लाइसीमिया है, यानी लो ब्लड शुगर. वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि हाईपोग्लाइसीमिया इस बुखार का ही एक भाग है.
जानिए क्या हैं इसके लक्षण :
- एईएस पीड़ित बच्चे की अचानक तबीयत बिगड़ जाती है.
- अचानक बच्चा कोमा में चला जाता है.
- इस बीमारी के सामान्य लक्षण होते हैं.
- गर्मी के दौरान इन लक्षणों को काफी गंभीरता से लेने की आवश्यकता है.
- तेज बुखार, सिर दर्द, गर्दन में अकड़न, उल्टी होना, सुस्ती, भूख कम लगना इत्यादि इसके लक्षण होते हैं.
- साथ ही बच्चे के मुंह में झाग निकलना और उसको झटका लगना.
- अगर बच्चों को सास लेने में दिक्कत हो या दांत बंद हो जाए. तो तुरंत उसे अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए.
- चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों में हाइपोग्लाइसीमिया यानी शुगर की कमी देखी जा रही है.
जानिए क्या हैं इसके उपचार :
- पीड़ित इंसान के शरीर में पानी की कमी न होने दें.
- बच्चों को सिर्फ हेल्दी फूड ही दें.
- रात को खाना खाने के बाद मीठा जरूर दें.
- बच्चों को थोड़ी-थोड़ी देर बार तरल पदार्थ देते रहें, ताकि उनके शरीर में पानी की कमी न हो.
इन बातों का रखें ध्यान :
- बच्चों को गंदे पानी के संपर्क में न आने दें.
- मच्छरों से बचाव के लिए घर के आसपास पानी न जमा होने दें.
- तेज धूप में बच्चों को बाहर नहीं निकलने दें.
- बच्चे में चमकी व तेज बुखार होते ही नजदीकी पीएचसी लेकर पहुंचे.
- अपने मन से और गांव के कथित डॉक्टरों से इलाज नहीं कराएं.
- पीएचसी, आशा सेविका को जानकारी देने पर एम्बुलेंस की सुविधा मिलेगी.
- चमकी व तेज बुखार बीमारी है यह देवता व भूत प्रेत का लक्षण नहीं है.
- ओझा से झाड़फूंक करवाने की जगह सरकारी अस्पताल लेकर बच्चे को आएं.